आज यानी शनिवार को मतगणना केंद्र, मानो किसी रणभूमि सा प्रतीत हो रहा है, जहां प्रत्याशियों की धड़कनें युद्ध-नाद सी गूंज रही है। मन में उथल-पुथल, चेहरे पर कृत्रिम शांति का मुखौटा। उधर, पार्टी दफ्तरों पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
ईवीएम से निकलेगा राज, जनता का फैसला आज
पूर्वी सिंहभूम जिले जमशेदपुर पश्चिम, पूर्वी, जुगसलाई, बहरागोड़ा, घाटशिला और पोटका–इन छह विधानसभा सीटों के भविष्य का फैसला शनिवार को हो जाएगा। शनिवार सुबह छह बजे से ही मतगणना केंद्र के बाहर प्रत्याशियों के चेहरों पर उम्मीद की हल्की सी लौ टिमटिमा रही है, तो कहीं बेचैनी की आग धधक रही है। प्रत्याशियों से लेकर उनके समर्थकों तक, सभी की नज़रें मतगणना केंद्र पर टिकी हैं। कहीं उम्मीद की किरणें फूट रही हैं तो कहीं चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं।
बन्ना व सरयू की प्रतिष्ठा दांव पर
जमशेदपुर पश्चिम में बन्ना गुप्ता और सरयू राय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पूर्वी सीट पर पूर्णिमा साहू, अजय कुमार और शिवशंकर सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला रोमांच से भरा है। पोटका में मीरा मुंडा अपने पति अर्जुन मुंडा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, तो संजीब सरदार उन्हें कड़ी चुनौती दे रहे हैं। जुगसलाई, बहरागोड़ा और घाटशिला में भी मुकाबला रोमांचक है।
(सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम। जागरण फोटो)को-आपरेटिव कालेज स्थित मतणना केंद्र की फिजा में एक अजीब सा सन्नाटा है। सर्द हवाएं भी मानो अपनी चाल धीमी कर चुकी हैं। मतगणना केंद्र के बाहर लगे टेंट में प्रत्याशी और उनके समर्थक जुटे हैं। कहीं मंत्रणा का दौर चल रहा है, तो कहीं खामोशी छिरी हुई है। बन्ना गुप्ता के समर्थकों चेहरे पर एक अजीब सी शांति है। वे लगातार अपने मोबाइल पर नज़र गड़ाए हुए हैं। सरयू राय के समर्थक अपने कार्यकर्ताओं को हौसला दे रहे हैं, लेकिन उनकी आंखों में भी बेचैनी साफ झलक रही है।
जमशेदपुर पूर्वी में त्रिकोणीय मुकाबला
जमशेदपुर पूर्वी में त्रिकोणीय मुकाबले ने माहौल को और भी गर्म कर दिया है। तीनों प्रत्याशी अपने-अपने तरीके से जीत की दुआएं मांग रहे हैं। पूर्वी सीट पर पूर्णिमा साहू के समर्थकों के चेहरों पर शांति है। मानो उन्होंने सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दिया हो। डा. अजय कुमार अपने करीबी सहयोगियों के साथ गहरी चर्चा में मशगूल हैं। क्या चल रहा है उनके मन में, ये कोई नहीं जानता। शिवशंकर सिंह बार-बार अपनी घड़ी की ओर देख रहे हैं। समय मानो रुक सा गया है। पोटका से आए मीरा मुंडा के समर्थक बेचैन हैं। उनके लिए ये सिर्फ चुनाव नहीं, बलकि अपने नेता की विरासत को बचाने की लड़ाई है। संजीब सरदार के समर्थकों में भी जोश है।
वहीं, जुगसलाई, बहरागोड़ा और घाटशिला क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में भी कुछ ऐसा ही माहौल है। हवा में बेचैनी घुली हुई है। हर कोई अपने प्रत्याशी की जीत की दुआ कर रहा है। लेकिन असली फैसला तो ईवीएम में बंद है, जो शनिवार को खुलेगा।
(सभी टेबलों पर वोटों की गिनती जारी है। जागरण फोटो)
85 मेजों पर हो रही गिनती
लोकतंत्र के महापर्व में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के भाग्य का फैसला 13 नवंबर को ही ईवीएम में कैद हो चुका है। विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा का क्षण निकट आ रहा है। को-आपरेटिव कालेज में शनिवार सुबह से ही मतगणना की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
पूर्वी सिंहभूम जिले में छह विधानसभा क्षेत्रों – बहरागोड़ा, घाटशिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी), जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी – की मतगणना को-आपरेटिव कालेज में एक ही केंद्र पर संपन्न हो रही है। इन छह विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1956 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। मतगणना प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए 85 गणना मेजों की व्यवस्था की गई है।
को-आपरेटिव कालेज के विशाल हाल में 85 गणना मेजें लगाई गई है, जहां कर्मचारी मतगणना का कार्य करेंगे। निर्वाचन प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग गणना कक्ष आवंटित किए गए हैं। मतगणना की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हो, इसके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में पूरी प्रक्रिया होगी और अधिकारी सतर्कतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे।
मतणना केंद्र व गणना मेज
1 बहरागोड़ा 264 14 192 घाटशिला (एसटी) 291 15 203 पोटका (एसटी) 326 16 214 जुगसलाई (एससी) 381 20 205 जमशेदपुर पूर्वी 303 15 216 जमशेदपुर पश्चिमी 348 16 22
विजय के जश्न में सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
(मौके पर पुलिस फोर्स तैनात। जागरण फोटो)झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को आने वाले हैं, और इसके साथ ही विजय जुलूस की भी तैयारी चल रही है। मतणना स्थल को-आपरेटिव कालेज के बाहर जहां एक ओर राजनीतिक दल अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए तैयार हैं, वहीं पुलिस प्रशासन भी किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। मतगणना के बाद जीतने वाली पार्टी के कार्यकर्ता जब विजय जुलूस में शामिल होंगे, तो शहर की कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर होगी। इसके लिए पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं, ताकि विजय जुलूस के दौरान कोई भी उपद्रव न हो और शांति का माहौल बना रहे।
(कर्मचारियों से जानकारी लेते अधिकारी। जागरण फोटो)
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, पुलिस बल की तैनाती
मतगणना के दिन शनिवार को विजय जुलूस तक की सुरक्षा व्यवस्था के लिए झारखंड पुलिस ने अपने सभी संसाधनों को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया है। शहर भर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और प्रत्येक प्रमुख राजनीतिक दल के कार्यालयों के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। सुरक्षा की दृष्टि से, विशेष रूप से पार्टी दफ्तरों और प्रमुख चौराहों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है।
(सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े इंतजाम किए गए। जागरण फोटो)
मतगणना स्थल की सुरक्षा पर विशेष ध्यान
को आपरेटिव कालेज में स्थित स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन तैयार दिख रही है। यहां की सुरक्षा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत बेहद सख्त की गई है। केंद्रीय बलों के अतिरिक्त पुलिस बलों और होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को कड़ा विरोध किया जा सके। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि स्ट्रांग रूम के इनर मोस्ट कारिडोर में केवल अधिकृत लोगों का ही प्रवेश हो सके। वहीं, मिडिल और आउटर कॉरिडोर की सुरक्षा झारखंड पुलिस और जिला पुलिस के जिम्मे दी गई है।
विजय जुलूस के दौरान हर्ष फायरिंग पर कड़ी नजर
पुलिस प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि विजय जुलूस के दौरान किसी भी कीमत पर हर्ष फायरिंग न हो। किसी भी व्यक्ति द्वारा इस तरह की हरकत करने पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है, और उसके हथियार को भी जब्त किया जाएगा। इससे साफ संकेत मिलता है कि प्रशासन किसी भी प्रकार की हिंसा या अव्यवस्था को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है।
(सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम। जागरण फोटो)
पार्टी दफ्तरों पर कड़ी सुरक्षा
जश्न से पहले पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं के बीच कोई टकराव न हो। विजय जुलूस के दौरान हर दल के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टी के जीत का उत्सव मनाने के लिए एकत्रित होंगे। ऐसे में पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी दल के कार्यकर्ता दूसरे दल के समर्थकों से भिड़ें नहीं और कहीं भी उपद्रव न हो। इसके लिए सभी प्रमुख चौराहों और पार्टी दफ्तरों के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
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विजय जुलूस के दौरान सुरक्षा पुख्ता
राजनीतिक दलों ने मतगणना केंद्र के बाहर अपना-अपना टेंट स्थापित किया है। टेंट में अभी से ही कार्यकर्ता जुटने लगे हैं। भाजपा, कांग्रेस, एनडीए, झामुमो सहित अन्य दलों ने इन मंडपों में अपने फ्लैग लगाए हैं और सभी दल अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जश्न मनाने के लिए तैयार हैं। पुलिस ने इन सभी मंडपों पर भी निगरानी रख रही है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और शांति बनी रहे।
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