हरियाणाः पढ़िए- टिकट बंटवारे में BJP-कांग्रेस ने अपनाया कौन सा कॉमन फॉर्मूला
2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य के दाेनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस ने 5 सीटों पर जातिगत समीकरणों के आधार पर ही टिकट दिए हैं। इनमें दिल्ली से सटी फरीदाबाद व गुड़गांव सीट भी शामिल है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 15 Apr 2019 07:31 AM (IST)
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। बेशक देश में जातिगत जानकारी एकत्र करने के लिए कोई अधिकृत सर्वे नहीं हुए, मगर चुनाव में राजनीतिक दल टिकट मतदाताओं के जातीय समीकरण देखते हुए ही बांटते हैं। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से तीन तरफ घिरा हुआ है। करनाल, सोनीपत, गुड़गांव, फरीदाबाद और महेंद्रगढ़-भिवानी पांच लोकसभा सीट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का हिस्सा हैं, बावजूद इसके हरियाणा की राजनीति से अभी तक जातिगत समीकरण अलग नहीं हुए हैं। यही कारण है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य के दाेनों प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस ने अभी तक पांच सीटों पर जातिगत समीकरणों के आधार पर ही टिकट दिए हैं। अंबाला और सिरसा सुरक्षित सीट पर दोनों ही दलों ने एक ही जाति के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इन सीटों पर 2019 के चुनाव में क्षेत्रीय दल इंडियन नेशनल लोकदल ने चरणजीत सिंह रोडी को चुनाव मैदान में उतारा था। सिख धर्म के चरणजीत सिंह भी अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं। इस बार भाजपा और कांग्रेस ने फरीदाबाद, गुड़गांव सहित भिवानी-महेंद्रगढ़ में अपने प्रत्याशी एक ही जाति से उतारे हैं।
अहीर, जाट और गुर्जर प्रत्याशियों का नहीं निकला तोड़
गुड़गांव में भाजपा से राव इंद्रजीत सिंह एक बार फिर प्रत्याशी बने हैं। राव इंद्रजीत सिंह 1998,2004 व 2009 में भी कांग्रेस के टिकट पर अहीरवाल क्षेत्र की लोकसभा सीट से विजयी हुए हैं। 2014 में वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और सांसद बने। तब उनके सामने कांग्रेस ने राव धर्मपाल को चुनाव मैदान में उतारा था। इस बार भी कांग्रेस ने भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह के सामने कैप्टन अजय यादव को उतारा है।
अहीर, जाट और गुर्जर प्रत्याशियों का नहीं निकला तोड़
गुड़गांव में भाजपा से राव इंद्रजीत सिंह एक बार फिर प्रत्याशी बने हैं। राव इंद्रजीत सिंह 1998,2004 व 2009 में भी कांग्रेस के टिकट पर अहीरवाल क्षेत्र की लोकसभा सीट से विजयी हुए हैं। 2014 में वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और सांसद बने। तब उनके सामने कांग्रेस ने राव धर्मपाल को चुनाव मैदान में उतारा था। इस बार भी कांग्रेस ने भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह के सामने कैप्टन अजय यादव को उतारा है।
इसी तरह फरीदाबाद में भाजपा ने 2014 में तीन बार सांसद रहे जाट जाति के रामचंद्र बैंदा का टिकट काटकर गुर्जर जाति के कृष्णपाल गुर्जर को टिकट दिया। तब यह माना गया कि 2004 और 2009 के चुनाव लगातार दो बार चुनाव जीते अवतार भड़ाना को हराने के लिए गुर्जर जाति का उम्मीदवार ही जरूरी है। ऐसे ही भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी जाट जाति से होंगेे। भाजपा और कांग्रेस ने 2014 में उतारे अपने प्रत्याशी धर्मबीर सिंह और श्रुति चौधरी को चुनाव मैदान में उतारा है। असल में गुड़गांव सीट पर यादव मतदाताओं की सर्वाधिक संख्या है। भिवानी-महेंद्रगढ़ और सीट पर जाट मतदाताओं की संख्या ज्यादा है।
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