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JNU Students Protest : जानिए- क्या था वह सवाल जिसे सुनकर दिल्ली पुलिस भी रह गई हैरान

विशेष पुलिस आयुक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने ही छात्रों ने सवाल दाग दिया कि जब पुलिस ने मुख्यालय को 11 घंटे तक घेरा था तब परेशानी का ध्यान क्यों नहीं था?

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 19 Nov 2019 07:39 AM (IST)
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JNU Students Protest : जानिए- क्या था वह सवाल जिसे सुनकर दिल्ली पुलिस भी रह गई हैरान
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल की फीस वृद्धि को लेकर सैकड़ों छात्र सोमवार को सड़क पर उतर आए। जेएनयू से संसद तक मार्च निकालने के दौरान करीब आठ घंटे तक राजधानी में हंगामा चलता रहा। दिनभर चली गहमागहमी के बीच पुलिस ने उन्हें अरबिंदो मार्ग पर सफदरजंग मकबरे के पास रोक लिया। यहां पर हजारों छात्र सड़क पर बैठ गए जिन्हें हटाने के लिए पुलिस को शाम तीन बजे व रात सवा सात बजे बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान पुलिस को छात्रों के सवाल पर असहज होना पड़ा। दरअसल, सफदरजंग मकबरे के पास छात्रों को पुलिसकर्मी समझा रहे थे कि आंदोलन से हजारों लोग परेशान हैं। इस पर विशेष पुलिस आयुक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त के सामने ही छात्रों ने सवाल दाग दिया कि जब पुलिस ने मुख्यालय को 11 घंटे तक घेरा था तब परेशानी का ध्यान क्यों नहीं था?

थाने में ले जाए गए थे छात्र-छात्राएं, देर शाम हिरासत से मुक्त किया

वहीं, छात्रों ने संसद तक पैदल मार्च निकालकर अपनी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन विकास मंत्री तक पहुंचाने का एलान किया था। इसके तहत सोमवार की सुबह 10 बजे से ही छात्र कैंपस में एकत्र होने लगे थे। वहीं उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने सुबह ही जेएनयू के नॉर्थ गेट को बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया था। साथ ही क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बावजूद दोपहर 12 बजे सैकड़ों छात्र इसे तोड़कर बाबा गंगनाथ मार्ग होते हुए कटवरिया सराय की ओर बढ़ चले। यहां लगाई गई दूसरी बैरिकेडिंग भी छात्रों ने तोड़ दी और आगे बढ़ने लगे। यहां से करीब 150 छात्र-छात्राओं को हिरासत में लेकर बस से बदरपुर, कालकाजी, दिल्ली कैंट व फतेहपुरबेरी व सरोजनी नगर थाने में ले जाया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक एहतियात के तौर पर जेएनयू और नई दिल्ली इलाके में धारा-144 लगा दी थी। इसके बावजूद हजारों छात्रों ने जेएनयू के बाहर बनाए गए तीनों बैरिकेड एक-एक कर तोड़ दिए। इधर तीसरा बैरिकेड तोड़ने वाले छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया तो छात्रों ने पुलिस को चकमा देते हुए अपना मार्ग बदल लिया। अब आंदोलनकारी नेल्सन मंडेला मार्ग से मुनिरका, स्वामी विवेकानंद मार्ग होते हुए हयात होटल के सामने से रिंग रोड पर आ गए। भीकाजी कामा फ्लाइओवर, सरोजनी नगर फ्लाइओवर व एम्स फ्लाइओवर होते हुए छात्र अरबिंदो मार्ग पर सफदजंग मकबरे के पास पहुंए गए। यहां पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र जख्मी हो गए। एक छात्र ने बताया कि छह आंदोलनकारियों के सिर में चोट आई है। पुलिस ने छात्रों को अरबिंदो मार्ग पर रोका तो वे वहीं धरने पर बैठ गए। एहतियात के तौर पर जोरबाग मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया। पुलिस के समझाने पर छात्र नहीं माने तो शाम करीब सवा सात बजे फिर बल प्रयोग किया गया। इसमें करीब दो दर्जन छात्र-छात्राओं को चोटें आई हैं। पुलिस की कार्रवाई के बाद सभी छात्र तितर-बितर हो गए।

वहीं, अनिल मित्तल (अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी, दिल्ली पुलिस) के मुताबिक, हंगामें में 30 पुलिसकर्मी व 15 छात्र घायल हुए हैं। शांति बहाली के लिए 10 कंपनी सीआरपीएफ के अलावा 800 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया था। स्पेशल सीपी लॉ ऑर्डर आरएस कृष्णाइया व स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन ने मौके पर पहुंचकर छात्रों को समझाया।

कांग्रेस ने की सरकार की आलोचना

फीस वृद्धि के खिलाफ जेएनयू छात्रों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को कहा कि यह सरकार देश के किसी युवक और किसी ऐसे विश्वविद्यालय से डरती है, जो मुक्त विचारधारा का समर्थन करता है। यह सरकार ऐसे लोगों से भयभीत है, जो बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहते हैं। खेड़ा ने कहा कि जेएनयू में प्रस्तावित फीस वृद्धि से यह देश के सबसे महंगे केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक हो जाएगा। इसे देखते हुए फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की छात्रों की मांग पूरी तरह जायज है।

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