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'मोदी महिला विरोधी, दूसरों के खिलाफ कुछ भी बोल देते हैं...', शरद पवार ने प्रधानमंत्री पर बोला सीधा हमला

बीड से राकांपा (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार बजरंग सोनावणे के पक्ष में एक रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार ने पीएम मोदी पर मुसलमानों को खुलेआम निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर उन्हें सभी जातियों और पंथों के नागरिकों के साथ खड़ा होना चाहिए। लेकिन उनमें मुसलमानों के प्रति नफरत साफ झलकती है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 11 May 2024 10:00 PM (IST)
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शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि वह अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, बीड। राकांपा (शरद चंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि वह अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते, लेकिन दूसरों के खिलाफ कुछ भी बोल देते हैं। यह हमला मोदी द्वारा 'नकली राकांपा' को अजीत पवार की राकांपा से हाथ मिलाने की सलाह दिए जाने के एक दिन बाद आया है।

बीड से राकांपा (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार बजरंग सोनावणे के पक्ष में एक रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार ने मोदी पर मुसलमानों को खुलेआम निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर उन्हें सभी जातियों और पंथों के नागरिकों के साथ खड़ा होना चाहिए। लेकिन, उनमें मुसलमानों के प्रति नफरत साफ झलकती है। लोगों को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे चुनाव में मोदी को मदद मिले।

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उन्होंने मोदी को महिला विरोधी और किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया। उनकी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर भी आंखें मूंद ली है। अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी सत्ता के दुरुपयोग और अहंकार का उदाहरण हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अपनी रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री ने भी शरद पवार पर तीखे हमले किए थे। पुणे में आयोजित एक चुनावी रैली में मोदी ने उनका नाम लिए बिना पवार को 'भटकती आत्मा' करार दिया था, जो दूसरों के अच्छे काम को खराब कर देता है।

शुक्रवार को मोदी ने लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) को चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ विलय करके मरने के बजाय क्रमश: उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ जाने की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री की इस सलाह पर तुरंत पलटवार करते हुए शरद पवार ने कहा था कि वह उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं करेंगे जो संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते।

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