Mamata Banerjee In Siliguri: बंगाल में हिंसा की कोई जगह नहींः मुख्यमंत्री
Mamata Banerjee In Siliguri. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल की यूनिवर्सिटीज में होने वाली हिंसा को लेकर कहा है कि मैं यहां लिचिंग नहीं होने दूंगी।
By Preeti jhaEdited By: Updated: Mon, 20 Jan 2020 07:02 PM (IST)
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। Mamata Banerjee In Siliguri. बंगाल में हिंसा की कोई जगह नहीं है। सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट नहीं होने देंगे। इस मिट्टी पर किसी प्रकार का हमला नहीं होने देंगे। यह कहना है राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का। सोमवार को शिवमंदिर के अठारोखाई मैदान में उत्तरबंग उत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहीं थीं। इसी मंच से उत्तर बंगाल के नौ शिक्षाविदों को बंगरत्न से सम्मानित किया।
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों से उपेक्षित उत्तर बंगाल को जब से तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई है, उसके बाद से इसे सजाने और संवारने में जुटी हुई है। केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली मुख्यमंत्री मुख्ममंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बाद एनपीआर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने विपक्ष शासित सभी राज्यों से सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की अपील की है। साथ ही, एलान किया है कि वो 22 जनवरी को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ दार्जिलिंग एक रैली निकालने जा रही हैं।
उन्होंने उत्तर बंगाल की यूनिवर्सिटीज में होने वाली हिंसा को लेकर कहा है कि मैं यहां लिचिंग नहीं होने दूंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में विपक्ष शासित सभी राज्यों से सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की अपील करते हुए कहा है कि एनपीआर को लेकर किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ लें।
एनपीआर खतरनाक खेलममता बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को 'खतरनाक खेल' करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि एनआरसी के क्रियान्वयन का पूर्व स्वरुप है। पता चला है कि माता-पिता के एनपीआर फॉर्म में जन्मस्थान से जुड़ा कॉलम भरना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि यह अनिवार्य नहीं है तो फिर इस कॉलम को फॉर्म में क्यों रखा गया है? पहले कानून को पहले पढ़ना चाहिए फिर इसके बाद ही इसे लागू करने को लेकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनपीआर एनआरसी और सीएए से पूरी तरह संबंधित है। राज्यों को इसे वापस करने के लिए प्रस्ताव पास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि मैंने सुना है कि एक राजनीतिक पार्टी नॉर्थ बंगाल की यूनिवर्सिटी में दिक्कतें पैदा करने की कोशिश कर रही है। पुलिस को स्पष्ट निर्देश देती हूं कि इस प्रकार के लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें। मैं उत्तर बंगाल में लिंचिंग नहीं होने दूंगी। मुख्यमंत्री ने महिलाओं और युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे इस प्रकार के बांटने वाली राजनीति के खिलाफ घर से बाहर निकले। बंगाल की संस्कृति को नष्ट करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी कीमत पर बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद सड़क मार्ग से कर्सियांग के लिए रवाना हो गई।
इनको मिला उत्तर बंग सम्मानअलीपुरद्वार से राजेंद्र नाथ दास, कूचबिहार के ज्योतिर्मयी राय, दक्षिण दिनाजपुर के विश्वनाथ लाहा, दार्जिलिंग से गणेश बहादुर गिरी, जलपाईगुड़ी से डॉक्टर सुभाष मजूमदार, सिलीगुड़ी से टेबल टेनिस कोच भारती घोष, कालिमपोंग शिक्षिका हेमलता प्रधान, मालदा से डॉक्टर जिनेंद्र के सरकार, उत्तर दिनाजपुर से डॉक्टर ममता कुंडू।सीएम का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को उत्तर बंगाल में कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए प्रशासनिक बैठक करेंगी। इसी दिन मुख्यमंत्री दार्जिलिंग के लिए रवाना होंगी। बुधवार को ममता नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पदयात्रा और सभा को संबोधित भी करेंगी। सीएम 23 जनवरी नेताजी जन्म जयंती समारोह में दार्जिलिंग चौ रास्ता से पहाड़ वासियों को संबोधित करेंगी। मुख्यमंत्री 24 जनवरी को सिलीगुड़ी से लौटकर बागडोगरा होते हुए हवाई मार्ग से कोलकाता रवाना होंगी।
उल्लेखनीय है कि इस साल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह दूसरा उत्तर बंगाल दौरा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ सिलीगुड़ी में पदयात्रा निकाली थी।
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