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Mann Ki Baat: जानिए, कौन है झारखंड का लाइब्रेरी मैन, पीएम मोदी ने 'मन की बात' में की उनकी सराहना

Mann Ki Baat Library Man of Jharkhand प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में रविवार को झारखंड के लाइब्रेरी मैन की सराहना की है। यह लाइब्रेरी मैन झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में अब तक 40 पुस्तकालय की स्थापना कर चुका है। आइए जानें कौन है झारखंड का लाइब्रेरी मैन।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarUpdated: Sun, 27 Nov 2022 01:10 PM (IST)
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Mann Ki Baat, Library Man of Jharkhand: नरेंद्र मोदी ने मन की बात में झारखंड के लाइब्रेरी मैन की तारिफ।

रांची, जासं। Mann Ki Baat, Library Man of Jharkhand प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में रविवार को झारखंड के लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप की सराहना की। मन की बात में प्रधानमंत्री ने संजय की लाइब्रेरी के बारे में जिक्र किया। पीएम के मन की बात को रांची के 700 बूथों में भाजपा के नेता व कार्यकर्ताओं ने सुना।

आइए जानते हैं कौन है यह लाइब्रेरी मैन

झारखंड के चाईबासा का रहने वाला 42 वर्षीय संजय कच्छप ने 2002 में स्नातक की पढ़ाई के वक्त आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा। इसके लिए इन्होंने अपने स्तर से हरसंभव कोशिश की, लेकिन गरीबी के कारण महंगी पुस्तकें खरीद पाने में वे असमर्थ थे। वहीं अच्छी पुस्तकें नहीं मिल पाने के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया। हालांकि बाद में उन्हें रेलवे और कृषि विभााग में नौकरी मिल गई।

सरकारी नौकरी मिलने के बाद इन्होंने निर्धन बच्चों की परेशानियों को समझते हुए पुस्तकालय स्थापित करने का अभियान शुरू किया। अपने पैतृक गांव से लेकर जहां भी नौकरी के दौरान पदस्थापित रहें, वहां बच्चों के लिए पुस्तकालय स्थापित करने का काम किया। जिसके कारण इन्हें अब लोग ‘लाइब्रेरी मैन’ के नाम से जानने लगे।

अब तक 40 पुस्तकालय की स्थापना

अब तक इन्होंने कोल्हान क्षेत्र में 40 पुस्तकालय की स्थापना करने में सफलता हासिल की है। सरकारी नौकरी में आने के बाद सबसे पहले संजय कच्छप ने पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में वार्ड नंबर-1 के पुलहातू स्थित अपने पैतृक स्थान पर ‘मोहल्ला पुस्ताकलय’ की स्थापना की। इस सराहनीय काम में उन्हें कई समान विचारधारा वाले लोगों ने मदद की। तब से लेकर अब तक उन्होंने कोल्हान प्रमंडल के तीन जिलों पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिले में लगभग 40 पुस्तकालयों की स्थापना की है। इन पुस्तकालयों की मदद से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले गरीब और आदिवासी छात्रों को उनके जरूरत की सारी किताबें आसानी से उपलब्ध हो जा रही है।