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मोदी के आयुष्मान योजना की अब छत्तीसगढ़ से भी होगी छुट्टी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना की छत्तीसगढ़ से भी छुट्टी होने जा रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:14 AM (IST)
मोदी के आयुष्मान योजना की अब छत्तीसगढ़ से भी होगी छुट्टी
 रायपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना की छत्तीसगढ़ से भी छुट्टी होने जा रही है। राज्य सरकार ने यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लांच करने की तैयारी की है। इसके लांच होने के साथ ही आयुष्मान योजना को रोक दिया जाएगा। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सहित कुछ और गैर भाजपाई राज्यों में योजना का विरोध किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि आयुष्मान योजना एक बीमा योजना है, जिसमें खर्च ज्यादा है और आउटपुट कम है। छत्तीसगढ़ में ऐसी स्वास्थ्य स्कीम बनाई जा रही है, जो आयुष्मान योजना से कम खर्च में तैयार होगी। इसमें जांच, इलाज और दवा मुफ्त मिलेगी। यही नहीं, प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में कार्ड की बाध्यता को खत्म करने की भी तैयारी चल रही है।

गौरतलब है कि आयुष्मान योजना में गरीबों का पांच लाख और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में सामान्य वर्ग के मरीजों का 50 हजार तक का इलाज होता है। प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के बीजापुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

अब तक दिल्ली, ओडिशा और तेलंगाना ने आयुष्मान योजना को स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में केंद्र से मिलने वाली राशि इन राज्यों को नहीं मिल रही है। छत्तीसगढ़ में भी आयुष्मान योजना बंद करने से केंद्र से मिलने वाली 60 फीसद की राशि बंद हो जाएगी। टीएस सिंहदेव ने कहा कि आयुष्मान के बदले केंद्र सरकार से सीएचसी और पीएचसी को मजबूत करने के लिए अन्य मद में राशि की मांग की जाएगी।

आयुष्मान से सिर्फ पांच से आठ फीसद आबादी का इलाज
सिंहदेव ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में गंभीर बीमारी का इलाज होता है। इस दायरे में प्रदेश की पांच से आठ फीसद आबादी ही आती है। इस योजना में प्रदेश के 42 लाख परिवार का 1100 रुपये प्रति परिवार के आधार पर इंश्योरेंस कराया गया है। इसमें 660 रुपये केंद्र और 440 रुपये राज्य सरकार देती है।

सिंहदेव ने बताया कि आयुष्मान के लिए राज्य को करीब 180 करोड़ रुपये देना पड़ता है। इतने में प्रदेश के 80 फीसद आबादी को नि:शुल्क दवा और इलाज कराया जा सकता है। यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को बेहतरीन बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी।

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