वेस्ट यूपी में समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद करेंगे मुलायम के करीबी नरेंद्र, जानिए- कौन हैं ये
पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी से दूरी बनाए हुए पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी एक बार फिर गौतमबुद्धनगर ही नहीं बल्कि में सपा का झंडा बुलंद करेंगे।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 07 Sep 2019 01:29 PM (IST)
ग्रेटर नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से दूरी बनाए हुए पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी एक बार फिर गौतमबुद्धनगर ही नहीं, बल्कि में सपा का झंडा बुलंद करेंगे। सूत्रों की मानें पूर्व सांसद सुरेंद्र नागर के भाजपा में शामिल होने के बाद हाईकमान ने जिले में पार्टी के गिरते ग्राफ को बचाने के लिए उन्हें फिर से जिम्मेदारी सौंपी है।
सक्रिय हुए पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी हाईकमान के आग्रह के बाद नरेंद्र भाटी ने अपने करीबी लोगों को फोन कर पंचर हुई साइकिल में फिर से हवा भरने के लिए गोटियां बैठानी शुरू कर दी है। हालांकि, उनके लिए साइकिल को दौड़ाना आसान नहीं होगा। सपा के कई कद्दावर नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उनके छोटे भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष बिजेंद्र भाटी भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके हैं।
जिले में भाजपा बढ़ी, सपा को लगा झटकाजिले में भाजपा का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में भाजपा के सदस्यों की संख्या चार लाख से अधिक हो चुकी है। पिछले दिनों चले सदस्यता अभियान में करीब सवा लाख नए सदस्य भाजपा से जुड़े हैं। इनमें अधिकांश वो लोग हैं, जो सपा, बसपा और कांग्रेस में जुड़े हुए थे। ऐसे में सपा के गिरते ग्राफ को बचाना नरेंद्र भाटी के लिए कठिन चुनौती होगी।
तीन बार विधायक रह चुके हैं नरेंद्र भाटी
दरअसल, गौतमबुद्धनगर में सपा को खड़ा करने वाले नेता नरेंद्र भाटी ही हैं। वे सिकंद्राबाद विधान सभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं। पहले मुलायम सिंह यादव और बाद में अखिलेश यादव सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से भी वे दो बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़े। हालांकि, दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में पूर्व सांसद सुरेंद्र नागर बसपा छोड़कर सपा में आ गए। सुरेंद्र नागर की अखिलेश यादव के साथ नजदीकियों की वजह से नरेंद्र भाटी हाशिए पर चले गए। हालांकि, पार्टी ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया।
मुलायम के करीबी हैं नरेंद्र भाटी
गौरतलब है कि नरेंद्र भाटी को मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है। उन्होंने कभी सपा नहीं छोड़ी, लेकिन गत लोकसभा चुनाव में उन्होंने और उनके परिवार ने भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया। उनके प्रभाव वाले गांवों में भाजपा को खूब वोट मिले। वहीं अब सुरेंद्र नागर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सदस्य पद का प्रत्याशी भी बनाया है। सुरेंद्र नागर के भाजपा में जाने और नरेंद्र भाटी द्वारा अपनी पार्टी से दूरी बनाए जाने के बाद जिले में सपा के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है।
अखिलेश ने 2012 में गौतमबुद्धनगर से शुरू की थी साइकिल यात्रा
गौतमबुद्धनगर ही वह जिला है, जिससे 2012 में साइकिल यात्रा शुरू कर अखिलेश यादव ने प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। जिले में अब साइकिल के टायरों में पंचर हो चुका है। समूचा जिला भाजपा मय हो गया है। गौतमबुद्धनगर से सांसद डा. महेश शर्मा, तीनों विधायक पंकज सिंह, तेजपाल नागर व धीरेंद्र सिंह भी भाजपा से हैं। जनपद में जिस तेजी से भाजपा का ग्राफ बढ़ रहा है, उससे न केवल सपा, बल्कि अन्य दलों के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगे हैं। जिले में कांग्रेस को ढूंढे कार्यकर्ता नहीं मिल रहे हैं। बसपा में बिखराव हो चुका है। हालांकि, पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर, पूर्व जिला पंचायत चेयरमैन वीरेंद्र डाढ़ा व दादरी से बसपा के विधान सभा प्रभारी नरेंद्र भाटी डाढ़ा पार्टी के ग्राफ को बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
नरेंद्र भाटी ही वो नेता है, जिन्होंने गौतमबुद्धनगर में सपा को खड़ा करने का काम किया था। 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौतमबुद्धनगर से ही अपनी साइकिल यात्रा शुरू की थी। इसके बाद वे सत्ता में आए। दिल्ली-NCR की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक
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