Rajasthan Nagar Nigam Election: जयपुर, जोधपुर व कोटा के छह नगर निगमों के चुनाव पांच अप्रैल को
Rajasthan Nagar Nigam Election. राज्य निर्वाचन आयोग ने जयपुर जोधपुर व कोटा के नगर निगमों के चुनाव पांच अप्रैल को कराने की घोषणा की है।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Thu, 12 Mar 2020 06:12 PM (IST)
जयपुर, जेएनएन। Rajasthan Nagar Nigam Election. राजस्थान में विधानसभा का सत्र समाप्त होने से पहले ही एक और बड़ी राजनीतिक घोषणा हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने राजस्थान की राजधानी जयपुर और अन्य दो बड़े शहरों जोधपुर व कोटा के नगर निगमों के चुनाव पांच अप्रैल को कराने की घोषणा की है। इन तीन शहरों के छह नगर निगमों के 550 वार्डों के लिए 35 लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम घोषित किया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार, जयपुर शहर के दो निगमों जयपुर हेरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर शहर के जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण तथा कोटा शहर के कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण नगर निगम के पार्षदों के चुनाव के लिए 19 मार्च को लोक सूचना जारी की जाएगी। 23 मार्च तक नामांकन-पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद 24 मार्च को नामांकन-पत्रों की जांच होगी और 26 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 27 मार्च को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा और पांच अप्रैल को मतदान होगा। सात अप्रैल को मतगणना होगी।
निर्वाचित पार्षद 16 अप्रैल को महापौर का चुनाव करेंगे। महापौर के चुनाव के लिए नौ अप्रैल को नामांकन-पत्र दाखिल किए सकेंगे। 10 अप्रैल को नामांकन-पत्रों की जांच होगी। 13 अप्रैल को नामांकन-पत्र वापस लिए जा सकेंगे। उसी दिन प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए जाएंगे और इसके बाद 16 अप्रैल को मतदान होगा। उसी दिन मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
इसी तरह, निगम मुख्यालय में ही उपमहापौर के लिए 17 अप्रैल को निर्वाचित सदस्यों (पार्षदों) द्वारा चुनाव होगा। इसके लिए सुबह 10 बजे बैठक प्रारंभ होगी। सुबह 11 बजे तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा। दोपहर दो बजे तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे और इसके बाद जरूरी हुआ तो मतदान होगा। इसके तुरंत बाद उपमहापौर की घोषणा हो सकेगी। चुनाव की घोषणा के साथ ही इन तीनों में शहरों में आचार संहिता लागू हो गई है।
सरकार ने ऐन मौके पर बांट दिए थे निगम
जयपुर, जोधपुर और कोटा में अब तक एक ही नगर निगम था। तीनों जगह नए परिसीमन के अनुसार वार्डों की संख्या बढ़ाई गई थी और इनके चुनाव भी पिछले वर्ष नवंबर में ही होने थे, लेकिन सरकार ने चुनाव से कुछ समय पहले ही तीनों जगह निगमों का बंटवारा कर दिया और नए सिरे से परिसीमन कराने की घोषणा कर दी। वार्डों की संख्या भी बढ़ा दी गई। ऐसे में कार्यकाल समाप्त होने के बाद इन निगमों में प्रशासक नियुक्त करने पड़े। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर फैसला करते हुए कोर्ट ने कार्यकाल समाप्त होने के छह माह में चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। इसी के चलते अब आयोग ने 17 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
राजनीतिक तौर पर अहम है तीनों शहर राजस्थान के इन तीन बड़े शहरों के निकाय चुनाव को राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है, क्योंकि जयपुर जहां राजधानी है, वहीं जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है तथा कोटा स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का गृह नगर है। तीनों जगह पिछली बार भाजपा ने जीत हासिल की थी। अब नगर निगमों का बंटवारे को भाजपा के वोट बैंक में सेंध के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
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