संजय राउत नहीं जानते मैंने क्या किया है? सामना में 'उत्तराधिकारी' वाले लेख पर शरद पवार की खरी-खरी
एनसीपी में अपना उत्तराधिकारी तैयार करने में विफल रहने के शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के आरोपों पर शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि एनसीपी में हर कोई जानता है कि पार्टी को कैसे आगे ले जाना है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 09 May 2023 01:38 PM (IST)
पुणे, भाषा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने आठ मई को पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में लिखे अपने लेख में राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार पर अपना उत्तराधिकारी तैयार करने में विफल रहने का आरोप लगाया था। अब इस पर पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कि वह और उनकी पार्टी के नेता दूसरों की बातों को नजरअंदाज करते हैं। वे ऐसे लेखों को कोई महत्व नहीं देते, क्योंकि वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं।
'एनसीपी में हर कोई जानता है कि पार्टी को कैसे आगे ले जाना है'
मंगलवार को एक कार्यक्रम के इतर सतारा में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि संजय राउत नहीं जानते कि हमने क्या किया है। एनसीपी की विशेषता यह है कि हम सभी साथी बातें करते हैं, अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन प्रचार करने बाहर नहीं जाते, क्योंकि यह हमारा पारिवारिक मामला है। परिवार के रूप में हम सभी जानते हैं कि पार्टी को कैसे आगे ले जाया जाएगा और नया नेतृत्व कैसे तैयार किया जाएगा।दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में सोमवार को एक संपादकीय में दावा किया गया था कि पवार ऐसा उत्तराधिकारी बनाने में विफल रहे हैं, जो उनकी पार्टी को आगे ले जा सके।
जंबो कमेटी में शामिल थे भाजपा में जाने के इच्छुक नेता
'सामना' में यह भी दावा किया कि एनसीपी के नए अध्यक्ष के बारे में फैसला करने के लिए बनाई गई जंबो कमेटी में कुछ सदस्य शामिल थे, जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने के इच्छुक थे, लेकिन इन सदस्यों को एनसीपी कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण पवार को पद पर बने रहने के लिए कहना पड़ा। बता दें, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT), एनसीपी और कांग्रेस के साथ महाविकास आघाड़ी (MVA) के तीन घटकों में से एक है।
''हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं''
'सामना' में राउत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, "हम कोई महत्व नहीं देते, अगर कोई इस बारे में लिखता है कि हम नया नेतृत्व बनाते हैं या नहीं। यह (लिखना) उनका विशेषाधिकार है, लेकिन हम इसे अनदेखा करते हैं। हम जानते हैं कि हम क्या कर रहे हैं और हम इससे संतुष्ट हैं।"
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