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UP Cabinet Approved: चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर एक लाख की छूट, पांच वर्ष तक रोड टैक्स माफ

UP Cabinet gave approval to New Electric Vehicle Policy 2022 प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने तथा निर्माताओं कंपनियों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रभावी नीति तैयार की है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 05:03 PM (IST)
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UP Cabinet gave approval to New Electric Vehicle Policy 2022:

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने गुरुवार को नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को मंजूरी दी है। लोक भवन में आज 30 प्रस्ताव पर मुहर लगी, लेकिन सर्वाधिक चर्चा नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 को लेकर है।

सरकार प्रदेश में नई इलेक्ट्रिक वाहन संचालन को लेकर बेहद गंभीर है। इसके लिए सरकार ने इसके निर्माण के लिए उद्यमियों को आकर्षित करने के साथ ही इसका उपयोग करने वालों के लिए बड़े प्रोत्साहन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने वालों को पांच वर्ष तक रोड टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इनके सामने भी एक शर्त यह रखी गई है कि इनको उत्तर प्रदेश में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदने होंगे। लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत सब्सिडी भी मिलेगी। इसके साथ ही पहले दो हजार चार्जिंग स्टेशन के लिए 10 लाख तक पूंजीगति सब्सिडी भी दी जाएगी।

नई प्रभावी इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 तैयार

प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के प्रति लोगों का रुझान बढ़ाने तथा निर्माताओं कंपनियों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रभावी नीति तैयार की है। नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 में उपभोक्ताओं, निर्माताओं तथा चार्जिंग व बैट्री स्वैपिंग सेवा प्रदाताओं सभी के हितों का ध्यान रखा गया है।

निवेश बढ़ाने भा भी ध्यान

प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए ईवी निर्माता कंपनियों तथा बैट्री व संबंधित उपकरणों के निर्माताओं के साथ उपभोक्ताओं के लिए नई नीति में 500 करोड़ के बजट की व्यवस्था भी की गई है। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि नीति का लक्ष्य 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने के साथ ही 10 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार का सृजन है।

प्रदेश में बने ईवी खरीदने पर लाभ ही लाभ

प्रदेश में बने सभी श्रेणी के ईवी खरीदने पर नई नीति के प्रभावी होने की तिथि से पांच वर्षों तक उपभोक्ताओं को रोड शुल्क व पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा। जबकि प्रदेश में खरीदे व पंजीकृत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति के लागू होने की तिथि से तीन वर्षों तक रोड टैक्स व पंजीकरण शुल्क में सौ प्रतिशत छूट मिलेगी।

यूपी में खरीदे गए ईवी को फैक्ट्री मूल्य पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी

  • प्रदेश में एक गीगावाट की न्यूनतम क्षमता वाले बैट्री निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए 1500 करोड़ या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली दो अल्ट्रा मेगा बैट्री परियोजनाओं के लिए अधिकतम एक हजार करोड़ रुपये प्रति परियोजना के निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी
  • प्रदेश में रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा परीक्षण सुविधाओं समेत ईवी, ईवी बैट्री, व उनसे जुड़े उपकरणों की एकीकृत निर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये या उससे अधिक का निवेश करने वाली पहली दो एकीकृत ईवी परियोजनाओं को अधिकतम एक हजार रुपये प्रति योजना के तहत 30 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी
  • 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली पांच मेगा ईवी परियोजनाओं तथा तीन सौ करोड़ रुपये या उससे अधिक निवेश करने वाली पहली पांच मेगा ईवी बैट्री परियोजनाओं को निवेश के 20 प्रतिशत की दर से पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी
  • एमएसएमई परियोजनाओं को प्रति परियोजना अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक की पूंजीगत सब्सिडी तथा वृहद परियोजनाओं को प्रति परियोजना अधिकतम 90 करोड़ रुपये तक की पंजीगृत सब्सिडी प्रदान की जाएगी
  • सब्सिडी के लिए दो से 20 वर्ष तक की अवधि तय की गई है

ऐसे किया जाएगा उत्पदान को प्रोत्साहित

नई नीति के तहत उच्च उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए पूंजीगत सब्सिडी को उत्पादन क्षमता के उपयोग के गुणक से जोड़ा गया है। उत्पादन क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक उपयोग करने पर एक का गुणक प्रदान किया जाएगा। जबकि 40 से 75 प्रतिशत के मध्य उत्पादन क्षमता का उपयोग करने के लिए एक का गुणक आनुपातिक रूप से प्रदान किया जाएगा।

स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति भी

नई नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहन ट्रक निर्माताओं को स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की गई है। प्रदेश में एकीकृत ईवी परियोजनाओं तथा अल्ट्रा मेगा बैट्री परियोजना स्थापित करने के लिए 100 प्रतिशत की दर से तथा मेगा, वृहद व एमएसएमई परियाजनाओं के लिए पूर्वांचल व बुंदेलखंड में 100 प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी। मध्यांचल व पश्चिमांचल (गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर को छोड़कर) में 75 प्रतिशत तथा गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर में 50 प्रतिशत की स्टांप शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।

गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क की प्रतिपूर्ति भी

नई नीति में प्रति परियोजना अधिकतम दस लाख रुपये तक गुणवत्ता प्रमाणन शुल्क की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था भी की गई है। पेटेंट पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था के तहत घरेलू पेटेंट प्राप्त करने के लिए प्रति परियोजना अधिकतम 50 हजार रुपये तथा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने के लिए प्रति परियोजना अधिकतम दो लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। इसके अलावा एक वर्ष में अधिकतम पहले 50 कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी पांच हजार रुपये प्रति वर्ष कौशल विकास सब्सिडी के रूप में वजीफा प्रदान किया जाएगा।

उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने पर भी मिलेगी छूट

ईवी सेक्टर में सरकारी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों या निजी कंपनियों के उत्कृष्टता केन्द्र (सेंटर आफ एक्सीलेंस) स्थापित करने के लिए अधिकतम पांच परियोजनाओं को 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में हर परियोजना को अधिकतम दस करोड़ रुपये प्रदान किया जाएगा।

पूंजीगत सब्सिडी

प्रदेश में चार्जिंग व बैट्री स्वैपिंग सुविधाओं को विकसित करने के लिए वाले सेवा प्रदाताओं को अधिकतम दो हजार चार्जिंग स्टेशनों के लिए प्रति परियोजना 10 लाख रुपये तक तथा अधिकतम एक हजार स्वैपिंग स्टेशनों के लिए पांच लाख रुपये तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

पट्टे पर सरकारी भूमि

राज्य सरकार सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए एक रुपये प्रति किलो वाट आवर की दर से मामूली राजस्व बंटवारे के माडल पर दस वर्ष के लिए पट्टे पर सरकारी भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

इतने वाहनों पर मिलेगी 15 प्रतिशत सब्सिडी

  • प्रदेश में खरीदे गए पहले दो लाख दो पहिया ईवी पर पांच हजार रुपये प्रति वाहन तक सब्सिडी
  • पहले 50 हजार तीन पहिया ईवी पर प्रति वाहन अधिकतम 12 हजार रुपये तक सब्सिडी
  • पहले 25 हजार चार पहिया ईवी पर प्रति वाहन एक लाख रुपये तक सब्सिडी
  • पहली चार सौ ई-बस (गैर सरकारी) पर 20 लाख रुपये तक सब्सिडी
  • पहले एक हजार इलेक्ट्रिक गुड्स कैरियर्स पर प्रति वाहन एक लाख रुपये तक फैक्ट्री मूल्य पर 10 प्रतिशत सब्सिडी

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की पर्यावरण के प्रति बेहद गंभीर होने की इस योजना को शीघ्र ही मूर्त रूप प्रदान कर दिया जाएगा।