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अनूठा इतिहास समेटे कार में विदा हुए यूपी के डीजीपी ओपी सिंह, 1956 में खरीदी गई थी ये गाड़ी...

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के विदाई समारोह में प्रयोग हुई इस डॉज किंग्सवे विंटेज कार का पारंपरिक इतिहास है। इससे जुड़े तथ्य बड़े रोचक हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 31 Jan 2020 12:21 PM (IST)
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अनूठा इतिहास समेटे कार में विदा हुए यूपी के डीजीपी ओपी सिंह, 1956 में खरीदी गई थी ये गाड़ी...
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुखिया ओपी सिंह शुक्रवार को रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के दिन उनको शाही तरीके से शानदार पारंपरिक रैतिक परेड के जरिये विदाई देने के साथ डॉज किंग्सवे विंटेज कार में बैठाकर विदाई दी गई। पुलिस महानिदेशक के विदाई समारोह में प्रयोग इस कार का पारंपरिक इतिहास है। इससे जुड़े तथ्य बड़े रोचक हैं। 

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो गए। लखनऊ पुलिस लाइन में पारंपरिक परेड के साथ ही इस दौरान उनको भी उसी गाड़ी से विदा किया गया, जिससे यूपी पुलिस मुखिया की कमान संभाल चुके सभी पुलिस चीफ को विदाई दी गई है। यह गाड़ी निकलती भी विदाई देने के लिए ही है।

यूं तो आपने विंटेज कार की रैलियों में कई पुरानी गाड़ियां देखी होंगी, लेकिन डीजीपी के विदाई समारोह का हिस्सा बनी यह गाड़ी खास है। क्रिसलर कारपोरेट के द्वारा बनाई गई इस गाड़ी का नाम किंग्सवे डॉज कार है। 29 नवंबर 1956 में इसे रुपये 61,063.81 में खरीदा गया था। एसएसपी लखनऊ के नाम पर खरीदी गई यह कार अब डीजीपी के नाम पर है।

एसएसपी लखनऊ के नाम पर आई थी यह कार

एसएसपी लखनऊ के नाम पर डॉज किंग्सवे खरीदकर आई थी। उस समय इसे खरीदने के लिए 61 हजार 83 रुपये 81 पैसे चुकाए गए थे। सीतापुर से राज्य पुलिस मोटर वाहन अधिकारी इसे खरीदकर लाए थे और तत्कालीन एसएसपी लखनऊ को इसकी चाबी सौंपी थीं। वहां से यह कार इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की सेवा में लगा दी गई। बाद में आईजीपी का पद डीजीपी का हो गया। 1956 में इस कार के लिए बनाई गई लॉग बुक आज भी मौजूद है। इस कार की सर्विस करने वाला एक ही कारीगर लखनऊ में था, जिसकी कुछ सालों पहले ही मौत हो गई।

परंपरा के तौर पर दी जाती है विदाई

डॉज कार आज के समय के किसी भी एसयूवी फार्च्यूनर, इनोव क्रिस्टा, टाटा सफारी से लंबी है। इस गाड़ी की 481.3 सेमी लंबी,186.4 सेमी चौड़ी,161.6 सेमी ऊंचाई वाली यह गाड़ी 6 सिलिंडर के साथ 3600 सीसी की कार है। तीन फ्रंट और एक बैक गियर के साथ यह गाड़ी 1400 किलोग्राम वजन की है। यह तो रही गाड़ी की बात। इस कार के इतिहास पर गौर किया जाये तो परंपरा के तौर पर जब भी उत्तर प्रदेश पुलिस का कोई मुखिया रिटायर होता है तो विदाई के तौर पर पुलिस लाइन में दी जाने वाली रैतिक परेड में डीजीपी को इसी कार में बैठाकर, कार को रस्सी से बांधकर खींचते हुए विदाई देते हैं। इस डॉज गाड़ी से 31 जनवरी को यूपी पुलिस के 58वें डीजीपी ओपी सिंह को विदाई दी गई।

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