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UP Vidhan Sabha Session : कोरोना ने बदला नजारा, जोश न जज्बा बस संसदीय परंपरा निभाने की प्रतिबद्धता

कोरोना वायरस संक्रमण की दहशत के बीच गुरुवार को 17वीं विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पहले दिन भाग लेने वाले विधायकों में न पहले जैसा जोश दिख रहा था न जज्बा।

By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 21 Aug 2020 07:49 AM (IST)
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UP Vidhan Sabha Session : कोरोना ने बदला नजारा, जोश न जज्बा बस संसदीय परंपरा निभाने की प्रतिबद्धता
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना वायरस संक्रमण की दहशत के बीच गुरुवार को 17वीं विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पहले दिन भाग लेने वाले विधायकों में न पहले जैसा जोश दिख रहा था न जज्बा। केवल संवैधानिक बाध्यता निभाने की रस्म अदायगी जैसा माहौल था। विधानसभा के दो सदस्यों और कैबिनेट मंत्रियों का इस महामारी की भेंट चढ़ जाने और आधा दर्जन से अधिक का कोरोना की गिरफ्त में होने की पीड़ा भी साफ झलक रही थी। घातक वायरस से निपटने के लिए सदन के भीतर व बाहर पुख्ता इंतजाम किए गए थे परंतु दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या कम होना चिंतनीय था।

विधानमंडल के मॉनसून सत्र के दौरान सदस्यों को अदब से सलाम करने वाले सुरक्षा कर्मी कोरोना के मद्देनजर संक्रमण से बचाव उपायों का पालन कराने में लगे थे। कोरोना जांच की पर्चियां देखने के बाद प्रत्येक सदस्य व मंत्री की थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही थी। सैनिटाइजर को हाथ में लेकर मुंह पर मास्क लपेटे सदस्य दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ते हुए आश्वस्त भाव से सदन के भीतर पहुंचे। भीतर बैठने की व्यवस्था भी बदली हुई थी। सुरक्षित शारीरिक दूरी को अपनाने के लिए एक सीट छोड़कर बैठना पड़ रहा था। विधानसभा में दर्शक दीर्घा और लॉबी में भी विधायकों को बैठना पड़ा।

विधानसभा में यूं तो 403 सदस्य है परंतु गुरुवार को यह संख्या 295 ही थी। संक्रमण के खौफ से 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सदस्यों को उपस्थिति के लिए बाध्य नहीं किया गया था सो 23 सदस्यों ने बैठक में वर्चुअल तरीके से भाग लिया। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी की गैरहाजिरी अखर रही थी। चौधरी कोरोना से पीड़ित रहने के बाद अब स्वस्थ हैं परंतु चिकित्सकों की सलाह पर सदन में शामिल नहीं हुए। खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी कोरोना को हराने के बाद बैठक में हाजिर हुए परंतु उनमें पहले जैसे सक्रियता नहीं दिखी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के साथ कार्यवाही आरंभ होने से पूर्व ही पहुंच गए थे परंतु पहले की तरह उनसे मिल कर आशीर्वाद लेने की होड़ नहीं दिखी। अक्सर सदन में कार्यवाही में भाग लेने के लिए उत्साहित दिखने वाले भाजपा के आशीष सिंह आशू का कहना था कि इस बार बैठक औपचारिकता भर दिख रही है।

विधान परिषद में भी कोरोना का खौफ उपस्थिति पर दिखा। कुल 54 सदस्य ही मौजूद थे। पिछले 48 वर्ष से उच्च सदन को अपनी उपस्थिति से गुलजार रखने वाले वरिष्ठतम सदस्य ओमप्रकाश शर्मा की अनुपस्थिति अखरी। हालांकि उनकी गैरहाजिरी गत छह मई को कार्यकाल समाप्त होने के कारण थी। शर्मा के अलावा जगवीर किशोर जैन, हेम सिंह पुंडीर, ध्रुव कुमार त्रिपाठी व यज्ञदत्त शर्मा भी मॉनसून सत्र में शिरकत करने से वंचित रहे। सत्ता पक्ष की ओर से मोर्चा संभालने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए डॉ. महेंद्र सिंह और बुर्जुग नेता विरोधी दल अहमद हसन ने भी खुद का सदन से दूर रखा।

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