उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले- अधिक जनसंख्या के कारण गंगा नदी में प्रदूषण
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को काफी गहन चिंतन किया। उनका कहना है कि 2021 के कुंभ में गंगाजल आचमन के साथ पीने योग्य होगा।
By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Sat, 14 Dec 2019 09:36 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को भरोसा है कि गंगा नदी को साफ होने में अब अधिक समय नहीं लगेगा। रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े अभियान का असर गंगा नदी पर पडऩे लगा है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यहां चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को काफी गहन चिंतन किया। उनका कहना है कि 2021 के कुंभ में गंगाजल आचमन के साथ पीने योग्य होगा। गंगा के मायके यानी उत्तराखंड में शुचिता के लिए तेजी से काम कराए जा रहे हैं और इसके लिए प्रयास अब सार्थक स्वरूप ले रहे हैं। रावत शनिवार को प्रस्तावित राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में शामिल होने आए हैं और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे।उन्होंने कहा कि वहां गंगा सफाई को लेकर खूब काम हुआ है। चाहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो या फिर नाले टैप करने का काम या फिर मोक्ष व स्नान घाट का सुंदरीकरण। नवंबर 2020 तक उत्तराखंड में नाला टैपिंग का काम पूरा हो जाएगा, जबकि मोक्ष व स्नान घाट के सुंदरीकरण का 90 फीसद काम पूरा हो चुका है।
बैठक का मकसद गंगा की अविरलता-निर्मलता, आ सकतीं नई योजनाएं उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस बैठक का मकसद गंगा नदी की अविरलता और निर्मलता है। समय-समय पर इसकी देखरेख हो, कुछ नए सुझाव सामने आएं। जिन समस्याओं का समाधान हो चुका है, उनको सभी सदस्यों से साझा किया जाए। बैठक का एजेंडा क्या होगा? इस सवाल के जवाब में बताया कि बैठक में जिन पांच राज्यों- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल से गंगा गुजरती हैं। वहां की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी। उनके मुताबिक राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में नमामि गंगे से जुड़ी मौजूदा योजनाओं पर तो बात होगी ही, साथ ही कुछ नई योजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है। इसमें काउंसिल के सभी सदस्य अपने सुझाव देंगे।
अधिक आबादी से गंगा यूपी में प्रदूषित उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच गंगा नदी के पानी में जो अंतर दिखता है, वह दोनों राज्यों की आबादी की वजह से है। उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोग रहते हैं, यहां उत्तराखंड की अपेक्षा जनसंख्या घनत्व ज्यादा है, इसलिए कहा जा सकता है कि गंगा दूषित हैं। इसके साथ ही औद्योगिक इकाइयों का दूषित उत्प्रवाह मुख्य कारण है।
झारखंड में भी साफ होंगी गंगा उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि झारखंड में भी गंगा साफ होंगी। जब वह झारखंड के प्रभारी थे, तभी साहिबगंज में 14 किमी के दायरे में गंगा नदी की धारा को साफ करने की कार्ययोजना बन चुकी थी। अभी तक कुछ काम हुआ या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।राहुल गांधी का बयान घोर आपत्तिजनक
जो नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं, वो वोटबैंक की राजनीति कर रहे। यह मेरा आरोप है। उस बिल में स्पष्ट है कि कौन-कौन लोग उसके दायरे में होंगे, वहीं सांसद राहुल गांधी ने संसद में महिलाओं को लेकर जो बयान दिया, वह घोर आपत्तिजनक है।
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