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Amritpal और Rashid ने जेल से जीता चुनाव, अब सलाखों में रहकर संसद में कैसे उठाएंगे मुद्दे; क्या हैं शपथ लेने के नियम?

पंजाब की खडूर साहिब सीट से अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने चुनाव जीत लिया है। वहीं कश्मीर की बारामूला सीट से भी इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) ने चुनाव जीता है। ऐसे में अब सवाल है कि ये दोनों संसद पद की शपथ कैसे लेंगे। क्योंकि दोनों ही अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं। क्या ये सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 06 Jun 2024 03:43 PM (IST)
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बाएं ओर Amritpal Singh तथा दाएं और engineer Rashid, दोनों जेल में बंद हैं।

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। देश में लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इस चुनाव में जहां चौंकाने वाले नतीजे आए। वहीं, सबसे ज्यादा हैरानी तब हुई जब पंजाब की खडूर साहिब सीट (Khadoor Sahib Lok Sabha Result) से निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने जीत हासिल की।

वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में कश्मीर संभाग की बारामूला सीट (Baramulla Lok Sabha Seat) से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इंजीनियर राशिद ने जीत अख्तियार की। खास बात है कि ये दोनों अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।

राशिद पर गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) लगा है और वह मौजूदा समय में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। राशिद (Engineer Rashid) को साल 2019 में नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) ने टैरर फंडिग के मामले में गिरफ्तार किया था।

वहीं पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने वाले अमृतपाल सिंह पर राष्ट्रीय सुरक्षा (NSA) अधिनियम लगा हुआ है। वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

अब ऐसे में सवाल है कि इन्होंने चुनाव तो जीत लिया। पर क्या वे शपथ समारोह में हिस्सा ले सकेंगे। क्या उन्हें सांसद बनने के बाद रिहाई मिल जाएगी या फिर वह कैदी के रूप में ही सांसद बने रहेंगे। जेल में बंद जनप्रतिनिधि से जुड़े कई सवालों पर हम आज इस लेख में चर्चा करेंगे।

क्या कहता है रिप्रजेंटेंशन ऑफ पीपल एक्ट

रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के मुताबिक वह प्रत्येक व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ऊपर है और मानसिक रूप से स्वस्थ है वह चुनाव लड़ने योग्य है। वहीं लीगल कस्टडी के लिए नियम है कि कोई भी व्यक्ति जिस पर आपराधिक मामला चल रहा है वह भी चुनाव लड़ सकता है। बशर्तें वह दोषी साबित न हुआ हो। 

शपथ समारोह में कैसे लेंगे हिस्सा?

अमृतपाल और राशिद ने चुनाव जीत लिया है। लेकिन अब वे शपथ समारोह में हिस्सा कैसे लेंगे? यह जानना आवश्यक है। जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ लेने के लिए पैरोल दी जाती है।

संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट अंकुर शर्मा बताते हैं कि जनप्रतिनिधित्व कानून इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट है। संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना किसी भी निर्वाचित सदस्य का संवैधानिक अधिकार है।

जानकार बताते हैं कि संसद सचिवालय की तरफ से पहले जेल प्रशासन को सूचित किया जाएगा कि अमुक सदस्य आपकी जेल में बंद हैं और उसे फलां दिन शपथ लेनी है और उसे इसकी अनुमति दी जाए।

संसद की कार्यवाही में लेंगे हिस्सा?

संवैधानिक मामलों के विशेषज्ञ के अनुसार अगर सदस्य लोकसभा स्पीकर की अनुमति या जानकारी बिना दो माह तक सदन से अनुपस्थिति रहता है या दोषी साबित होने पर सजा होती है तो उनकी सदस्यता रद हो जाएगी।

अगर रशीद शपथ ग्रहण करने आते हैं तो शपथ ग्रहण के बाद स्पीकर को लिखित में सूचित करते हैं कि वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते, अनुपस्थित रहेंगे और इसकी उन्हें अनुमति दी जाए।

क्या जेल से चला सकेंगे सरकार?

तीसरा सवाल है कि क्या सांसद या विधायक जेल में रहकर सरकार चला सकते हैं। देश में प्रदेशों की जेलों का मैनुअल अलग होता है। ऐसे में जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर तो कार्यवाही नहीं कर सकता। लेकिन वे ऑनलाइन बैठकों में हिस्सा और फैसले ले सकते हैं।

वे परिवार के लोगों या फिर सीनियर सदस्यों अथवा लीगल टीम के जरिए अपने क्षेत्र का हाल जान सकते हैं। सबसे जरूरी कि वह संदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकता। ऐसे में जेल में रहकर सरकार चलाना चुनौती भरा काम होता है।

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