'कुत्तों के शिकार हुए लोगों के लिए क्या कर रही सरकार?', BJP नेता लक्ष्मीकांता चावला ने की ये मांग
पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने सरकार से पूछा कि कुत्तों के काटने से कितने लोगों की मौत हुई और क्या उनके परिवारों को राहत मिली। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह किया कि ऐसे पीड़ितों के लिए राहत राशि तय की जाए। उन्होंने कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जनता कुत्तों के रहम पर है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर। पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि सरकार बताए कि कुत्तों के शिकार होकर कितने लोग मरे है। सरकार ने ऐसे लोगों के स्वजनों को कोई राहत दी है।
भारत सरकार ने यह जानकारी तो जनता को दे दी कि पिछले वर्ष 37 लाख से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा और सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय भी दे दिया, जो अधिकतर कुत्तों के पक्ष में तो नहीं, लेकिन कुत्ता प्रेमियों को जरूर प्रसन्न कर गया।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट व भारत सरकार से से आग्रह किया है कि पिछले वर्ष या पिछले दस वर्षों में जो लोग कुत्तों के काटने से मर गए और कुछ अपाहिज भी हो गए उनके लिए क्या राहत राशि देने की सुप्रीम कोर्ट ने आज्ञा दी है या भारत सरकार दिलाएगी?
पुलिस लेकर पहुंच जाते हैं कुत्ता प्रेमी
यह सारे भारत की समस्या है। एक तो बहुत जरूरी है कि भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दे कि पिछले दस वर्षों में कितने लोग कुत्तों के काटने से मारे गए, कितने हलकाय गए।
असली हालत तो यह है कि हमारे श्री दुर्ग्याणा मंदिर में एक दिन में एक कुत्ते ने छह लोगों को काटा था, पर प्रशासन उसे पकड़ने को तैयार नहीं हुआ क्योकि कुछ कुत्ता प्रेमी पुलिस लेकर आ जाते थे।
इनमें से एक इतना ज्यादा गंभीर था कि उसे एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजना पड़ा। जो सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया उससे फिर जनता कुत्तों के रहम पर रह गए।
वैसे अफसोस है कि हम विश्व की बहुत बड़ी सेना के स्वामी हैं, चौथी अर्थव्यवस्था बन गए हैं, पर कुत्तों से हमारी रक्षा कोई नहीं कर सका।
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