Amritsar Lok Sabha Seat: तीसरी बार भी पैराशूटर पर टिकी BJP की आस, अमृतसर सीट पर उतरेंगे तरनजीत सिंह संधू
Amritsar Lok Sabha Seat अमृतसर संसदीय सीट पर भाजपा तरनजीत सिंह संधू को उतारने जा रही है। हालांकि अभी इस पर स्वीकृति की मुहर लगना बाकी है। दूसरी तरफ टिकट के दावेदार स्थानीय भाजपा नेताओं को तरनजीत सिंह संधू का अमृतसर आना पच नहीं रहा। तरनजीत सिंह संधू को टिकट मिली तो उनकी राह आसान नहीं होगी। भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर अंतर्कलह झलक रही है।
नितिन धीमान, अमृतसर। Amritsar Lok Sabha Seat: अमृतसर संसदीय सीट से दो बार पैराशूटरों को उतारकर पराजय का सामना कर चुकी भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी हाईकमान ने गहन चिंतन-मनन के पश्चात अमेरिका में भारत के राजदूत रहे तरनजीत सिंह संधू के नाम को लगभग फाइनल कर लिया है।
हालांकि अभी इस पर स्वीकृति की मुहर लगना बाकी है। दूसरी तरफ टिकट के दावेदार स्थानीय भाजपा नेताओं को तरनजीत सिंह संधू का अमृतसर आना पच नहीं रहा। ये नेता दबे स्वर में संधू का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर बार बाहरी प्रत्याशी को अमृतसर से उतारकर पार्टी हार का मुंह देख रही है।
भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर झलक रही अंतर्कलह
टिकट के दावेदार एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कह दिया कि पूरी जिंदगी अफसरी करने के बाद पैराशूट के माध्यम ये अमृतसर लैंड करने वाले नेता अब सांसद बनने का स्वप्न देख रहे हैं। हरदीप सिंह पुरी व अरुण जेटली की हार से यदि पार्टी सीख नहीं लेती तो अमृतसर संसदीय सीट इस बार भी हाथ से खिसक जाएगी।भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर अंतर्कलह झलक रही है। तरनजीत सिंह संधू को टिकट मिली तो उनकी राह आसान नहीं होगी। उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे पंजाब के अधिकारी
इसी बीच तरनजीत सिंह संधू ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व अधिकारियों से भेंट का क्रम शुरू कर दिया है। वह अमृतसर के विकास की बात कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात की थी।उन्होंने शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह से संबंधित स्मारकों, विशेष रूप से अमृतसर और बटाला में उनकी खराब स्थिति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने इनके रखरखाव, संरक्षण और पर्यटक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह किया था। इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दो करोड़ 76 लाख की कुल लागत से इन ऐतिहासिक विरासत स्मारकों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की घोषणा की थी।
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