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Amritsar Lok Sabha Seat: तीसरी बार भी पैराशूटर पर टिकी BJP की आस, अमृतसर सीट पर उतरेंगे तरनजीत सिंह संधू

Amritsar Lok Sabha Seat अमृतसर संसदीय सीट पर भाजपा तरनजीत सिंह संधू को उतारने जा रही है। हालांकि अभी इस पर स्वीकृति की मुहर लगना बाकी है। दूसरी तरफ टिकट के दावेदार स्थानीय भाजपा नेताओं को तरनजीत सिंह संधू का अमृतसर आना पच नहीं रहा। तरनजीत सिंह संधू को टिकट मिली तो उनकी राह आसान नहीं होगी। भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर अंतर्कलह झलक रही है।

By Nitin Dhiman Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 16 Mar 2024 10:32 PM (IST)
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तीसरी बार भी पैराशूटर पर टिकी BJP की आस (फाइल फोटो)
नितिन धीमान, अमृतसर। Amritsar Lok Sabha Seat: अमृतसर संसदीय सीट से दो बार पैराशूटरों को उतारकर पराजय का सामना कर चुकी भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पार्टी हाईकमान ने गहन चिंतन-मनन के पश्चात अमेरिका में भारत के राजदूत रहे तरनजीत सिंह संधू के नाम को लगभग फाइनल कर लिया है।

हालांकि अभी इस पर स्वीकृति की मुहर लगना बाकी है। दूसरी तरफ टिकट के दावेदार स्थानीय भाजपा नेताओं को तरनजीत सिंह संधू का अमृतसर आना पच नहीं रहा। ये नेता दबे स्वर में संधू का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर बार बाहरी प्रत्याशी को अमृतसर से उतारकर पार्टी हार का मुंह देख रही है।

भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर झलक रही अंतर्कलह

टिकट के दावेदार एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कह दिया कि पूरी जिंदगी अफसरी करने के बाद पैराशूट के माध्यम ये अमृतसर लैंड करने वाले नेता अब सांसद बनने का स्वप्न देख रहे हैं। हरदीप सिंह पुरी व अरुण जेटली की हार से यदि पार्टी सीख नहीं लेती तो अमृतसर संसदीय सीट इस बार भी हाथ से खिसक जाएगी।

भाजपा नेताओं में टिकट को लेकर अंतर्कलह झलक रही है। तरनजीत सिंह संधू को टिकट मिली तो उनकी राह आसान नहीं होगी। उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्‍ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे पंजाब के अधिकारी

इसी बीच तरनजीत सिंह संधू ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों व अधिकारियों से भेंट का क्रम शुरू कर दिया है। वह अमृतसर के विकास की बात कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात की थी।

उन्होंने शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह से संबंधित स्मारकों, विशेष रूप से अमृतसर और बटाला में उनकी खराब स्थिति का मुद्दा उठाया था। उन्होंने इनके रखरखाव, संरक्षण और पर्यटक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह किया था। इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने दो करोड़ 76 लाख की कुल लागत से इन ऐतिहासिक विरासत स्मारकों के संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की घोषणा की थी।

युवाओं को दी जाए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: संधू

इसके साथ ही संधू ने भारत सरकार के शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंटवार्ता की। संधू अमृतसर के लिए आईआईटी की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यदि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए तो उनके लिए अपने देश में ही आगे बढ़ने के कई अवसर हैं। अगर वे विदेश भी जाना चाहते हैं तो उनके पास कौशल होना चाहिए, ताकि वे विदेश में रोजगार पा सकें। संधू ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया से भी भेंट की और श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट अमृतसर से एयर कार्गो सेवाएं व तख्त श्री हुजूर साहिब के लिए हवाई सेवाएं पुन: शुरू करने पर चर्चा की।

तरनजीत सिंह संधू ने अमृतसर में होने वाले आयोजनों में भाग लेना शुरू कर दिया है। वह इस बात से आश्वस्त हैं कि पार्टी उन्हें ही टिकट देगी। भाजपा के स्थानीय वयोवृद्ध नेताओं से भी उन्होंने बैठकें की हैं। संधू की इन गतिविधियों से स्पष्ट है कि पार्टी अंदरखाते उन्हें टिकट दे चुकी है, बस औपचारिक घोषणा ही शेष है।

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भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग, पूर्व राज्यसभा सदस्य व भाजपा के पूर्व प्रदेश श्वेत मलिक, पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता व खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल के सदस्य राजिंदर मोहन सिंह छीना, पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार भी पार्टी हाईकमान के संपर्क में हैं।

भाजपा ने की 13 सीटों पर अकेले लड़ने की घोषणा

3 मार्च को भाजपा कोर कमेटी के सदस्य राणा गुरमीत सिंह सोढी अमृतसर पहुंचे और पार्टी पदाधिकारियों से चुनावी बैठक की थी। बैठक में पार्टी प्रत्याशी के चयन पर मंथन हुआ। भाजपा के पास अब शिरोमणि अकाली दल का साथ भी नहीं है। गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने पंजाब की सभी 13 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। हालांकि अकाली दल अंदरखाते यह चाहता है कि भाजपा के साथ गठबंधन हो।

2014 में अरुण जेटली को मिला था टिकट

2014 में भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली को भाजपा ने अमृतसर से टिकट दी। जेतली के चुनाव प्रचार में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी अमृतसर में टिका रहा, पर आशा के विपरीत हुआ। जेतली का कद देखते हुए कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनावी दंगल में भेजा। कैप्टन ने जेतली को हराकर यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी। 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई।

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ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अमृतसर के सांसद के पद से इस्तीफा देकर पंजाब के मुख्यमंत्री की कमान संभाल ली। फिर 2017 में अमृतसर सीट पर उपचुनाव हुआ। इस चुनाव में भाजपा ने राजिंदर मोहन सिंह छीना को गुरजीत सिंह औजला के सामने उतरा।

औजला ने छीना को पराजित कर इस सीट पर कांग्रेस की बादशाहत कायम रखी। 2019 में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा तो भाजपा ने हरदीप पुरी को अमृतसर में उतारा। इस बार भी अंबरसरियों ने पैराशूटर से उतरे उम्मीदवार को अनदेखा कर दिया। चुनाव में जीत गुरजीत सिंह औजला की ही हुई।

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