Amritsar News: पंजाब वक्फ बोर्ड को भंग करवाने के लिए बनेगा नया मोर्चा
पंजाब वक्फ बोर्ड को भंग करवाने और बिना वजह लोगों को परेशान करने की गतिविधियों को रोकने के लिए विरसा संभाल मंच ने वक्फ समिति संघर्ष मोर्चा बनाने की घोषणा की है। मोर्चा के गठन के लिए टीम पंजाब के संत और वक्फ बोर्ड से पीड़ित परिवारों से संपर्क करेगी।
अमृतसर, संवाद सूत्र : पंजाब वक्फ बोर्ड को भंग करवाने और बिना वजह लोगों को परेशान करने की गतिविधियों को रोकने के लिए विरसा संभाल मंच की ओर से वक्फ समिति संघर्ष मोर्चा बनाने की घोषणा की है। मोर्चा के गठन के लिए एक टीम पंजाब के संत-महापुरुषों और वक्फ बोर्ड से पीड़ित परिवारों से संपर्क कर रही है।
वक्फ बोर्ड के खिलाफ लोगों को करेंगे एकजुट
विरसा संभाल मंच के प्रांत संयोजक रामकुमार व्यास ने श्री दुर्ग्याणा कमेटी की प्रधान प्रो. लक्ष्मीकांता चावला और श्री बड़ा हनुमान मंदिर के चेयरमैन डॉ. राकेश शर्मा से मिलकर महानगर के महापुरुषों से संपर्क करना शुरू किया है। सतगुरु श्री बावा लाल दयाल जी की पावन गद्दी के परम पूज्य महंत अनंत दास महाराज के साथ भी संपर्क किया। विरसा संभाल मंच के प्रांत संयोजक रामकुमार व्यास ने कहा कि उन्होंने समाचार पत्रों में अमृतसर में वक्फ बोर्ड की ओर से कई स्थानों पर अपनी जमीन का दावा करने की बात को लेकर लोगों को परेशान करने की कार्रवाई शुरू की है।
वक्फ बोर्ड की जमीन के नाम पर लोगों को किया परेशान
इसको देखते हुए मंच की ओर से वक्फ बोर्ड की गलत नीतियों को बंद करवाने के लिए वक्फ समिति संघर्ष मोर्चा का गठन करने की घोषणा की है। इस मोर्चे के पदाधिकारियों की घोषणा 29 जनवरी को श्री दुर्ग्याणा तीर्थ कांप्लेक्स के नजदीक एक समारोह पर की जाएगी। वक्फ बोर्ड की ओर से झब्बाल रोड मच्छी मंडी में अपनी जमीन होने का दावा करके पिछले कई वर्षों से परिवारों समेत रह रहे लोगों को परेशान किया जा रहा है। जबकि हकीकत में यह बात सामने आती है कि वक्फ बोर्ड के पास इन जमीन के कोई भी दस्तावेज नहीं है।
राजस्थान में भी जिंदल ग्रुप तथा वक्फ बोर्ड के बीच न्यायालयों में याचिका दायर हुई थी। इसमें जिंदल ग्रुप को न्याय मिला था। मोर्चे के डा. राकेश शर्मा ने कहा कि 29 जनवरी को श्री दुर्ग्याणा तीर्थ परिसर के नजदीक एक कार्यक्रम करवाया जाएगा। इसमें काफी संख्या में संत समाज संगठन और अन्य लोग शामिल होंगे, ताकि वक्फ बोर्ड की गतिविधियों से लोगों को बचाया जा सके। महंत अनंत दास जी महाराज ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया।