Amritsar News: पिज्जा खाए पीजी, बिल का भार मरीजों पर, मेडिकल स्टोर्स और डाक्टरों के बीच चल रही थी सांठगांठ
सरकारी मेडिकल कालेज से सम्बद्ध गुरुनानक देव अस्पताल में पीजी व इंटर्नी डाक्टर फ्री का पिज्जा व लंच नहीं खा पाएंगे। वह मेडिकल स्टोर संचालकों से पिज्जा मंगवाते थे बदले में मरीजों को उनके पास दवा खरीदने भेजते थे। अब ऐसा करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
By Nitin DhimanEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 18 Jan 2023 11:35 PM (IST)
नितिन धीमान, अमृतसर। सरकारी मेडिकल कालेज से सम्बद्ध गुरुनानक देव अस्पताल में पीजी व इंटर्नी डाक्टर फ्री का पिज्जा व लंच नहीं खा पाएंगे। निजी मेडिकल स्टोर संचालकों के पास मरीज भेजकर मुंह का स्वाद मिटाने वाले कुछ पीजी डाक्टरों की वजह से जहां अस्पताल की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है, वहीं मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है।
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. कर्मजीत सिंह ने इस संबंध में सभी वार्ड प्रभारियों को नोटिस जारी किए हैं। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ऐसा करता कोई डाक्टर पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल स्टोर्स और डाक्टरों के बीच सांठगांठ
दरअसल, जीएनडीएच में निजी मेडिकल स्टोर्स और कुछ डाक्टरों के बीच सांठगांठ चल रही है। कुछ डाक्टर अस्पताल में उपचाराधीन मरीज के स्वजनों को दवा की पर्ची थमाकर फलां मेडिकल स्टोर से दवाएं लाने को मजबूर करते हैं।इसके अलावा मेडिकल स्टोर्स के कारिंदे इन्हीं डाक्टरों की मिलीभगत से मेडिसन, सर्जरी, पीडिएट्रिक, व गायनी विभागों के बाहर खड़े रहते हैं। जैसे ही डाक्टर मरीज को दवा लिखकर देता है, ये कारिंदे उससे पर्ची छीन लेते हैं और अपने स्टोर पर ले जाते हैं। मरीज से यह कहा जाता है कि अस्पताल में दवाएं नहीं हैं। वह उन्हें सस्ती और बढ़िया दवाएं दिलवाएंगे।
कई मामले आ चुके हैं सामने
कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं कि मरीज को जितनी दवा की जरूरत रहती है उससे अधिक मात्रा में दवाएं मंगवाई जाती हैं। फिर ये दवा के पैकेट पुन: मेडिकल स्टोर में पहुंचा दिए जाते हैं। मजीठा रोड पर कुछ दुकानदारों के पास मरीजों के स्वजन आकर उधार में पैसों की मांग करते हैं, ताकि मरीज के लिए दवा खरीदी जा सकी। यहां तक कि ब्याज पर भी रकम उठाने को मजबूर होते हैं।पिछले साल एक घटना सामने आई थी। एक पीजी ने मरीज की पर्ची पर कुछ टेस्ट और दवाएं लिखीं। पीजी ने नीचे लैब का नाम लिखकर कहा कि इसी लैब से टेस्ट करवाए और मेडिकल स्टोर का नाम भी इसी पर्ची पर दर्ज किया। इस प्रकार की घटनाओं की वजह से मरीजों में भारी असंतोष पाया जा रहा है।
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