Dussehra 2022: दशहरा पर आज भी सहम जाते हैं अमृतसर के लोग , चार साल पहले चीख -चीत्कार में बदल गया था उल्लास
Dussehra 2022 पंजाब के अमृतसर के लोग दशहरा पर आज भी सहम जाते हैं। चार साल पहले शहर के जौड़ा रेल फाटक के पास हो रहे दशहरा उत्सव के दौरान अचानक लोगाें का उल्लास चीख व चीत्कार में बदल गया। रेललाइन पर खड़े लोगों को ट्रेन ने कुचल दिया।
By Jagran NewsEdited By: Sunil kumar jhaUpdated: Wed, 05 Oct 2022 08:22 PM (IST)
विक्की कुमार, अमृतसर। Dussehra 2022: देश के साथ-साथ पंजाब में आज दशहरा की धूम है। लेकिन, अमृतसर के लोगों के दिल में चार साल पहले इस दिन हुए भीषण हादसे का दर्द आज भी कायम है। शहर के जौड़ा रेल फाटक के पास दशहरे वाले दिन हुए भीषण हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इस हादसे को याद कर लोग आज भी सहम जाते है। रेल लाइन पर खड़े होकर दशहरा उत्सव देख रहे लोगों को ट्रेन ने कुचल दिया था। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।
19 अक्टूबर 2018 को हुए दशहरा उत्सव देख रहे लोग आ गए थे ट्रेन की चपेट में, 59 लोग मारे गए
19 अक्बटूर 2018 को जौड़ा फाटक के पास स्थिति मैदान में हो दशहरा उत्सव हो रहा था। लोग मैदान के पास रेलवे लाइन पर भी खड़े होकर यह उत्सव देश रहे थे। इसी बीच जालंधर से आ रही डीएमयू ट्रेन लोगों को रौंदती चली गई। इस हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई और करीब 140 लोग घायल हो गए। इस दौरान चारों ओर चीख, पुकार और चीत्कार सुनाई दे रहा था।
19 अक्टूबर 2018 को हादसे के बाद लगी लोगों की भीड़। (फाइल फोटो)
हादसे के लिए जिम्मेदार लोगाें को सजा नहीं मिलने की लोगों को है टीस
इस दर्दनाक हादसे में किसी ने अपना बेटा खोया तो किसी ने पिता, किसी की बेटी तो किसी मां हादसे का शिकार हो गई। लोग आज भी इस दर्द को अपने सीने में दबाए बैठे हैं। मारे गए लोगों के अधिकतर वारिसों को सरकारी नौकरी दे दी गई है, लेकिन कुछ परिवार ऐसे हैं, जो अब भी इसका इंतजार कर रहे हैं। पीड़ित परिवारों के मन में अभी भी यह टीस है कि जिन लोगों के कारण हादसा हुआ, उन्हें कोई सजा नहीं मिली। खानापूर्ती के तौर पर उन पर कार्रवाई की गई।नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी मिट्ठू मदान की अध्यक्षता में हुआ था दशहरा कार्यक्रम
दशहरा कमेटी ईस्ट के प्रधान सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान की अध्यक्षता में जौड़ा फाटक के नजदीक स्थित धोबी घाट पर इस दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर पहुंची थीं। साैरव मदान उर्फ मिट्ठू मदान को सिद्धू का करीबी माना जाता था। रेलवे लाइनों पर खड़े होकर लोग रावण दहन होता देख रहे थे। रेलवे लाइनों की तरफ ही कमेटी की तरफ से एक बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई थी।
अब जौड़ा रेल फाटक के पास मैदान के किनारे दीवार बनद दी गई है। (जागरण)
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