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Amritsar News: मंदिर में रोती बिलखती मिली 11 महीने की बच्ची, जब तक पुलिस घरवालों को तलाशती हो गई अनहोनी

शिवाला बाग भाइयां मंदिर में एक ग्यारह वर्ष की बच्ची को बीमार हालत में कोई छोड़कर चला गया। इसके बाद वहां मौजूद हर किसी का दिल पसीजता रहा। वहीं पुलिस ने भी मंदिर में बच्ची के परिजनों को तलाशने की कोशिश की। बीमार बच्ची को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन सुबह बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

By naveen rajput Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 23 Jun 2024 10:16 PM (IST)
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लावारिस बच्ची की इलाज के दौरान मौत (सांकेतिक)।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिवाला बाग भाइयां में 11 महीने की बच्ची को बीमार हालत में छोड़कर कुछ लोग फरार हो गए। शनिवार को बच्ची को अस्पताल में दाखिल करवाने के साथ-साथ आरोपितों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। रविवार की सुबह बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

एएसआई चंद्र मोहन ने बताया कि मामले की जांच करवाई जा रही है। अभी तक बच्ची को लेकर किसी परिवार ने लापता होने की रिपोर्ट भी नहीं दर्ज करवाई है। बावजूद पुलिस बच्ची को मंदिर परिसर के लंगर भवन में लावारिस हालत में छोड़ने वालों का पता लगाने में जुटी है। फिलहाल बच्ची के शव को पोस्टमार्टम हाउस में तीन दिन के लिए रखवाया गया है जिससे परिवार के सदस्य संपर्क कर सकें।

अस्पताल में बच्ची ने तोड़ा दम

पुलिस के मुताबिक, शिवाला बाग भाइयां के लंगर भवन में 11 महीने की बच्ची लावारिस हालत में पाया गया। जब बच्ची के रोने लगी तो लोग एकत्र हो गए। पहले आसपास बच्ची के परिजनों का पता लगाने का प्रयास किया गया। काफी देर तक जब बच्ची के परिवार का पता नहीं लगा तो पुलिस को जानकारी दी गई। बच्ची को बुखार भी था। पुलिस ने अपनी देखरेख में बच्ची को सिविल अस्पताल दाखिल करवाया, जहां रविवार को उसने दम तोड़ दिया।

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पड़ोस जिलों और अन्य थानों के संपर्क में पुलिस

बच्ची की पहचान के लिए रामबाग थाने की पुलिस जहां कमिश्रनरेट के अन्य थानों के संपर्क में है, वहीं पड़ोसी जिले तरनतारन, फिरोजपुर, अमृतसर (देहात), बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट की पुलिस से संपर्क में है। ताकि बच्ची का पता लगाया जा सके। फिलहाल पुलिस को अभी तक कहीं से इनपुट नहीं मिले हैं। पुलिस का मानना है कि अगर बच्ची लापता हुई या अपहरण हुआ है तो उसका परिवार इस बाबत संबंधित पुलिस थाने जाकर रिपोर्ट जरूर दर्ज करवाएंगे।

मंदिर में थे ऐसे परिवार जो बच्ची को रखना चाहते थे अपने पास

मंदिर परिसर में जब ग्यारह महीने की बच्ची रो रही थी तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसकी मां को तलाशने का प्रयास किया। पहले लोगों को लगा कि बच्ची अपने माता-पिता से बिछड़ गई है और कुछ देर बाद वह उन्हें मिल जाएंगे। लेकिन काफी देर हो जाने पर भी जब बच्ची के परिवार का कोई पता नहीं लगा तो वहां मौजूद कुछ परिवार ऐसे भी थे जो बच्ची को अपने साथ ले जाना चाहते थे। ताकि उसकी देखभाल की जा सके। लेकिन पुलिस कार्रवाई को देखते हुए किसी की हिम्मत नहीं हुई।

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