अश्वगंधा से होगा कैंसर का खात्मा, जीएनडीयू में तैयार हो रहा पौधा; अब अमृतसर में भी शुरू होगी खेती
अश्वगंधा कुदरत की एक ऐसी देन है। जोकि कई तरह की बीमारियों को खत्म कर देती है। ऐसे में अब जल्द ही अमृतसर और पंजाब के अन्य शहरों में भी अश्वगंधा की खेती हो पाएगी और साथ ही कैंसर जैसी नामुराद बीमारी से लड़ने के लिए पौधा तैयार होगा।
By Mohammad Aqib KhanEdited By: Mohammad Aqib KhanUpdated: Sun, 28 May 2023 07:41 PM (IST)
अमृतसर, जागरण संवाददाता: अश्वगंधा कुदरत की एक ऐसी देन है। जोकि कई तरह की बीमारियों को खत्म कर देती है। साथ ही इसकी खेती भी किसानों के लिए काफी ज्यादा फायदे मंद है। ऐसे में अब जल्द ही अमृतसर और पंजाब के अन्य शहरों में भी अश्वगंधा की खेती हो पाएगी और साथ ही कैंसर जैसी नामुराद बीमारी से लड़ने के लिए पौधा तैयार होगा।
इसको लेकर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलाजी विभाग ने जापान की इंटरनेशनल लेबोरेट्री फार एडवांस बायो मेडिसन (एआइएसटी) के साथ मिलकर अश्वगंधा में ऐसे कंपोनेंट ढूंढ निकाले हैं, जो कैंसर जैसी नामुराद बीमारी को भी खत्म करने में सक्षम हैं।
जापान की डाई लैब ने जीएनडीयू के साथ समझौता किया है, ताकि जीएनडीयू के बायोटेक्नोलाजी विभाग में अश्वगंधा के पौधे को तैयार किया जा सके, जिसमें कैंसर को खत्म करने के तत्व भरपूर मात्र में होते हैं।
इस संबंधी गत दिनों के दौरान जापान की वैज्ञानिक डा. रेणू वधवा और डा. सुनील कौल ने वीसी जसपाल सिंह संधू और विभाग हेड डा. प्रताप कुमार पत्ती के साथ मुलाकात की थी। डा. रेणू और डा. कौल ने बताया कि अश्वगंधा बहुत गुणकारी पौधा है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे कंपोनेंट पाए जाते हैं, जो कि कैंसर के सेल को खत्म कर देते हैं।
डा. प्रताप कुमार पत्ती के मुताबिक मौजूदा समय में अमृतसर या पंजाब में अश्वगंधा की खेती नहीं की जाती है। ऐसे में पौधे को तैयार कर यहां पर खेती के अनुकूल बनाया जा रहा है।
2003 से की जा रही रिसर्च
बायोटेक्नोलाजी विभाग के हेड डा. प्रताप कुमार पत्ती ने बताया कि डा. रेणू वधवा की ओर से साल 2003 से इस पर रिसर्च की जा रही है। क्योंकि मानव शरीर में कैंसर भी विभिन्न तरह का होका है। ऐसे में शरीर में होने वाले हर तरह के कैंसर के सेल इकट्ठा किए गए। उसके बाद अश्वगंधा के अंदर भी पाए जाने वाले अलग-अलग तत्वों के साथ इनका मेल करवाया गया। इसमें पाया गया कि अश्वगंधा के अंदर पाए जाने वाला विदआफरिन-ए कैंसर के सेल खत्म कर रहा है। क्योंकि अश्वगंधा की खेती बहुत सारी जगहों पर की जाती है। मगर उक्त कंपोनेंट अक्सर पौधे से खत्म हो जाता है। इसके पीछे भी कई तरह के कारण है।
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