अमृतसर से गिरफ्तार जतिंदर गिल की निशानदेही पर 10 करोड़ की कोकेन बरामद, नए साल के लिए पंजाब में आपूर्ति होनी थी बड़ी खेप
पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट के प्रमुख सदस्य जतिंदर सिंह गिल की निशानदेही पर स्पेशल सेल ने पंजाब से एक फार्च्यूनर कार जब्त कर उससे में रखी 10 करोड़ मूल्य की कोकेन बरामद की है। सिंडिकेट के चार सदस्यों के पकड़े जाने व गोदाम से ड्रग्स की पूरी खेप जब्त हो जाने के बाद खुद को बचने के लिए फरार हो गया था।
जागरण संवादाता, अमृतसर/नई दिल्ली। बीते तीन अक्टूबर को अमृतसर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट के प्रमुख सदस्य जतिंदर सिंह गिल की निशानदेही पर स्पेशल सेल ने पंजाब से एक फार्च्यूनर कार जब्त कर उससे में रखी 10 करोड़ मूल्य की कोकेन बरामद की है।
पंजाब के कुछ बड़े ड्रग्स तस्करों ने दुबई में छिपे सिंडिकेट के सरगना वीरेंद्र वसोया को कोकेन की बड़ी खेप की मांग की थी। जिसपर वसोया ने इंग्लैंड में रहे सिंडिकेट के प्रमुख सदस्य जतिंदर सिंह गिल को भारत भेजकर कोकेन की खेप पंजाब के तस्करों को आपूर्ति करने के लिए भेजा था। दिल्ली से बरामद कोकेन की बड़ी मात्रा नए साल पर पंजाब में होनी थी।
कार में रखी थी कोकेन
जतिंदर सिंह गिल उर्फ जस्सी की निशानदेही पर स्पेशल सेल ने पंजाब के अमृतसर स्थित नेपाल गांव से उसके चाचा के घर से फार्च्यूनर कार और 10 करोड़ की कोकेन बरामद की गई।
यह कार सरोजिनी नगर में रहने वाले रवींद्र के नाम से पंजीकृत है लेकिन वास्तव में कार गिल के बेटे की होने की बात सामने आ रही है। जतिंदर सिंह दिल्ली से पंजाब इसी कार से एक अक्टूबर को गया था।
कार के साथ मोबाइल बरामद
सिंडिकेट के चार सदस्यों के पकड़े जाने व गोदाम से ड्रग्स की पूरी खेप जब्त हो जाने के बाद खुद को बचने के लिए जतिंदर सिंह गिल तीन अक्टूबर को कार चाचा के घर पर छोड़कर इंग्लैंड भागने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर आया था तब उसे भी दबोच लिया गया।
उसकी निशानदेही पर कार बरामद कर उसमें छिपाकर रखी गई 10 करोड़ की कोकेन भी जब्त कर ली गई। कार से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है।
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दो साल तक जेल में बंद था
दुबई से वीरेंद्र बसोया के बेटे ने किसी को फोन कर जतिंदर सिंह को पिलंजी गांव से उसे फार्च्यूनर कार मुहैया करवाई थी। सरगना वीरेंद्र वसोया को 2011 मे भी ड्र्ग्स के एक मामले मे गिरफ्तार किया गया था। डीआरआइ ने उस वक्त उसे गिरफ्तार किया था। उक्त मामले में वह दो साल तक जेल में बंद रहा था।
3000 करोड़ की म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स की खेप
जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़ गया और देश का सबसे बड़ा माफिया बन गया। दुबई भागने के पहले पुणे क्राइम ब्रांच ने फरवरी में वसोया के नेक्सेस से 3000 करोड़ की म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स की खेप पकड़ी थी जिसे बाद में जांच के लिए नाइकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो मुंबई को ट्रांसफर कर दी गई थी।
नए साल की चल रही थी तैयारी
उस वक्त भी मुंबई पुलिस ने बसोया की एनओसी खुलवा दी थी। तुषार गोयल से पूछताछ में पता चला है की वसोया का दिल्ली एनसीआर में रहकर ड्रग्स का कारोबार करने वाले अधिक नाइजीरिया तस्कर से गहरे रिश्ते हैं। करीब 150 किलो कोकेन दिल्ली में वसोया के निर्देश पर एक नाइजीरिया को नए साल से आपूर्ति की जानी थी।