Nishan Sahib Colour: गुरुद्वारे में निशान साहिब का रंग बदला, बसंती या सुरमई दिखाई देगा ध्वज; SGPC ने जारी किया आदेश
Punjab News सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरुद्वारे में निशान साहिब का रंग बदल दिया है। इसके लिए उन्होंने सर्कुलर जारी किया है। निशान साहिब का रंग बसंती की जगह पर अब बसंती होगा। पहले अधिकतर गुरुद्वारों में निशान सागिब का रंग केसरिया था जो कि अब केवल बसंती या फिर सुरमई रंग में ही दिखाई देगा। बैटक में हुआ अहम फैसला।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री गुरुद्वार प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने निशान साहिब को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। एसजीपीसी ने आदेश जारी कर कहा कि निशान साहिब का रंग अब भगवा नहीं बसंती होगा। केसरी रंग हटाकर बसंती रंग की पोशाक का निशान लगाने का आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में एसजीपीसी ने कहा कि निशान साहब की पोशाक का रंग बसंती या सुरमई होना चाहिए।
एसजीपीसी ने इस संदर्भ में एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें निशान साहिब के रंग को बदलने का फैसला लिया गया है। पहले अधिकतर गुरुद्वारों में निशान सागिब का रंग केसरिया था जो कि अब केवल बसंती या फिर सुरमई रंग में ही दिखाई देगा।
संगत को करेंगे जागरूक
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में 15 जुलाई को हुई बैठक में पंज सिंह साहिबों ने यह निर्णय लिया था। इस संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को पत्र भेजकर संगत को भी इस बारे में जागरूक करने के लिए कहा है।पंज सिंह साहिबों की बैठक में मंजूरी
इसके बाद 26 जुलाई को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की धर्म प्रचार कमेटी के सचिव बलविंदर सिंह काहलवां ने एक सर्कुलर जारी किया। इसमें लिखा है कि श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा प्राप्त सर्कुलर के अनुसार पंज सिंह साहिबों की बैठक में मंजूरी दी गई।
बसंती या सुरमई होगा रंग
निशान साहिब की पोशाक का रंग के संबंध में भ्रम को दूर करने के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पंथ-अनुमोदित सिख रिहत मेरियादा के आलोक में संगत या प्रशासक को जानकारी प्रदान करेगी। सिख परंपरा के अनुसार, निशान साहिब को गुरुद्वारे में ऊंचे स्थान पर रखा जाना चाहिए। निशान साहिब का रंग बसंती या सुरमई होना चाहिए।यह भी पढ़ें- चंडीगढ़ की नाइट लाइफ के लिए तैयार नहीं व्यापारी, 24 घंटे दुकानें खोलने को लेकर नहीं दिख रहा उत्साह; ये है बड़ी वजह
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