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पंजाब पुलिस की मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर ढेर,10 घंटे की पड़ताल के बाद दूसरा साथी गिरफ्तार

पंजाब पुलिस ने विदेश में बैठकर राज्य में रंगदारी और टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी लखबीर सिंह हरिके के गुर्गे गुरशरण सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया। गुरशरण सिंह ने पुलिस टीम पर फायरिंग की जिसके जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की और वह मारा गया। उसका साथी पारस सिंह मौके से फरार हो गया।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 30 Oct 2024 10:11 PM (IST)
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पंजाब में लखबीर सिंह हरिके के गुर्गे ढेर, दूसरा साथी गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, अमृतसर। विदेश में बैठकर राज्य में रंगदारी और टारगेट किलिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी लखबीर सिंह हरिके के गुर्गे को पुलिस ने मंड इलाके में बुधवार की सुबह मुठभेड़ के बाद मार गिराया। इस दौरान एक आरोपित दरिया में कूद कर फरार हो गया जिसे पुलिस ने ड्रोन की मदद से दस घंटे बाद काबू कर लिया।

मृतक की पहचान तरनतारन के हरिके निवासी गुरशरण सिंह और पकड़े गए आरोपित की पहचान हरिके के ही रहने वाले पारस के रूप में हुई है। खास बात है कि दोनों आरोपितों को पुलिस ने मंगलवार को एक अन्य साथी तरनतारन के ही गांव नूर दी अड्डा निवासी परवीन सिंह के साथ मोहाली से गिरफ्तार किया था।

जवाब फायरिंग में हुई मौत

गुरशरण और पारस को पुलिस टीम बुधवार को ब्यास दरिया के किनारे मंड क्षेत्र में छिपाए गए हथियारों की बरामदगी के लिए लेकर आई थी। इसी बीच गुरशरण ने जमीन में दबाए एक पिस्टल से टीम पर फायरिंग कर दी और पुलिस की ओर से की गई जवाबी फायरिंग में उसकी मौत हो गई।

डीआइजी सतिंदर सिंह और एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि 23 अक्टूबर को बाबा बकाला के सठियाला इलाके में आढ़ती गुरदीप सिंह गोखे की हत्या को अंजाम देने वाले गुरशरण सिंह, पारस सिंह और परवीन सिंह हिमाचल के मनाली क्षेत्र में छिपे हुए हैं।

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इस सूचना के बाद पुलिस टीमों ने मंगलवार को तीनों को मनाली से गिरफ्तार कर लिया था। देर रात पुलिस तीनों को अमृतसर (देहात) के जीटी रोड स्थित पुलिस लाइन में बने सीआइए स्टाफ में लाकर पूछताछ कर रही थी।

एकाएक किए चार राउंड फायर 

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि गुरदीप गोखे की हत्या के बाद उन्होंने हथियार ब्यास दरिया के साथ लगते मंड क्षेत्र में छिपाकर रखे हैं।

बुधवार की सुबह आठ बजे पुलिस टीम गुरशरण सिंह और पारस सिंह को साथ लेकर मंड में पहुंची। इस बीच गुरशरण सिंह ने छिपाया हुआ पिस्तौल निकालकर पुलिस पर एकदम चार फायर कर दिए। पुलिस कर्मियों ने किसी तरह अपना बचाव किया।

जवाबी फायरिंग में पुलिस कर्मियों ने भी फायरिंग की। एक गोली गुरशरण सिंह को जा लगी और वहीं उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि इसी दौरान पारस सिंह मौका पाकर वहां से भाग गया और उसने ब्यास दरिया में छलांग लगा दी। पुलिस टीमें लगातार उसकी तलाश कर रही थीं।

झाड़ियों में छिपकर बैठा था आरोपी

उसकी तलाश के लिए गोताखोरों के अलावा वोट व ड्रोन का प्रयोग किया गया। ड्रोन में वह दरिया के किनारे उगी झाड़ियों में छिपकर बैठा हुआ दिखाई दिया। इसके बाद शाम छह बजे पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

आतंकी हरिके और सत्ता के लिए काम कर रहा था गुरशरण पर टीम ने आरोपितों के पिस्तौल, गन पाउडर और गोलियों की जांच की।

पता चला है कि गुरशरण सिंह तीन वर्ष से लखबीर सिंह हरिके और सतनाम सिंह सत्ता के कहना पर हत्या, रंगदारी, हत्या प्रयास जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहा था।

तरनतारन में उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। न्यायिक जांच शुरू मुठभेड़ की जांच के लिए न्यायाधीश बिक्रम दीप सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे।

उन्होंने लगभग दो घंटे तक घटना स्थल का बारीकी से अध्ययन किया। यही नहीं उन्होंने डीआइजी सतिंदर सिंह, एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल के साथ तीन घंटे तक पूछताछ होती रही।

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