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Amritsar Tour: अमृतसर घूमने जाना है? इन खास जगहों पर जाकर दो दिनों में आसानी से पूरा करें ट्रिप

अमृतसर अपनी सांस्कृतिक विरासत धर्म और खान-पान के लिए बेहद प्रसिद्ध है लेकिन इन सबसे अलग हटके ये शहर दो जगहों के लिए खास जाना जाता है। पहला है स्वर्ण मंदिर और दूसरा है जलियांवाला बाग। ये दो यहां के कुछ खास ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। अमृतसर का एक टूर आपको शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षणों के बारे में बहुत कुछ बता देगी।

By Nidhi VinodiyaEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 02 Aug 2023 09:51 PM (IST)
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अमृतसर घूमने जाना है? इन खास जगहों पर जाकर दो दिनों में आसानी से पूरा करें ट्रिप
अमृतसर, जागरण डिजिटल डेस्क: सिख धर्म (Sikhism) के इतिहास से निकटता से जुड़ा, अमृतसर(Amritsar) एक जीवंत शहर है, जहां हर समय आपको चहल-पहल मिलेगी। अमृतसर अपनी सांस्कृतिक विरासत, धर्म और खान-पान के लिए बेहद प्रसिद्ध है, लेकिन इन सबसे अलग हटके ये शहर दो जगहों के लिए खास जाना जाता है। पहला है स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) और दूसरा है जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh)। ये दो यहां के कुछ खास ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।

अमृतसर का एक टूर आपको शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक आकर्षणों के बारे में बहुत कुछ बता देगी। यहां आप स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाकर, भांगड़ा की धुन पर नाच कर, सड़क पर खरीदारी करके और भी बहुत कुछ एक्स्प्लोर करके पंजाबी जीवन शैली का स्वाद ले सकते हैं।

यदि आप भी इस शहर के सबसे खास आकर्षणों, संस्कृति और भोजन का अनुभव लेना चाहते हैं, तो ये समय आपके लिए अनुकूल है। यहां सिर्फ 2 दिनों के भीतर आप बड़े ही आराम से अमृतसर का कार्यक्रम बना सकते है।

Day 1

सुबह 7.30 - 9.30 बजे: Golden Temple 

अमृतसर में अपने पहले दिन की शुरुआत शहर के सबसे प्रतिष्ठित आकर्षण - स्वर्ण मंदिर, जिसे हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, से करें। दुनिया में सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारों में से एक और सिखों के लिए सबसे पवित्र मंदिर है। यह मंदिर शांत पवित्र जल कुंड के बीच स्थित है। हरमंदिर साहिब में आपको मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य मिलेगा। इसका बाहरी हिस्सा सोने का बना हुआ है। वहीं हरमंदिर साहिब की भीतरी दीवारों में मीनाकारी, कांच व कीमती पत्थर से कारीगरी की गई है। हरमंदिर साहिब 24 घंटे खुला रहता है।

क्या करें

  • आप मंदिर की शांति का आनंद लें सकते हैं।
  • यहां आप भावपूर्ण धुन और भजन का आनंद ले सकते हैं।
  • यहां पर कड़ा प्रसाद खाकर आपको अलग ही स्वाद मिलेगा।
  • कुछ देर पवित्र कुंड के के पास बैठकर मन शांत कर सकते हैं।
मंदिर में दर्शन करने के बाद आप लंगर खाने भी जा सकते हैं, जहां हर दिन लाखों लोगों को खाना खिलाया जाता है। कहा जाता है कि यहां का प्रसाद विश्व का स्वादिष्ट प्रसाद माना जाता है। यहां का खाना कुछ ऐसा है, जिसका अनुभव आप केवल अमृतसर में ही कर सकते हैं।

सुबह 9.30 बजे - दोपहर 1.00 बजे: स्वर्ण मंदिर के आसपास के अन्य आकर्षक जगहों का लुत्फ उठाएं

स्वर्ण मंदिर परिसर और उसके आसपास का क्षेत्र ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक स्थलों सहित कई अन्य आकर्षणों से भरपूर हैं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे मार्मिक अध्यायों में से एक, जलियांवाला बाग तक हरमंदिर साहिब से पैदल आसानी से पहुंचा जा सकता है।

क्या देखें

  • अकाल तख्त
  • दुःख भंजनी बेरी
  • बेरी बाबा बुड्ढा जी
  • गुरुद्वारा बाबा अटल राय
  • हर की पौडी

समय 1:00 बजे से 2.00 बजे तक: जलियांवाला बाग

अमृतसर में हों तो आपको स्थानीय लोगों से अपार प्रेम मिलेगा। वहीं दोपहर के खाने में यहां ताजा तैयार कुलचा और लस्सी का एक बड़ा गिलास जैसे पंजाबी व्यंजन होते हैं। आपको स्वर्ण मंदिर परिसर के पास कई रेस्तरां और भोजनालय मिलेंगे जहां आप पंजाबी भोजन के साथ अपने स्वाद को संतुष्ट कर सकते हैं।

कहां खाएं 

  • कुलचे वाला
  • कुलवंत सिंह कुलचे वाला - पुराना
  • भाई कुलवंत सिंह कुलचे वाले
  • केसर दा ढाबा
अब इसके थोड़ी दूरी पर स्थित है दुर्गियाना मंदिर

दोपहर 1.15 - 2.15 बजे: दुर्गियाना मंदिर में माथा टेकें

दुर्गियाना मंदिर अमृतसर के शीर्ष हिंदू मंदिरों में से एक है जो शहर की धार्मिक विरासत की झलक दिखाता है। एक पवित्र झील के बीच में स्थित मंदिर की आश्चर्यजनक वास्तुकला स्वर्ण मंदिर से काफी मिलती जुलती है। यह मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। देवी दुर्गा को समर्पित 16वीं शताब्दी का यह मंदिर जटिल नक्काशीदार चांदी के दरवाजों से सुसज्जित है।

3.30 बजे - 6.30 बजे: वाघा बॉर्डर पर चेंज ऑफ गार्ड समारोह देखें

दुर्गियाना मंदिर में दर्शन के बाद एक और खास जगह है, जो है वाघा बॉर्डर। अब यहां जाने का समय आ जाता है। एक घंटे की लंबी ड्राइव करने के बाद आप भारत और पाकिस्तान पर स्थित वाघा बॉर्डर पर पहुंच जाते हैं।

एक घंटा पहले निकलें 

रेडक्लिफ लाइन पर स्थित वाघा बॉर्डर या अटारी-वाघा भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार करने के रूप में काम करता है। हर शाम यहां आयोजित होने वाला बीटिंग रिट्रीट और चेंज ऑफ गार्ड समारोह एक बेमिसाल अनुभव देता है। पंजाब की ये जगह सैलानियों को बेहद आकर्षित करती है। वाघा बॉर्डर जाने पर जाने के बाद लोग देश प्रेम के लिए एक अलग ही भावना मन में लिए जाते हैं। बस ये याद रखें कि वाघा बॉर्डर जाने के लिए एक घंटा पहले निकले, जिससे आसानी से आप समय से यहां पहुंच सकते हैं।

 बॉर्डर के पार ढाबे 

समारोह समाप्त हो जाने के बाद, सीमा से लगभग 2 किमी दूर स्थित सरहद रेस्तरां में अमृतसरी और लाहौरी व्यंजनों के कुछ खास व्यंजन खाकर अपनी भूख को दूर करें।

शाम 8.30 बजे: अपने रात्रि भोजन का आनंद लें और आराम से सो जाएं, क्योंकि दिन भर के टूर से आप थक भी जाएंगे। लंबे दिन के बाद थकान तो हो ही जाती है। तो बस अपने होटल के नजदीकी रेस्तरां में जाकर डिनर का आनंद लें और गहरी सांस लेकर सो जाएं। अब दूसरे दिन की के लिए ऊर्जा तो चाहिए न?

Day 2

सुबह 10.00 बजे - 11.30 बजे: महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम

दूसरे दिन की शुरुआत महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम की यात्रा के साथ करें, जो अमृतसर में एक शीर्ष पर्यटक आकर्षण है। महाराजा रणजीत सिंह के कई महलों में से एक में स्थित, यह संग्रहालय महान शासक के दरबार की कलाकृतियों और अभिलेखीय अभिलेखों के समृद्ध संग्रह के माध्यम से उनके जीवन और समय की एक झलक पेश करता है।

समय: सुबह 9.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक

प्रवेश शुल्क: ₹ 10 प्रति व्यक्ति

अब आपका अगला पड़ाव गोबिंदगढ़ किला है, जहां आप इतिहास, विरासत और मनोरंजन का अनुभव कर सकते हैं।

दोपहर 12.00 बजे - 2.30 बजे: गोबिंदगढ़ किला

गोबिंदगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक संरचना नहीं है। यह एक जीवंत विरासत संग्रहालय के रूप में भी कार्य करता है। 18वीं सदी के इस राजसी किले के अंदर कुछ समय बिताकर इसके गौरवशाली इतिहास के बारे में अधिक जान सकते हैं और इसके कई आकर्षणों का आनंद उठा सकते हैं।

समय: प्रातः 10.00 बजे से रात 10.00 बजे तक

प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹25; विदेशियों के लिए ₹100

क्या करें

  • किले की स्थापत्य सुंदरता का आनंद लें
  • लोक प्रदर्शन देखें
  • मज़ेदार गतिविधियों का आनंद लें, जैसे ढोल की थाप पर भांगड़ा, ऊँटों और घोड़े पर सवारी करना, मिट्टी के बर्तन बनाने में हाथ आज़माना, तीर चलाना आदि।
  • पगड़ी और सिख कला संग्रहालय जाएं
  • युद्ध संग्रहालय में किले के इतिहास के बारे में और जानें
  • हाट बाजार में हस्तशिल्प की खरीदारी करें
  • किले में घूमने के बाद यहां पर मौजूद ढाबे में भोजन जरूर करें, यहां भी आपको पंजाब के व्यंजन के अलग स्वाद का अनुभव होगा।
कहां खाना है

  • अंबरसरी जायका ढाबा
  • जायका गली

3.00 बजे - 4.30 बजे: अमृतसर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल राम तीर्थ आश्रम

ऐसा माना जाता है कि श्री राम तीर्थ आश्रम वह स्थान है जहां भगवान राम द्वारा सीता को त्यागने के बाद ऋषि वाल्मीकि ने सीता को आश्रय दिया था। कहते है कि बाद में उन्होंने इसी स्थान पर अपने जुड़वां बेटों लव और कुश को जन्म दिया था। यह महर्षि भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल के रूप में भी जाना जाता है। आश्रम का खास बात ये है कि यहां वाल्मीकि जी की 800 किलोग्राम वजन वाली सोने से बनी एक बेहद मनमोह लेने वाली मूर्ति है।

शाम 5.00 बजे - शाम 6.00 बजे: प्रतिष्ठित जामा मस्जिद खैरूद्दीन

इस बड़ी मस्जिद का देश की स्वतंत्रता संग्राम से गहरा संबंध है। चार मीनारों और तीन गुंबदों से सुसज्जित, यह वास्तुकला की इस्लामी शैली का एक अच्छा उदाहरण है। यहां से 5 मिनट की दूरी पर है हाल बाजार।

शाम 6.00 बजे - 7.00 बजे: हॉल बाज़ार

अमृतसर के सबसे पुराने और जाने-माने बाजारों में से एक हॉल बाजार खरीदारों के लिए बेहद खास है। यहां आपको फुलकारी काम के साथ डिजाइनर पोशाक मिलेगी जो की यहां की सबसे फेमस पोशाकों में से एक है। अब जब आपने अपने शॉपिंग बैग भर लिया है तो लॉरेंस रोड पर एक बेहद शानदार रात्रि भोजन के साथ अमृतसर की अपनी 2-दिवसीय यात्रा समाप्त करने के बारे में क्या ख्याल है?

कहां खाना है

  • सांझा चूल्हा
  • सुरजीत फूड प्लाजा
  • चावला 2
  • चौपाटी रेस्टोरेंट
  • फॉर्मोस
  • अमृतसर का स्वाद - होटल पुन्नू इंटरनेशनल
  • मेट्रो - विनम्र होटल
यदि आप दिल्ली में रहते हैं तो, आप बस ट्रेन या अपने खुद के वाहन से आसानी से जा सकते हैं। अमृतसर दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं।

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