किसान फिर भरेंगे सरकार के खिलाफ हुंकार, 13 फरवरी को करेंगे दिल्ली कूच; आखिर अब क्या है अन्नदाताओं की मांग?
संयुक्त किसान मोर्चा की रैली में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली मोर्चे की घोषणा कर दी है। जंडियाला गुरु में हुई रैली में 18 किसान संगठनों के पदाधिकारी और हजारों किसान शामिल हुए। एमएसपी पर गारंटी कानून 58 वर्ष की उम्र के किसानों और खेत मजदूरों के लिए दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन सहित किसानों की कई मांगें हैं जिसके लिए वह विरोध-प्रदर्शन पर उतरेंगे।
संवाद सहयोगी. जंडियाला गुरु/अमृतसर। संयुक्त किसान मोर्चा की रैली में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली मोर्चे की घोषणा कर दी है। जंडियाला गुरु में हुई रैली में 18 किसान संगठनों के पदाधिकारी और हजारों किसान शामिल हुए।
एमएसपी पर गारंटी कानून, 58 वर्ष की उम्र के किसानों और खेत मजदूरों के लिए दस हजार रुपये प्रति माह पेंशन सहित किसानों की कई मांगें हैं, जिसके लिए वह विरोध-प्रदर्शन पर उतरेंगे।
'देश के स्रोतों को विदेशी कॉरपोरेट घरानों को बेचा'
किसान नेताओं ने बताया कि एक बार फिर से दिल्ली मोर्चा के बिगुल फूंका जा रहा है। रैली को संबोधित करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जसविंदर सिंह लौंगोवाल बताया कि अब तक सभी केंद्र सरकारों ने देश के स्रोतों को विदेशी कॉरपोरेट घरानों को बेच देने की नीतियों पर ही काम किया है।
एमएसपी पर गारंटी कानून की मांग कर रहे किसान
पिछले दस साल से काम कर रही भाजपा सरकार इस काम में और भी आगे जा चुकी है। देश के कृषि सेक्टर और जमीनों पर कॉरपोरेट कब्जे करवाने की नीति पर काम किया जा रहा है।
जिस कारण किसानों की तबाही निश्चित है। उनकी केंद्र सरकार से मांग है कि सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी कानून बनाते हुए फसलों की कीमत डॉ स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट के मुताबिक दी जाए।
58 वर्ष की उम्र के किसानों-खेत मजदूरों के लिए की पेंशन की मांग
नेताओं ने बताया कि फसल बीमा योजना सरकार द्वारा लागू की जाए। किसानों और खेत मजदूरों को संपूर्ण रूप से कर्ज मुक्त किया जाए। जमीन अधिग्रहण करने के 2013 के कानून में 2015 में किए गए संशोधन रद्द करते हुए पहले रूप में लागू किया जाएं।
भारत विश्व व्यापार संस्था से बाहर आए और भारतीय किसानों की कुल फसल पहल के आधार पर खरीदी जाए। 58 साल की उम्र के किसानों और खेत मजदूरों के लिए दस हजार रुपए प्रति महीना पेंशन स्कीम दी जानी चाहिए।
लखीमपुर खीरी कतलकांड केस में इंसाफ की मांग की
बिजली कानून 2020 को पूरी तरह से रद्द किया जाए। लखीमपुर खीरी कतलकांड केस में इंसाफ दिया जाए। किसान आंदोलनों में शहीद किसानों के परिजनों को नौकरी और मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही किसानों की अहम मांगों को लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड के किसान संगठनों द्वारा देश व्यापी आंदोलन की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।
इसके अलावा नशे पर पाबंदी, अबादकारों को कानून बनाकर मालकी हक, हर तरह के व्यापार के लिए अटारी सीमा खोलें, धुरी मिल, शेरों गन्ना मिल और नरमे से संबंधित अदारों को चालू हालत में कायम रखा जाए।
यह किसान नेता रहे मौजूद
इस अवसर पर दिलबाग सिंह हरिगढ़, हरविंदर सिंह मसानियां, सुरिंदर सिंह, दविंदर सिंह, कर्मजीत सिंह नंगली, नरिंदर सिंह कोटला, सुखविंदर सिंह सभरा, बलदेव सिंह जीरा, ओंकार सिंह, मलकीत सिंह, चमकौर सिंह, गुरध्यान सिंह, देसराज मौदगिल, गुरमीत सिंह मांगट, अमरजीत सिंह मौहड़ी, इंदरजीत सिंह कोट बुड्ढा, सुखजिंदर सिंह खोसा, लखविंदर सिंह सिरसा, बलदेव सिंह सिरसा, दविंदर सिंह डफर, हरप्रीत सिंह संधू, अतर सिंह कोटला, सतनाम सिंह बागड़ियां आदि मौजूद थे।