अमृतसर में चर्च में कांग्रेस नेता ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, एक युवक की मौत और भाई घायल
पंजाब के अमृतसर में एक चर्च में एक कांग्रेस नेता ने सात-आठ लोगों के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इससे एक हड़कंप मच गया। इस घटना में एक युवक की मौत हो गई। उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। फायरिंग करने वाला कांग्रेस नेता बताया जाता है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:01 PM (IST)
अमृतसर, जेएनएन। गुरुनगरी अमृतसर में एक चर्च में सरेआम ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप मच गया। एक कांग्रेस नेता ने अपने सात-आठ साथियों के साथ मिलकर चर्च में फायरिंग की और वहां एक युवक की हत्या कर दी। युवक चर्च में सेवादार था। हमलावरों ने युवक को बचाने आए उसके भाई पर भी गोलियां चला दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शहर के गिलवाली गेट के पास स्थित श्री गुरु रामदास नगर में इस चर्च में हुई। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह गिल ने अपने साथियों के साथ ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। वारदात के बाद सभी हमलावर फरार हो गए। हमलावरों से 17 से 20 राउंड गोलियां चलाईं।
पुरानी रंजिश के कारण सात-आठ साथियों के साथ घुसा था चर्च में, 15 से 20 राउंड गोलियां चलींमारे गए युवक का नाम प्रिंस बताया जाता है और उसका भाई मनोज गंभीर रूप से घायल हुआ है । पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जाता है कि कांग्रेस का नेता रणदीप सिंह गिल वर्तमान में बाबा खेतरपाल जी शक्ति दल ऑल इंडिया का चेयरमैन भी है। पुलिस हमलावरों की तलाश में जुट गई है।
इसी चर्च में फायरिंग हुई।
फायरिंग में मारे गए युवक के परिवार के सदस्यों का कहना है कि आरोपित ने अपने 7-8 साथियों के साथ फायरिंग की। आरोपित व उसके साथियों ने मिलकर चर्च के अंदर सरेआम 15 से 20 राउंड गाेलियां फायर की। फायरिंग के दौरान गोलियां लगने से युवक प्रिंस बुरी तरह घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। सका साथी मनोज बुरी तरह से जख्मी है।
जख्मी हुए मनोज को करवाया अस्पताल में दाखिल, गिलवाली गेट के पास चर्च में हुई घटना
वारदात घटना पुरानी रंजिश को लेकर हुई है। गोली लगने से घायल हुए मनोज कुमार को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घटना के बारे में पता चलते ही एसीपी मंगल सिंह मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
क्रिश्चन समाज मोर्चा के नेता जसपाल सिंह ने बताया कि कांग्रेस का नेता रणदीप गिल उनके छोटे भाई प्रिंस से रंजिश रख रहा था। लॉक डाउन में कुछ लोग चर्च में आकर प्रार्थना करते थे। हालांकि चर्च के सेवादारों ने चर्च में लोगों के आने पर रोक लगा रखी थी। लाकडाउन में आल इंडिया बाबा खेतरपाल शक्ति दल के चेयरमैन व कांग्रेस नेता रणदीप सिंह गिल का इसी बात को लेकर प्रिंस से विवाद भी हुआ था।
जसपाल सिंह ने बताया कि रणदीप गिल का कुछ दिन पहले प्रिंस के साथ झगड़ा हुआ था। उसी संबंध में चर्च में मंगलवार को दोनों पक्षों में राजीनामा भी करवाया जा रहा था। लेकिन, आरोपित किसी भी कीमत पर प्रिंस को माफ करने को तैयार नहीं था।जसपाल ने बताया कि शुक्रवार शाम रणदीप गिल अपने सात-आठ साथियों के साथ चर्च में पहुंच गया। वहां प्रिंस और उसका भाई मनोज भी मौजूद थे। परिवार के सभी सदस्य किसी आयोजन की तैयारी में लगे थे। इसी दौरान गिल का प्रिंस से विवाद बढ़ गया। बात इतनी बढ़ गई की आरोपित और उसके साथियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। प्रिंस लगातार माफी मांग कर पीछा छुड़ाता रहा। देखते ही देखते रणदीप सिंह गिल और उसके साथियों ने पिस्तौल व दोनाली से 15 से 20 गोलियां चला दीं।
सीने में गोलियां लगते ही प्रिंस जमीन पर लहूलुहान होकर गिर गया। भाई मनोज ने उसे बचाने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उसपर भी गोलियां चला दीं और इससे वह भी जख्मी हो गया। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपित दो कारों में सवार होकर फरार हो गए।
प्रशासन रोक नहीं पाया रणदीप गिल की आपराधिक गतिविधियां
रणदीप सिंह गिल की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है और पुलिस उसे रोकने में कामयाब नहीं हो पाई। साल 2017 में डी डिवीजन थाने की पुलिस ने रणदीप गिल के खिलाफ अपनी कार पर पीली बत्ती लगाकर घूमने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जमानत पर छूटने के बावजूद आरोपित ने आपराधिक प्रवृति नहीं छोड़ी। परिवार के करीबी जसपाल मसीह ने बताया कि अगर सरकार और प्रशासन रणदीप गिल पर शिकंजा कस लेती तो आज प्रिंस जिंदा होता। उन्होंने बताया कि सरकार कोई भी हो रणदीप गिल कहीं ना कहीं राजनीति में कोई न कोई पद पा ही लेता है।
कार पर लालबत्ती लगाकर घूमने और मारपीट का भी हुआ था केस दर्जजसपाल मसीह ने बताया कि कुछ साल पहले उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आल इंडिया बाबा खेतरपाल जी शक्ति दल नाम से संगठन बनाया था। फिर वह संस्था का चेयरमैन बना और अपने चहेतों को भी उसमें शामिल किया। वर्तमान दौर में वह उसी संस्था के नाम से कांग्रेस में शामिल हुआ। उन्होंने बताया कि साल 2017 में डी डिवीजन थाने में रणदीप सिंह गिल के खिलाफ लाल बत्ती लगाकर घूमने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। जमानत पर छूटने के बाद आरोपित फिर सत्ता की धौंस दिखाने लगा। इसी बीच रणदीप गिल ने सेलिब्रेशन माल के पास पैसे मांगने पर एक रेस्टोरेंट मालिक और उसके बेटे की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। पुलिस ने मामला तो दर्ज किया था, लेकिन पीड़ित को दबाव में राजीनामा भी करना पड़ा था।
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