पंजाब की सियासत में बड़ा उलटफेर, पूर्व MLA हरमीत सिंह संधू ने छोड़ा अकाली दल; कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें
Punjab Politics पूर्व विधायक हरमीत सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया है। उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। संधू ने तीन बार तरनतारन से विधायक के रूप में कार्य किया है। वह पूर्व मुख्यमंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के करीबी माने जाते हैं। संधू के इस्तीफे से माझा की सियासत में हलचल मच गई है।
जागरण संवाददता, तरनतारन। तरनतारन से लगातार तीन बार विधायक रहे हरमीत सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कार्यकारी अध्यक्ष को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया।
इसके साथ ही उन्होंने अकाली दल की प्राथमिकता सदस्यता से त्यागपत्र देकर माझा की सियासत में हडकंप मचा दिया।पूर्व मुख्यमंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के करीबी हरमीत सिंह संधू आने वाले दिनों में कांगेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बाबत अभी पत्ते नहीं खोले, परंतु आने वाले दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अंतिम निर्णय लेंगे।
साल 2002 में लड़ा था निर्दलीय चुनाव
पूर्व सांसद सुरिंदर सिंह कैरों के परिवार से जुड़कर तरनतारन की सरगर्म राजनीति का हिस्सा बने हरमीत सिंह संधू ने वर्ष 2002 में आजाद तौर पर चुनाव लड़ा था।उस समय शिअद ने तरनतारन से अलविंदर पाल सिंह पक्खोके को टिकट दिया था, जबकि संधू टिकट पर दावा जताते रहे। टिकट न मिलने पर संधू ने सुरिंदर सिंह कैरों का सियासी थापड़ा लेकर तरनतारन से आजाद तौर पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज करवाई थी
2007 में शिअद ने उनको टिकट दिया। संधू ने जीत दर्ज करवाई तो उन्हें गठबंधन की सरकार में सीपीएस बनाया गया। 2012 में संधू ने तीसरी बार विधायक का चुनाव जीता और सरकार में सीपीएस बने।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।