पाकिस्तान को पसंद नहीं आ रहा भारतीय रुपया, सिख श्रद्धालुओं से कहा डॉलर-पाउंड लेकर आओ; क्या है पड़ोसी मुल्क की नई चाल?
पाकिस्तान ने भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए एक नई शर्त रखकर उनके लिए परेशानी खड़ी कर दी है। अब पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं को भारतीय करंसी स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके बजाय उन्हें डॉलर या पाउंड करंसी लानी होगी। श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए तीन हजार भारतीय सिखों का जत्था पाकिस्तान जाने वाला है।
गुरमीत लूथरा, अमृतसर। आर्थिक बदहाली में फंसे पाकिस्तान को भारतीय रुपया अब पसंद नहीं आ रहा है। पाकिस्तान ने एक नई शर्त रखकर अपने यहां स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए आने वाले भारतीय सिख श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ा दी है।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एवं पंजाब प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा ने आदेश में कहा है कि भारत से पाकिस्तान आने वाली सिख संगत से अब भारतीय करंसी नहीं ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि संगत को पाकिस्तान के गुरुधामों के दर्शन के लिए रुपए नहीं, बल्कि डॉलर या पाउंड करंसी ही लानी पड़ेगी। भारत से 14 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने तीन हजार भारतीय सिखों का जत्था पाकिस्तान जाने वाला है। भारतीय करंसी के स्थान पर डॉलर व पाउंड की व्यवस्था करना सिख श्रद्धालुओं के लिए एक नई समस्या बन गई है।
गुरुधामों को दर्शन करने पाकिस्तान जाते हैं श्रद्धालु
अब भारतीय सिख श्रद्धालु अपने साथ भारतीय रुपये ही लेकर जाते रहे हैं। पाकिस्तान पहुंचने पर वहां उन्हें भारतीय करंसी के बदले पाकिस्तानी करंसी मिल जाती थी जिससे वे अपना धार्मिक कार्यक्रम पूरा करके लौट आते थे। भारत से हर वर्ष 7200 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुधामों के दर्शन व गुरुपर्व मनाने के लिए जाते हैं।
एक अनुमान के अनुसार दर्शन दीदार के लिए जाने वाला प्रति सिख पाकिस्तान में 10000 से 15000 रुपए खर्च करता है। श्री ननकाना साहिब सिख यात्री जत्था के प्रधान रोबिन गिल ने संगत को होने वाली परेशानी को देखते हुए विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि 13-14 नवंबर को अटारी सीमा पर करंसी एक्सचेंज काऊंटर खोला जाए।
उन्होंने बताया कि पंजाब के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से भी सिख श्रद्धालु पाकिस्तान जाने के लिए आते हैं। इनमें से कई लोग वीजा की सूचना मिलने में विलंब होने से देर से पहुंचते हैं जिससे उनके लिए करंसी एक्सचेंज एक परेशानी बन सकती है।
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