बता दें कि इस बैठक में कई बड़े मुद्दों को लेकर चर्चा जारी है। जिसमें अब तक सीएम मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में नियुक्ति, बाढ़ और फर्जी ट्रैवल एजेंट्स का मुद्दा उठाया है।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की नियुक्ति का उठाया मामला
बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (Bhakra Beas Management Board) में मेंबर पावर नियुक्ति का मामला उठाया है। उन्होंने मेंबर पावर की नियुक्ति के लिए पुरानी प्रक्रिया की मांग रखी है। वहीं उन्होंने मेंबर की नियुक्ति में खुली भर्ती का विरोध किया है। सीएम मान ने कहा कि मैं इस बारे में केंद्रीय बिजली मंत्री से भी बात कर चुका हूं। पावर मेंबर की भर्ती पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के तहत होती है।
बाढ़ प्रभावितों की मदद पर चर्चा
वहीं बैठक में बाढ़ प्रभावितों की मदद का भी मुद्दा उठा है। इसे लेकर पंजाब सीएम भगवंत मान ने हरियाणा और राजस्थान को घेरते हुए कहा कि पिछले दिनों आई बाढ़ से 16 जिलों में नुकसान हुआ है। सीएम ने कहा कि वैसे तो ये राज्य हमेशा पानी मांगते हैं। पर बाढ़ के समय उन्होंने पानी लेने से इनकार कर दिया। सीएम मान ने कहा कि मैं इस मुश्किल घड़ी में अपने लोगों की मदद करना चाहता हूं। हमारे पास हमारे पास बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए फंड मौजूद है।
फर्जी ट्रेवल एजेंट के रजिस्ट्रेशन रद किये जाएं - सीएम
वहीं बैठक में फर्जी ट्रेवल एजेंट के मसले पर मुख्यमंत्री मान सख्त नजर आए। उन्होंने कहा कि कुछ एजेंट टूरिस्ट वीजा पर लोगों को बाहर काम के लिए भेज देते हैं, जिससे भोले भाले लोग विदेशों में फंस जाते हैं। ऐसे ट्रैवल एजेंट्स के रजिस्ट्रेशन रद किये जाएं। सीएम मान ने कहा कि फर्जी एजेंट्स की गतिविधियों पर सांझे तौर पर नजर रखने की जरूरत है। इंडियन इमीग्रेशन एक्ट का पालन सख्ती के साथ करवाने की जरूरत है। इसे लेकर जिला मजिस्ट्रेट और एसएसपी को ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है।
सतलुज यमुना लिंक की उठा मुद्दा
बैठक में सतलुज यमुना लिंक यानी की एसवाईएल का मुद्दा उठा है। बता दें कि ये बड़ा ही संवेदनशील मामला है। इसपर सीएम मान ने कहा है कि हमारे पास किसी भी राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। इस मसले से राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसका प्रभाव हरियाणा और राजस्थान पर भी पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें मौजूदा स्थिति में उपलब्ध पानी का मूल्यांकन करना चाहिए। सीएम ने कहा कि इसमें नहर बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
हिमाचल को नहीं दिया जाएगा शानन पावर प्रोजेक्ट
इसके साथ ही मीटिंग में शानन पावर प्रोजेक्ट का मुद्दा उठा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल की मांग का किया विरोध करते हुए कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वरूप में कोई बदलाव न हो तो अच्छा रहेगा। सीएम ने कहा कि पावर प्रोजेक्ट हिमाचल को देने का फैसला गलत हो सकता है। सीएम ने कहा कि पंजाब ने 1975 से 1982 के बीच इस प्रोजेक्ट का विस्तार किया है। हमने इसमें 48 मेगावाट से बढ़ाकर 110 मेगावाट की क्षमता की है। इसके उलट कोई भी फैसला पंजाब के लोगों के साथ बेइंसाफी होगी।
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया
सीएम मान ने मीटिंग में उठा फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का मामला। इसे लेकर सीएम मान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि ये मसला मेरे दिल के सबसे नजदीक है। पंजाब का किसान लगातार कर्जे के बोझ तले दब रहा है। किसान केंद्र सरकार की नजरों में सबसे अनदेखा है। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रति केंद्र सरकार ने सौतेली मां वाला रुख अपनाया हुआ है।पंजाब ने अपनी ज़रूरत से ज्यादा अनाज उगाया है। हमने अपनी धरती और पानी दोनों खराब कर लिए है। सीएम ने कहा कि बदकिस्मती से पंजाब और किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा है। सीएम मान ने कहा किएफसीआई के लिए अनाज खरीद के बदले पंजाब के खर्चे की भरपाई जानबूझकर नहीं की जा रही है। हर साल पंजाब राज्य का घाटा बढ़ता जा रहा है।
चंडीगढ़ को सिर्फ पंजाब की राजधानी बनाने का उठा मुद्दा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बैठक में चंडीगढ़ को सिर्फ पंजाब की राजधानी बनाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के गांवों को उजाड़ कर बनाया गया है। सीएम ने कहा कि पंजाब की राजधानी की तौर पर चंडीगढ़ का दर्जा बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि पंजाब की लंबे समय से लटकी इस मांग को पूरा किया जाए।
सीएम मान ने उठाया अर्धसैनिक बल का मुद्दा
बैठक में सीएम मान ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती के खर्चे पर मुख्यमंत्री के तेवर तल्ख नजर आए। सीएम मान ने कहा कि पंजाब एक सरहदी राज्य है, यहां कानून व्यवस्था कायम रखना महत्वपूर्ण है। बड़े दुख की बात है की अर्धसैनिक बलों की तैनाती के भी हमसे पैसे लिए जाते हैं। जिस राज्य के बेटे फौज में शहीद होते हैं, उस राज्य से फीस ली जाती है। उन्होंने पंजाब को अर्धसैनिक बलों के इस खर्चे से मुक्त करने की मांग राखी है।
NZC मीटिंग में उठा पंजाब यूनिवर्सिटी का मुद्दा
बता दें कि हरियाणा ने अपने कॉलेजों को पंजाब यूनिवर्सिटी से मान्यता देने का मुद्दा उठाया था, जिसे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सिरे से खारिज कर दिया है। सीएम ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत है। 50 साल से हरियाणा ने कोई मान्यता नहीं ली, अब ऐसे क्या हालात बदल गए कि मान्यता की ज़रूरत है। सीएम ने कहा कि मेरी अपील है कि इस मसले को आगे के लिए भी खत्म समझा जाए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को इस बैठक से भी हटा देना चाहिए। सीएम ने कहा कि हमने पंजाब यूनिवर्सिटी के वित्तीय घाटे को दूर किया है। हमने ग्रांट-इन-एड को बढ़ाकर 94.13 करोड़ रुपए कर दिया। यूनिवर्सिटी में नए हॉस्टल के लिए हमने फंड जारी किया।
पंजाब के मंत्रियों ने किया स्वागत
एयरपोर्ट पर वित्त मंत्री हरपाल चीमा और कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब सरकार की ओर से उनका स्वागत किया, वहीं भाजपा के भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ व उनकी टीम ने उनका स्वागत किया।
होटल ताज स्वर्णा पहुंचे अमित शाह
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का होटल ताज स्वर्णा में मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने स्वागत किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।
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शहर में बढ़ाई गई सिक्योरिटी
बता दें कि इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से हाईड्रो प्रोजेक्टों पर लगाए गए वाटर सेस और हरियाणा और राजस्थान की ओर से अतिरिक्त पानी लेने से इनकार करने का मामला उठा सकते हैं। मान एसवाईएल के मुद्दे पर यमुना का पानी दिए जाने की बात रख सकते हैं। बैठक को लेकर अमृतसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पंजाब पुलिस के करीब 1,200 जवान और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है। शहर पर 35 आईएएस और पीसीएस अफसर भी नजर रखे हुए हैं।
पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के सीएम पहुंचे
बैठक में शामिल होने के लिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और राजस्थान आदि के अधिकारी अमृतसर में पहुंच गए हैं।
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