IIM Amritsar के दीक्षा समारोह में HPCL के चेयरमैन डा. जोशी ने छात्रों से कहा- सफलता के लिए कड़ी मेहनत करें
डा. जोशी ने कहा कि जीवन का सीधा मंत्र है जोकि तीन भागों में बंटा हुआ है। पहला है आइक्यू यानी आपका देखने का नजरिया कैसा है? यह आपके जीवन के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित करता है। दूसरा अहम हिस्सा ईक्यू है यानी इमोशनल क्वेश्चन।
By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Sun, 02 Apr 2023 01:03 AM (IST)
जासं, अमृतसर। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आइआइएम) के सातवें दीक्षा समारोह में शनिवार को 291 विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री प्रदान की गई।
समारोह के मुख्य अतिथि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर डा. पुष्प कुमार जोशी ने विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए सख्त मेहनत करने और खुद के चरित्र को निखारने पर बल दिया।डा. जोशी ने कहा कि जीवन का सीधा मंत्र है, जोकि तीन भागों में बंटा हुआ है। पहला है आइक्यू, यानी आपका देखने का नजरिया कैसा है? यह आपके जीवन के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित करता है।
दूसरा अहम हिस्सा ईक्यू है, यानी इमोशनल क्वेश्चन। अगर आपके पास ज्ञान की कमी है या जानकारी का अभाव है तो जीवन की राह बेहद कठिन हो जाती है, इसीलिए अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रश्न करें।एक बार नहीं बार-बार करें, ताकि आप अपने ज्ञान में निखार ला सकें। तीसरा हिस्सा है एसक्यू यानी स्प्रिचुअल क्वेश्चन (आध्यात्मिक प्रश्न)। केवल धार्मिक होना इसमें जरूरी नहीं है, बल्कि जीवन के मकसद को तय करना उससे भी अधिक जरूरी है।
इस तीसरे भाग में अपने चरित्र को उत्तम बनाना पड़ता है, उसी के दम पर जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जीवन में दो एच का फार्मूला अपनाना भी अत्यंत आवश्यक है।पहला एच है हार्ड वर्क यानी कड़ी मेहनत। याद रखें कि इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दूसरा एच है ह्यूमिलिटी यानी विनम्रता।डिग्री हासिल करने के बाद अब आपके कंधों पर सामाजिक जिम्मेदारी बढ़ेगी। यदि आपके अंदर दूर तक सोचने की इच्छाशक्ति है तो ही जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।
आइआइएम के चेयरमैन व दैनिक जागरण समूह के प्रधान संपादक संजय गुप्त ने विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई देते हुए इनका जश्न मनाने का आग्रह किया। उन्होंने विद्यार्थियों को विनम्रता के महत्व के बारे में बताया और जिज्ञासु बने रहने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि अपने व्यवहार में विनम्रता लाकर ही जीवन के लक्ष्यों को आसानी से हासिल कर सकते हैं। एक जिज्ञासु मन जीवन की संपत्ति है। यह जीवन में दूर तक ले जा सकता है।
आइआइएम के निदेशक डा. नागराजन रामामूर्ति ने विद्यार्थियों से कहा कि आप लोग याद रखें कि आप आइआइएम के चेहरे और पथ प्रदर्शक हैं।आपके कार्य हमारे संस्थान को प्रभावित करेंगे। इसलिए हमेशा उन मूल्यों का पालन करें, जो इन दो वर्षों में आपने प्राप्त किए हैं।दीक्षा समारोह में एमबीए बैच के 223, एमबीए-बीए बैच के 24, एमबीए-एचआर बैच के 10 और ईएमबीए बैच के 34 विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री प्रदान की गई। इस अवसर पर बोर्ड आफ गवर्नेंस शैला नायर और बलराज किशोर नामदेओ भी मौजूद रहे।
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