तख्त श्री दमदमा साहब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह पद पर बने रहेंगे, कनाडा-भारत के बढ़ते विवाद पर भी दिया रिएक्शन
दमदमा साहब के जत्थदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अपने पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अकाल पुरख चाहेंगे तो वह सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पद का लालच नहीं। वाहेगुरु चाहेंगे तो सेवा करता रहूंगा इसके साथ ही उन्होंने भारत-कनाडा विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी है। इससे पहले एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने ज्ञानी हरप्रीत का इस्तीफा नामंजूर कर दिया था।
जेएनएन, अमृतसर। तख्त श्री दमदमा साहब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह फिलहाल अपने पद पर बने रहेंगे। नगर कीर्तन में शामिल होने पहुंचे जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि जब तक अकाल पुरख चाहेंगे तब तक वह बतौर सेवा करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पद का कोई लालच नहीं है जब तक वाहेगुरु चाहेंगे सेवा करता रहूंगा। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उनका विरसा सिंह वलटोहा के साथ कोई निजी विवाद नहीं है। उन्होंने भारत- कनाडा में जारी विवाद पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत-सरकार को संबंध सुधारने के लिए पहलकदमी करनी चाहिए।
धामी ने नहीं स्वीकारा इस्तीफा
इससे पहले वीरवार को एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा को स्वीकार करने से मना कर दिया था। इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता विरसा सिंह वल्टोहा को मर्यादा में रहने की सलाह दी।यह भी पढ़ें- मुश्किल में राम रहीम, सुप्रीम कोर्ट ने 9 साल पुराने केस में दिया झटका; बेअदबी से जुड़ा है मामला
ज्ञात हो कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने वल्टोहा के आरोपों से आहत होकर बुधवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिय इस्तीफा दे दिया था। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसजीपीसी को इस्तीफा मंजूर नहीं करने का आदेश दिया था। एसजीपीसी अध्यक्ष धामी ने कहा कि सिख कौम को ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं की अभी बेहद जरूरत है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह जत्थेदार रहकर कौम की अगुआई करते रहें।
धामी ने पूर्व अकाली नेता वल्टोहा को हिदायत दी कि वह मर्यादा में रहें। दोनों पक्ष मिलकर विवाद सुलझाएं और आपत्तिजनक निजी टिप्पणियां न करें। उन्होंने कहा कि देश में सक्रिय सिख विरोधी शक्तियां ‘फूट डालो व राज करो’ की नीति के तहत सिखों को विभाजित करने के लिए प्रयासरत हैं।
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