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Kisan Andolan ने बढ़ा दी दवाओं की किल्लत, ट्रांसपोर्ट प्रभावित होने से कई जरूरी मेडिसिन की कमी से जूझने लगे अस्पताल

Kisan Andolan Latest Update किसान आंदोलन का असर अब दवाओं पर भी देखने को मिल रहा है। राज्यों के अस्पतालों में एसी कोल्ड चेन वैन्स (वाहन) की सप्लाई पर ब्रेक लगने से इंजेक्शन सर्जिकल्स इंस्ट्रूमेंट एवं वैक्सीन्स की किल्लत महसूस होने लगी है। अगर सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई तो उक्त जीवनरक्षक दवाओं का संकट गहरा सकता है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 23 Feb 2024 09:44 AM (IST)
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ट्रांसपोर्ट प्रभावित होने से कई जरूरी मेडिसिन की कमी से जूझने लगे अस्पताल

अमृतसर, गुुरमीत लूथरा।  किसान आंदोलन का असर राज्य में दवाइयों की सप्लाई पर पड़ने लगा है। आंदोलन के चलते ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित होने से दवाओं का संकट पैदा हो गया है। होलसेल दुकानों व डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास दवाओं का स्टाक खत्म होने के कगार पर है। यही हाल रहा तो अस्पतालों में स्थिति बिगड़ सकती है।

जीवनरक्षक दवाओं का संकट गहरा सकता है

पंजाब केमिस्ट एसोसिएसन के पंजाब प्रधान सुरिंदर दुग्गल ने कहा कि आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इंजेक्शन, सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स एवं वैक्सीनेशन पर पड़ा है। अन्य राज्यों से एसी कोल्ड चेन वैन्स (वाहन) की सप्लाई पर ब्रेक लगने से इंजेक्शन, सर्जिकल्स इंस्ट्रूमेंट एवं वैक्सीन्स की किल्लत महसूस होने लगी है। अगर सप्लाई पूरी तरह से बंद हो गई तो उक्त जीवनरक्षक दवाओं का संकट गहरा सकता है।

दवाओं की कमी महसूस होने लगी है

होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के प्रधान राजेश सोई ने बताया कि दवाओं को अधिकतम स्टाक 15 दिन का होता है। 13 फरवरी को शुरू हुए किसान आंदोलन को दस दिन बीत चुके हैं। इस वजह से दवाओं की सप्लाई लगभग ठप हो चुकी है। अब दवाओं का पांच से छह दिन का स्टका ही बचा है। जीवन रक्षक दवाओं की कमी महसूस होने लगी है, क्योंकि सड़क मार्ग से पंजाब में पहुंचने वाली दवाएं के सप्लाई बाधित हो रही है।

कारोबारियों को 300 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है

आंदोलन खत्म न हुआ तो 300 करोड़ का हो सकता है नुकसान होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ उपप्रधान मनजीत सूद ने कहा कि अगर आंदोलन एक महीने तक निरंतर चला तो राज्य के दवा कारोबारियों को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

किसान आंदोलन के कारण पड़ रहा प्रभाव

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो दवा उद्योग ही नहीं बल्कि समस्त उद्योग आर्थिक विकास की पटरी से उतर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्य तौर से चेन्नई, गुजरात, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों से दवाओं की सप्लाई पंजाब में होती है। किसान आंदोलन के कारण यह प्रभावित हुई है।

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पुलिस प्रशासन से की गई अपील

दवाओं की सप्लाई के लिए रास्ता उपलब्ध करवाए सरकार होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के महासचिव राजीव कपूर ने कहा कि एसोसिएशन ने केंद्र व राज्य सरकार को दवाओं से भरे वाहनों को आपात सर्विस घोषित करते हुए पंजाब सीमा में प्रवेश करवाने के विशेष प्रबंध करने के लिए ई मेल भेजी है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी भेजे पत्र में शंभू व खनौरी बार्डर पर तैनात पुलिस-प्रशासिक अधिकारियों को मेडिसन वैंस को पंजाब में प्रवेश करवाने के उचित प्रबंध सुनिश्चित करने की हिदायत जारी करने की अपील भी की गई है, ताकि दवाओं की कमी न हो।

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