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श्री दुर्ग्याणा तीर्थ में लंगूर मेला आज से शुरू, लंगूरी परिधान पहनेंगे बच्चे

विश्व प्रसिद्ध लंगूर मेले का शुभारंभ आज से हो रहा है। श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के श्री बड़ा हनुमान मंदिर के दरबार खुलेंगे तो लंगूर बनने वाले बच्चे और उनके अभिभावक बजरंगी सेना श्री हनुमान जी के स्वरूप को लंगूरी परिधान के साथ सजे हुए दिखाई देंगे। श्री लंगूर मेले को लेकर मंदिर कमेटी द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।

By akhilesh kumar Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Thu, 03 Oct 2024 12:45 PM (IST)
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कमेटी और प्रशासन ने नवरात्र और मेले की तैयारी की पूरी है।
कमल कोहली, अमृतसर। विश्व प्रसिद्ध लंगूर मेले का शुभारंभ आज से हो रहा है। श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के श्री बड़ा हनुमान मंदिर के दरबार खुलेंगे तो लंगूर बनने वाले बच्चे और उनके अभिभावक बजरंगी सेना श्री हनुमान जी के स्वरूप को लंगूरी परिधान के साथ सजे हुए दिखाई देंगे।

श्री लंगूर मेले को लेकर मंदिर कमेटी द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। वहीं, सुरक्षा के भी प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा श्री गिरिराज सेवा दल के भी करीब 125 सेवादारों की सेवा करेंगे। लंगूर मेले के प्रथम दिन पंडितों की ओर से पूजा-अर्चना करके बच्चे लाल व सिल्वर गोटे वाला चोला, सिर पर टोपी, हाथ पर छड़ी पकड़े ढोल की थाप पर नाचते हुए दिखाई देंगे।

लंगूर मेले के प्रथम दिन श्री दुर्ग्याणा परिसर के बने बाहरी कांप्लेक्स में करीब 150 श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के साधकों का इंतजाम किया गया है। जहां पर लंगूर बनने वाले बच्चों के माता-पिता द्वारा साधकों से पूजा-अर्चना करवाई जाएंगी। लंगूर बनने वाले बच्चों को स्नान करवाया जाएगा। उसके बाद पंडितों द्वारा पूरी धार्मिक परंपरा के अनुसार बच्चों को पहनाए जाने वाले वस्त्रों की पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद बच्चों को लंगूर वाली पोशाक पहनाई जाएगी।

10 दिन तक धार्मिक परंपरा को निभाने का प्रण किया जाएगा। इसके अलावा बजरंगी सेना भी दरबार में माथा टेकने आएंगे। उनके लिए भी अलग प्रबंध किया गया है। नगर पुलिस के एडीसीपी विशाल जीत सिंह ने तीर्थ के प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के दिशा-निर्देश के तहत तीर्थ में सुरक्षा के कार्य प्रबंध किए गए हैं।

इसके अलावा सादे कपड़ों में भी पुलिस बल तैनात किया गया है। डीसीपी ला एंड आर्डर नवरात्र श्री लंगूर मेला तथा रामलीला को देखते हुए सुरक्षा के प्रबंध पूरे किए गए हैं। शहर में सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी। कमेटी की अध्यक्ष प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला और श्री बड़ा हनुमान मंदिर के चेयरमैन डा. राकेश शर्मा ने भी मंदिर में सेवा करने वाले भक्तों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।

श्री गिरिराज सेवा दल के प्रधान संजय शर्मा ने कहा कि उनके दल के करीब 125 सेवादार श्री हनुमान जी के दरबार में सेवा करेंगे। मंदिर का इतिहास श्री दुर्ग्याणा तीर्थ परिसर के नजदीक श्री बडा हनुमान मंदिर स्थित है। यह मंदिर श्री रामायण काल का बताया जाता है। इस मंदिर में श्री हनुमान जी की बैठी अवस्था की प्रतिमा है। मान्यता है कि यह प्रतिमा श्री हनुमान जी ने स्वयं बनाई थी।

लव कुश ने जब भगवान श्री राम जी की सेना के साथ युद्ध किया था, तब लव-कुश ने इसी मंदिर में श्री हनुमान जी को वट वृक्ष से बांध दिया था। यह वटवृक्ष आज भी मंदिर में सुशोभित है। जब हनुमान बंधन से मुक्त हुए तो श्रीराम ने उनको आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा जो भी निसंतान दंपती इस मंदिर में सच्चे मन से संतान की प्राप्ति के लिए अरधाना करेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी।

यह ऐसा स्थान है जहां पर श्री राम का उनकी संतान के साथ मेल हुआ था। इस मंदिर में जिन परिवारों के घर संतान की प्राप्ति होती है, वह शारदीय नवरात्रों के दिनों में 10 दिन तक अपने बच्चों को लंगूर बनाते हैं और 10 दिन तक कठिन तपस्या में दो बार मंदिर में नतमस्तक होने आते करना होता है।

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