महाराष्ट्र सरकार ने गैर-सिख को बनाया हजूर साहिब का प्रशासक, SGPC प्रधान ने जताई नाराजगी; CM शिंदे को लिखा पत्र
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है। उन्होंने गैर-सिख को तख्त श्री हजूर साहिब का प्रशासक लगाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। एसजीपीसी प्रधान ने पत्र में ऐतराज जताते हुए गैर-सिख प्रशासक को तुरंत हटाने की मांग भी की है। उनका कहना है गैर-सिख को हमारी परम्पराओं की जानकारी नहीं हो सकती।
By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 06 Aug 2023 10:44 PM (IST)
अमृतसर, जागरण संवाददाता। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने किसी गैर-सिख को तख्त श्री हजूर साहिब का प्रशासक लगाए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया है। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे पत्र में दो टूक कहा है कि एसजीपीसी को गैर-सिख प्रशासक कतई बर्दाशत नहीं है। सिख कौम इसे कभी भी बर्दाशत नहीं करेगी।
एसजीपीसी प्रधान ने पत्र में ऐतराज जताते हुए गैर-सिख प्रशासक को तुरंत हटाने की मांग भी की है। पत्र में प्रधान धामी ने कहा कि उनके नोटिस में आया है कि तख्त श्री हजूर साहिब के नए प्रशासक गैर-सिख अभिजीत राजिंद्रा को लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ही नहीं सिख संगत को भी गैर-सिख को सिखों के तख्त श्री हजूर साहिब (नांदेड) का प्रशासक कम कलेक्टर लगाना बर्दाशत नहीं है। एसजीपीसी के साथ-साथ सिख कौम भी महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से असहमत है।
'गुरुद्वारा बोर्ड के आम चुनाव एक साल से पेंडिंग हैं'
उन्होंने बताया कि गुरुद्वारा बोर्ड की समयावधि 15 मार्च, 2022 को खत्म हो गई थी। इसके बाद सरकार ने सेवामुक्त आईपीएस सिख अफसर डॉ. पीएस पसरीचा को जून 2022 में प्रशासक मनोनीत किया था। 31 जुलाई, 23 को पसरीचा का कार्यकाल पूरा हो गया था। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से गुरुद्वारा बोर्ड के आम चुनाव पेंडिंग हैं।
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