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पंजाब वासियों को नया तोहफा, CM मान ने 32.78 करोड़ की लागत से भगवान वाल्मीकि पैनोरमा का किया उदघाटन

punjab News पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार भगवान वाल्मीकि द्वारा दिखाए मार्ग और उच्च आदर्शों पर चलकर समानता वाले समाज की रचना करेगी। भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के पितामह और विश्व के पहले आदिकवि थे जिन्होंने अपनी अमर और महान रचना रामायण के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।

By Vicky Kumar Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 17 Oct 2024 08:54 PM (IST)
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पंजाब वासियों को नया तोहफा, CM मान ने 32.78 करोड़ की लागत से भगवान वाल्मीकि पैनोरमा का किया उदघाटन।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वीरवार को भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल (श्रीरामतीर्थ) पर स्थित अत्याधुनिक भगवान वाल्मीकि जी पैनोरमा जनता को समर्पित किया।

इस दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पैनोरमा भव्यता, सरलता और वास्तुकला का बेहतरीन मिश्रण है और यह राज्य सरकार की ओर से भगवान श्री वाल्मीकि जी को विनम्र श्रद्धांजलि है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पैनोरमा कांप्लेक्स नौ एकड़ भूमि में बनाया गया है और इसकी निर्माण लागत 32.78 करोड़ रुपये है। यह पैनोरमा भगवान श्री वाल्मीकि जी को समर्पित है और महाकाव्य के श्लोकों के साथ उनके जीवन की कहानी को दर्शाता है।

पैनोरमा में कुल 14 गैलरी हैं और प्रत्येक गैलरी भगवान श्री वाल्मीकि जी के जीवन और रामायण के विशेष पहलुओं को समर्पित है।

'पैनोरमा में आगंतुकों के लिए कई सुविधाएं'

इन 14 गैलरियों में स्वागत क्षेत्र, भगवान श्री वाल्मीकि जी के विशेष गुण, उनका जन्म और प्रारंभिक जीवन, आदि कवि (पहले कवि), पहला महाकाव्य, रामायण की रचना, रामायण की विशेषताएं, माता सीता और लव-कुश, योगेश्वर और संगीतेश्वर, संजीवनी विद्या के स्वामी, अश्वमेध यज्ञ, योग वशिष्ठ, भगवान वाल्मीकि जी नाम माला और उनके उपदेश शामिल हैं।

गैलरियों के अलावा पैनोरमा में आगंतुकों के अनुभव को समृद्ध करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिसमें एक कैफेटेरिया, स्मारिका दुकान, पुस्तकालय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

'बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश'

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार भगवान वाल्मीकि द्वारा दिखाए मार्ग और उच्च आदर्शों पर चलकर समानता वाले समाज की रचना करेगी। भगवान वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के "पितामह" और विश्व के पहले आदिकवि थे, जिन्होंने अपनी अमर और महान रचना "रामायण" के माध्यम से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया।

उनकी शिक्षाओं ने आदर्श राज्य या समाज की रचना के लिए आदर्श व्यक्ति, आदर्श शासक और आदर्श नागरिकों के साथ-साथ समाज में समानता पर जोर दिया है।

'पवित्र धरती पर नतमस्तक होने का अवसर मिला'

मुख्यमंत्री वीरवार को भगवान वाल्मीकि जी के प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल श्रीरामतीर्थ में नतमस्तक होने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों, पीरों और पैगंबरों की धरती है और यह गर्व की बात है कि भगवान वाल्मीकि जी ने इसी पवित्र भूमि पर भगवान राम जी के पुत्रों लव और कुश को शिक्षा दी थी।

सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इस पवित्र धरती पर नतमस्तक होने का अवसर मिला है। सरकार इस पवित्र स्थल के व्यापक विकास के लिए संसाधन जुटाने को प्रतिबद्ध है।

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