Gurupurab 2022: गुरुपर्व पर रोशनी से नहाया श्री हरिमंदिर साहिब, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब में मंगलवार को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा से मनाया गया। दूर-दूर से पहुंची संगत ने सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और नतमस्तक होकर गुरु साहिब के प्रति श्रद्धा प्रकट की।
जेएनएन, अमृतसर। मंगलवार को श्री हरिमंदिर साहिब में श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा से मनाया गया। इस मौके पर संगत ने नतमस्तक होकर गुरु साहिब के प्रति श्रद्धा प्रकट की। एसजीपीसी की ओर से श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व संबंधी गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। देर रात तक रोशनी से नहाए श्री हरिमंदिर साहिब में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी जारी रही।
इस अवसर पर एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी सहित प्रमुख व्यक्तियों ने हाजिरी भरी। श्री अखंड पाठ साहिब के भोग के बाद भाई गुरबचन सिंह के रागी जत्थे ने इलाही गुरबाणी कीर्तन किया। अरदास भाई गुरचरण सिंह ने की। संगत को पावन हुकमनामा भाई सुखविंदर सिंह भंगाला ने श्रवण करवाया।
एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने संगत को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए गुरु साहिब की शिक्षाओं पर चलने की प्रेरणा की। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब के प्रकाश से पहले विश्व में अज्ञानता का अंधेरा पसरा हुआ था जिसको गुरु साहिब ने गुरबाणी के प्रकाश से दूर किया।
गुरु साहिब ने विश्व में फैली जातपात, वर्ण बांट की बुराई को दूर करते हुए मानवता को एकता में पिरोया। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं को समाज में ऊंचा व बराबर सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि हमें श्री गुरु नानक देव जी की अोर से दर्शाए मार्ग पर चलते हुए सरब सांझे समाज की स्थापना के लिए प्रयासरत होना चाहिए। उन्होंने संगत को गुरबाणी के अनुसार जीवन व्यतीत करने की अपील की।
इस दौरान श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब व गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब जी में अलौकिक जलौ सजाए गए। गुरु साहिब जी का प्रकाश पर्व को समर्पित श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब व अन्य गुरुद्वारा साहिबान पर दीपमाला की गई।
इस अवसर पर एसजीपीसी सदस्य नवतेज सिंह काउली, गुरमीत सिंह, सतपाल सिंह, दर्शन सिंह, कौर सिंह, गुरलाल सिंह, दर्शन सिंह बराड़, प्रीतम सिंह, बीबी गुरिंदर कौर, बीबी जोगिंदर कौर, मा. अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह, प्रताप सिंह, सतबीर सिंह, परमजीत सिंह सरोआ आदि मौजूद थे।