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सरकार हमें बर्बाद करना चाहती है... पंजाब में पराली पर कार्रवाई से भड़के किसान, बठिंडा-मोगा सहित कई जिलों में चक्का जाम

Punjab News पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान धान खरीद में देरी पराली जलाने पर कार्रवाई समेत कई मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। बठिंडा मोगा बटाला और गुरदासपुर सहित कई जिलों में चक्का जाम किया गया है। किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें बर्बाद करना चाहती है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर किसानों ने कई तर्क भी दिए हैं।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 26 Oct 2024 04:12 PM (IST)
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Punjab News: मोगा में धरना करते हुए किसान (जागरण फोटो)
एएनआई, अमृतसर। पंजाब में पराली जलाने पर कार्रवाई के विरोध में और धान खरीद सहित कई मांगों को लेकर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है।

किसानों ने शनिवार को कहा कि समय पर धान खरीद समेत कई मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और राज्य के संगरूर, भटिंडा, मोगा, बटाला और गुरदासपुर में चक्का जाम किया जाएगा। किसान पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का भी विरोध कर रहे हैं।

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति (पीकेएमएससी) के जिला अध्यक्ष अरनजीत सिंह ने कहा कि वे राज्य के किसानों से संबंधित मुद्दों को लेकर फगवाड़ा में इकट्ठा होंगे।

सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार और केंद्र सरकार दोनों को इस मुद्दे का समाधान समय रहते निकालना चाहिए ताकि लोगों को सड़क जाम (चक्का जाम) के कारण किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

मजबूरन करनी पड़ेगी सड़क जाम

उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि आम लोगों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े। हालांकि, अगर सरकार कुछ भी तय नहीं कर पाती है, तो हमें मजबूरन सड़क जाम करना पड़ेगा।

इस बीच, पंजाब के जालधर से किसान अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हो गए और आज सुबह फगवाड़ा विरोध स्थल की ओर बढ़ते हुए राजमार्ग को अवरुद्ध करते हुए देखे गए।

पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक वरिष्ठ किसान नेता ने कहा कि सड़कों पर कारखानों और वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण का जिक्र तक नहीं किया जाता है, लेकिन पराली जलाने के मुद्दे पर सभी मुखर हो जाते हैं।

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किसान नेता ने कहा कि उन्होंने पराली जलाने के नाम पर (किसानों के खिलाफ) कार्रवाई की है। प्रदूषण केवल पराली जलाने की वजह से नहीं हो रहा है। यह सड़कों पर चलने वाले वाहनों और कारखानों की वजह से भी होता है।

'पराली जलाने से दो से तीन फीसदी होता प्रदूषण'

किसान ने कहा कि पराली जलाने से प्रदूषण के स्तर में केवल दो से तीन प्रतिशत का योगदान होता है। कारखानों और अन्य चीजों से निकलने वाले प्रदूषण का तो जिक्र ही नहीं किया जाता।

पराली जलाना किसानों को बदनाम करने का एक बहाना मात्र है, जो अनुचित है। पंजाब सरकार और केंद्र सरकार एक जैसी हैं। वे सिर्फ किसानों को बर्बाद करना चाहते हैं। यही कारण है कि विरोध अनिश्चित काल तक जारी रहेगा।

हम अमृतसर से फगवाड़ा जाएंगे और सड़कें जाम करेंगे। इससे पहले पीकेएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि आज दोपहर एक बजे चार स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पिछले दो वर्षों से गोदामों में पड़े चावल के स्टॉक के बारे में पारदर्शी नहीं रही है।

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