Punjab Flood: तीन जगह कमजोर पड़े धुस्सी बांध, तरनतारन के लिए बाढ़ की मुसीबत; 7 गांवों से लोगों को किया रेस्क्यू
तरनतारन में सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। किसान धुस्सी बांध को मजबूत करने में जुटे हैं लेकिन पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है। कई गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए पानी से भी खतरा बढ़ गया है। कार सेवा संगठन प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। दरिया सतलुज के किनारे बसे गांव सभरा में कमजोर पड़े धुस्सी बांध को मजबूत बनाने के लिए जहां 16वें दिन किसानों ने मशक्त की, वहीं हरिके हैड वर्कस से चार किलोमीटर की दूरी पर गांव घड़ुंम टाहलियां क्षेत्र में तीसरे दिन भी किसानों की नींद हराम रखी।
इतना ही नहीं भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ सटे गांव मेहंदीपुर में टूटे धुस्सी बांध को मरम्मत करने के बावजूद अभी राहत की सांस नहीं आ रही। सैंकड़े किसान बाढ़ से बचाव के लिए जहां दिन-रात एक कर रहे हैं, वहीं पानी के प्रभाव में आए सात गांवों से 32 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पोंग डैम व सतलुज से पानी की आवक अभी कम होने की संभावना नजर नहीं आ रही। ऐसे में तरनतारन जिले के करीब चार दर्जन गांवों पर बाढ़ के बादल मंडरा रहे हैं।
दरिया ब्यास व सतलुज के संगम स्थान हरिके हैड वर्कस के समीप गांव घड़ुंम टाहलियां में गुरुवार की सुबह धुस्सी बांध की कमजोरी को मरम्मत में लगे किसान गुरनाम सिंह, हरजाप सिंह, बचित्तर सिंह, मंगल सिंह, सुखविंदर सिंह कोट बुड्ढा, सुखविंदर सिंह सभरा, मौजा सिंह ने दैनिक जागरण को बताया कि वर्ष 2023 में जब हरिके पत्तन हैड वर्कस पर पानी की आवक तीन लाख क्युसिक तक पहुंची थी तो उक्त बांध टूट गया था।
जो क्षेत्र की तबाही का कारण बना। पहाड़ी राज्यों में हो रही वर्षा के चलते हरिके में अभी एक लाख के करीब क्युसिक पानी की आवक होने की संभावना है। इसी तरह पाकिस्तान के गांव सहिजरा में टूटे धुस्सी बांध को संबंधित प्रशासन ने मरम्मत कर लिया है, लेकिन डाउनस्ट्रीम की ओर से पाक को छोड़े जाने वाला पानी यूटर्न लेकर खेमकरण तक मार करता है। गांव मेहंदीपुर के टूटे धुस्सी बांध को मजबूत बनाने के बावजूद पानी का बहाव कम नहीं हो रहा।
किसान नेता सुरजीत सिंह भूरा, जोगा सिंह, हरजिंदर सिंह, कुलदीप सिंह, गुरदयाल सिंह, गोपाल सिंह कहते हैं कि कंटीली तार व गेट पानी में बुरी तरह से डूब चुके हैं। खेमकरण के आसपास के गांवों के लोगों की नींद उड़ चुकी है।
उधर, कार सेवा सरहाली व सुरसिंह संप्रदाय द्वारा पानी के प्रभाव में आए सात गांवों के 32 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कार सेवा सरहाली संप्रदाय के उपमुखी बाबा हाकम सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में पेयजल की कमी बढ़ रही है। ऐसे में संप्रदाय द्वारा एक हजार पेटी पानी प्रभावित गांवों में भेजा है। गांव सभरा के समीप गुरु का लंगर, चाय-पकौड़े व शरदाई का मुकम्मल प्रबंध किया गया है।
हरिके हैड वर्कस में पानी की आवक
- 22 अगस्त, आवक : 1,44,000 डाउनस्ट्रीम - 1,22,000
- 23 अगस्त, आवक : 1,75,000 डाउनस्ट्रीम - 1,54,000
- 24 अगस्त, आवक : 2,10,000 डाउनस्ट्रीम - 1,85,000
- 25 अगस्त, आवक : 2,44,000 डाउनस्ट्रीम - 2,30,000
- 26 अगस्त, आवक : 2,73,000 डाउनस्ट्रीम - 2,60,000
- 27 अगस्त, आवक : 2,75,000 डाउनस्ट्रीम - 2,62,000
- 28 अगस्त, आवक : 2,75,000 डाउनस्ट्रीम - 2,63,000
- 29 अगस्त, आवक : 2,69,000- डाउनस्ट्रीम - 2,77,000
- 30 अगस्त, आवक : 2,63,000- डाउनस्ट्रीम - 2,50,000
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