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Punjab News: पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान का फैसला, हरमिंदर साहिब से गुरबानी का प्रसारण होगा मुफ्त

Punjab News हरमिंदर साहिब से गुरबानी का प्रसारण सभी के लिए मुफ्त होगा। इसके लिए किसी भी निविदा की आवश्‍यकता नहीं है। पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी है। यह प्रस्‍ताव 20 जून को राज्‍य विधानसभा में पेश किया जाएगा।

By Himani SharmaEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 20 Jun 2023 10:51 AM (IST)
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पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान का फैसला; हरमिंदर साहिब से गुरबानी का प्रसारण होगा मुफ्त

अमृतसर, ऑनलाइन डेस्‍क: पंजाब में दो दिवसीय विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है। आज पंजाब सरकार सदन में सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन करेगी, ताकि अमृतसर में हरमंदिर साहिब से गुरबाणी का प्रसारण सभी के लिए मुफ्त किया जा सके। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को घोषणा भी की थी।

पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट के जरिए इस बात की जानकारी दी थी। उन्‍होंने कहा कि समाज की मांग के अनुसार, हम सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में एक नया खंड जोड़ने जा रहे हैं। यह प्रस्‍ताव 20 जून को राज्‍य विधानसभा में पेश किया जाएगा।

विपक्षी दलों ने किया विरोध

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने इस घोषणा का विरोध करते हुए इसे सिख धर्म के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताया। जैसे ही मान ने यह घोषणा की, उन्हें सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में दखल देने की कोशिश करने के लिए बीजेपी और एसएडी दोनों से प्रतिक्रिया मिली।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भगवंत मान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की संप्रभुता को चुनौती देना चाहते हैं। सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 में संशोधन को किसी भी तरह से वैध या उचित नहीं माना जाएगा क्योंकि इसमें केवल भारत की संसद द्वारा ही संशोधन किया जा सकता है।

— AAP Punjab (@AAPPunjab) June 19, 2023

एसजीपीसी के अध्‍यक्ष हरजिंदर सिंह धामी का बयान

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर कहा कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के अंश पढ़े हैं। इसलिए अधिनियम में यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार (इस मामले में) हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।

दिल्ली में बैठे राजनीतिक गुरु को खुश करने की कोशिश में एक धार्मिक मुद्दे को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। पंजाब सरकार इस अधिनियम को नहीं बना सकते क्योंकि इसे विभाजन से पहले इसके द्वारा तैयार किया गया था। यह इसे संशोधित नहीं कर सकता।

सुखपाल सिंह खैरा ने ट्वीट कर कहा-

वहीं इस पर कांग्रेस के सुखपाल सिंह खैरा ने सीएम मान से सवाल भी किया। उन्‍होंने ट्वीट के जरिए कहा कि पंजाब सरकार मौजूदा सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 को केंद्रीय अधिनियम के रूप में न तो छेड़छाड़ कर सकती है और न ही इसमें संशोधन कर सकती है।

खैरा ने आगे कहा कि मैं आश्चर्य हूं कि कैसे भगवंत मान उक्त अधिनियम में एक खंड जोड़ने के लिए बोल रहे हैं। हां, विधानसभा एक प्रस्ताव पारित कर सकती है और अपनी मांगों को जोड़ने के लिए केंद्र को भेज सकती है। मेरे ट्वीट का उद्देश्य इस सवाल पर है कि क्या राज्य सरकार ऐसा करने की हकदार है?

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