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पंजाब में अकाली दल ने बागी नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता, पार्टी में लंबे समय से चल रहा था आंतरिक कलह

शिरोमणि अकाली दल में लंबे समय से आतंरिक कलह चल रहा था। पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद से ही दो धड़ों में बंट गई। एक धड़ा पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल का समर्थन कर रहा था तो एक धड़ा सुखबीर के खिलाफ था। ऐसे में आज पार्टी की कमेटी ने सभी बागी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 30 Jul 2024 06:32 PM (IST)
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अकाली दल ने बागी नेताओं को पार्टी से किया बाहर
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल (SAD) में उठी बगावत की आग शांत न होते देख शिरोमणि अकाली दल ने 7 विधान सभा क्षेत्रों के प्रभारी समेत 8 नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।

इन नेताओं का नाम शामिल

इन नेताओं में गुरप्रताप सिंह वडाला, बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ शामिल हैं। यह फैसला अनुशासन कमेटी की आपातकालीन बैठक में लिया गया।

अनुशासन कमेटी में लिया गया फैसला

अनुशासन कमेटी के चेयरमैन बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में हुई इस बैठक में महेश इंदर सिंह ग्रेवाल और गुलजार सिंह राणीके (टेलीफोन के माध्यम से) शामिल हुए।

चर्चा के बाद कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची कि उपरोक्त नेताओं द्वारा पार्टी की छवि खराब करने की कार्रवाई की जा रही है। जिसके बाद इन नेताओं की पार्टी से सदस्यता बर्खास्त कर दी गई।

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अहम बात यह है कि परमिंदर ढींढसा 5 मार्च 2024 को और बीबी जागीर कौर 14 मार्च को शिअद में वापस आए थे। बलविंदर सिंह भूंदड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि उपरोक्त सभी नेताओं का एकमात्र उद्देश्य पार्टी को कमजोर करना है।

पार्टी अब इन हरकतों को बर्दाश्त नहीं कर सकती, इसलिए अनुशासन समिति ने सर्वसम्मति से उपरोक्त सभी नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त करने का निर्णय लिया।

पार्टी अनुशासन को उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में भी यदि कोई नेता पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

भूंदड़ ने आगे बताया कि उपरोक्त के अलावा, 7 विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र प्रभारियों को भी तत्काल प्रभाव से निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी के पद से हटाया जा रहा है। स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के परामर्श से जल्द ही इन निर्वाचन क्षेत्रों में नए निर्वाचन क्षेत्र प्रभारियों की नियुक्ति की जाएगी।

इन 7 विधानसभा क्षेत्रों में नकोदर, भुलत्थ, घनौर, सनूर, राजपुरा, समाना और गढ़शंकर विधानसभा क्षेत्रों के नाम शामिल हैं। बता दें कि 26 जून को हुई पार्टी की कार्य समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर उपरोक्त सभी नेताओं से अपील की गई थी कि वह अपना पक्ष पार्टी फोरम पर आकर कहें।

'अपनी बात फोरम पर रखना जरूरी'

फैसला यह भी हुआ था कि अगर उक्त नेता अपनी बात पार्टी फोरम पर नहीं रखते हैं तो वह अपने आप को पार्टी से बाहर समझे। हालांकि अब पार्टी ने उनकी सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया है।

बता दें कि बागी धड़े ने शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर शुरू की है। जिसके कनवीनर गुरप्रताप वडाला है। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री व अनुशासन कमेटी के पूर्व चेयरमैन सिकंदर सिंह मलूका और पार्टी के बीच उसी समय से दूरियां बढ़ने लगी थी जब मलूका की बहू को भाजपा ने बठिंडा लोक सभा का प्रत्याशी बनाया था।

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