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शंभू बॉर्डर रेलवे ट्रैक पर किसानों का डेरा, होटलों में 70 प्रतिशत बुकिंग रद; कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट भी आई

शंभू रेलवे ट्रैक पर किसानों ने लगातार डेरा जमाया हुआ है। इसके चलते आम लोगों को काफी समस्या का सामना करना पढ़ रहा है। इससे पर्यटन पर भी काफी असर पड़ रहा है क्योंकि अधिकतर ट्रेन कैंसिल हैं। अगर आप भी सफर करने के बारे में सोच रहे हैं तो इस खबर को अच्छे से पढ़ने के बाद ही घर से निकलें।

By harish sharma Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Sat, 20 Apr 2024 08:56 PM (IST)
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किसानों के प्रदर्शन की वजह से कई ट्रेन कैंसिल (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। किसानों की ओर से शंभू रेल ट्रैक पर दिए जा रहे धरने के कारण लगातार चौथे दिन यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, पिछले दिन के मुकाबले रेलवे स्टेशन पर ज्यादा भीड़ नहीं थी, क्योंकि लोगों को इंटरनेट मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से पता लग गया था कि किसानों के धरने के कारण ट्रेनों का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है।

शनिवार को 13 ट्रेनें रद रहीं और कई रेलगाड़ियों को अंबाला से ही चलाया गया। इसके अलावा कई रेलगाड़ियों के रूट को डायवर्ट किया गया। ऐसे में रेलवे स्टेशन पहुंचे रेल यात्रियों को समय पर रेलगाड़ियां नहीं चलने और कई रेलगाड़ियों के रद होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा।

उधर, किसानों के धरने के कारण बाहर से आने वाले पर्यटकों नें गुरुनगरी के होटलों में अपनी बुकिंग रद करवा दी है। इससे होटल इंडस्ट्री व टैक्सी चालकों को काफी नुकसान हो रहा है। आम दिनों में वीकेंड पर गुरुनगरी के होटल पर्यटकों से भरे होते थे। वहीं, इन दिनों 70 प्रतिशत तक पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद कर दी है।

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अगर किसानों का धरना समाप्त नहीं हुआ तो होटल इंडस्ट्री और टैक्सी चालकों को और नुकसान हो सकता है। ट्रेनें लेट चलने के कारण यात्री बार-बार पूछताछ खिड़की पर रेलगाड़ियों का स्टेटस जानने के लिए लाइन में लगकर पूछताछ करते रहे।

गाड़ियों के लेट होने के कारण यात्री अपने बच्चों व सामान के साथ घंटों स्टेशन पर बैठकर किसानों को कोसते रहे। यात्री किसानों के साथ साथ सरकार को भी इस समस्या का स्थायी हल नहीं निकाल पाने के कारण कोस रहे थे। वहीं, रेलगाड़ियां रद होने से फिरोजपुर डिवीजन द्वारा कुल 13 लाख सात हजार 930 रुपये का रिफंड किया गया।

इन ट्रेनों को किया गया रद

  • हरिद्वार-अमृतसर जनशताब्दी एक्सप्रेस (12053)
  • नई दिल्ली-अमृतसर (12459)
  • नई दिल्ली-अमृतसर (12459)
  • नई दिल्ली-अमृतसर (12497)
  • दिल्ली- पठानकोट (22429)
  • चंडीगढ़ से अमृतसर (12241)
  • चंडीगढ़- अमृतसर (12411)
  • अमृतसर- नंगलडैम (14505)
  • अमृतसर- हरिद्वार (12054)
  • अमृतसर- नई दिल्ली (12460)
  • अमृतसर- नई दिल्ली (12498)
  • अमृतसर चंडीगढ़ (12412)
  • अमृतसर- चंडीगढ़ (12242) 

इन गाड़ियों के रूट को किया गया डायवर्ट

  1. नई दिल्ली-अमृतसर (12013) अंबाला चंडीगढ़ साहनेवाल होते हुए पहुंची।
  2. अजमेर-अमृतसर (12413) वाया पुरानी दिल्ली जाखल, धूरी और लुधियाना से होते हुए अमृतसर पहुंचीं।
  3. इसी तरह दिल्ली अमृतसर (12013) ट्रेन वाया अंबाला, चंडीगढ़ साहनेवाल से होते हुए अमृतसर पहुंची।
  4. नई दिल्ली अमृतसर शताब्दी एक्सप्रेस (12029) वाया अंबाला, चंडीगढ़ साहने वाल से होते हुए अमृतसर पहुंची।
  5. दिल्ली अमृतसर (22487) वाया अंबाला, चंडीगढ़, साहनेवाल से होते हुई अमृतसर पहुंची।
  6. अमृतसर जयनगर (14650) वाया साहनेवाल, चंडीगढ़, अंबाला, अमृतसर-मुंबई (11058) वाया लुधियाना
  7. जाखल, आम्रपाली एक्सप्रेस (15708) वाया लुधियाना, धूरी, जाखल
  8. अमृतसर हावड़ा (13006) वाया साहनेवाल चंडीगढ़ अंबाला
  9. अमृतसर जनसेवा एक्सप्रेस (14618) वाया साहनेवाल, चंडीगढ़, अंबाला रवाना हुई।
  10. छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस (18238) वाया साहनेवाल चंडीगढ़ अंबाला
  11. अमृतसर-नई दिल्ली (12014) वाया साहनेवाल, चंडीगढ़, अंबाला
  12. अमृतसर-नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस (12030) वाया साहनेवाल, चंडीगढ़, अंबाला होकर रवाना हुई।
  13. अमृतसर दिल्ली (22488) वाया साहनेवाल चंडीगढ़ अंबाला होकर रवाना हुई।

'दिल्ली में इंटरव्यू है, यहां आकर पता लगा गाड़ी रद है'

अमृतसर के रहने वाली शबद कुमार ने बताया कि दिल्ली की एक कंपनी में शनिवार दोपहर बाद उसका इंटरव्यू था। सुबह रेलवे स्टेशन पर पहुंचा तो पता चला कि नई-दिल्ली-अमृतसर गाड़ी रद है। ऐसे में वह समय पर इंटरव्यू के लिए नहीं पहुंच पाया। उसने किसी तरह कंपनी से बात करके उन्हें अपनी मजबूरी बताई और इंटरव्यू के लिए नई तारीख ली।

रिश्तेदार के कार्यक्रम में पहुंचना था, लेकिन गाड़ी रद हो गई: यात्री

इसी तरह हरिद्वार जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे पवन कुमार ने बताया कि रिश्तेदारी में एक कार्यक्रम था। वहां जाने के लिए वह सुबह गाड़ी पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा तो पता चला कि गाड़ी रद हो चुकी है। ऐसे में मजबूरन बस की महंगी टिकट खरीदनी पड़ रही है। ताकि किसी तरह वह अपनी मंजिल तक पहुंच सके। सरकार किसानों का मसला जल्द सुलझाए।

बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आमद हुई कम

फेडरेशन आफ होटल एंड गेस्ट हाउस के प्रधान सुरिंदर सिंह ने बताया कि वीकेंड पर जिस तरह से पर्यटकों की आमद रहती है। मौजूदा समय में पूरी तरह से खत्म है। किसानों के धरने व रेलगाड़ियों के रद होने से होटलों की बुकिंग 70 प्रतिशत तक रद हो गई है। हालात ये हैं कि शहर में दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक बिल्कुल भी नहीं हैं। जिसे भी रेलगाड़ियों के रद होने का पता लगता है, वे अपनी बुकिंग रद करवा रहा है।

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