Amritsar News: प्रेम में रवि से बना 'रिया', प्रेमी संग जिंदगी बिताने का संकल्प पूरा हुआ
पुतलीघर निवासी रिया पहले रवि और अर्जुन की मुलाकात 2019 में हुई थी। रिया के अनुसार वह जागरण में भजन गायन का काम करती थी। यहीं उसे अर्जुन मिला। दोनों युवक एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए आकर्षित हुए। यह ऐसा रिश्ता था जो समाज को स्वीकार्य नहीं हो सकता।
अमृतसर, जागरण संवादाता। यह कहानी ऐसे प्यार की है जिसे हमारा समाज मान्यता नहीं देता। समाज में तो प्रेम विवाह पर भी अलग-अलग राय है, पर यहां तो दो युवकों ने एक दूसरे को अपनाकर जिंदगी का ताना-बाना बुन लिया। दरअसल, रिया-अर्जुन की प्रेम कहानी कई विरोधाभास व तकलीफों के बाद जिंदगी की साकार हुई।
पुतलीघर निवासी रिया पहले रवि और अर्जुन की मुलाकात 2019 में हुई थी। रिया के अनुसार वह जागरण में भजन गायन का काम करती थी। यहीं उसे अर्जुन मिला। दोनों युवक एक दूसरे के प्रति आकर्षित हुए आकर्षित हुए। यह ऐसा रिश्ता था जो समाज को स्वीकार्य नहीं हो सकता। बात जब तक रवि व अर्जुन के परिवारों तक पहुंची तो दोनों ने जमकर विरोध किया। ऐसी स्थिति में अर्जुन के कहने पर रवि ने लिंग परिवर्तन करवाकर खुद को रिया बनाया। उसे कई शारीरिक विषमताओं से गुजरना पड़ा।
नियति को कुछ और ही मंजूर था। अर्जुन के परिवार ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया। इससे आहत रिया ने थाना कैंटोनमेंट पुलिस में शिकायत दी थी।
यह भी पढ़ें: आईएएस संजय पोपली को हाई कोर्ट से झटका, जमानत याचिका की खारिज; कांग्रेस विधायक कुशलदीप सिंह को भी किया तलब
एक अनोखी प्रेम कहानी
रिया-अर्जुन का रिश्ता आम रिश्तों से अलग था, तो इसमें कठिनाईयां भी अलग थीं। अर्जुन के स्वजनों को यह रिश्ता किसी कीमत पर मंजूर नहीं था और इस बात का भी पता था कि रिया कभी मां नहीं बन सकती। उनका वंश आगे कैसे बढ़ेगा। रिया के अनुसार उसे यह लगा कि उनकी मुहब्बत नाकाम हो गई। मैंने अर्जुन के लिए खुद में शारीरिक तौर पर बदलाव किए। मैं उसे हर कीमत पर पाना चाहती थी, पर समाज की जिद की वजह से नहीं हो पा रहा था, पर मेरे प्यार की जीत हुई।
रिया ने अपने सपने को पूरा कर लिया है। उसने कहा अर्जुन ने सब कुछ छोड़कर मुझे न केवल अपनाया, बल्कि वंश बढ़ाने के लिए एक बच्चा भी गोद लिया है। अर्जुन-रिया ने कहा कि हम इस रिश्ते से बेहद खुद हैं। समाज जो भी कहे, हमें परवाह नहीं। हम इक-दूजे के लिए जिएंगे, अपने बच्चे के लिए हर मुश्किल से लड़ जाएंगे।
2005 में दो लड़कियों ने रचाई थी शादी
समलैंगिकता अब अपराध नहीं। सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध बताने वाली धारा को खत्म कर दिया है। अमृतसर में संगलैंगिक विवाह का एक अन्य मामला वर्ष 2005 में सामने आया था। दो लड़कियों ने समलैंगिक विवाह रचाकर सभी को स्तब्ध कर दिया। इस विवाह ने जहां समाज में खलबली मचा दी थी, वहीं शहर के कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने इसका विरोध भी किया।
दूसरी तरफ दोनों लड़कियां समाज की उलाहनों, तानों से दूर अपना आशियाना सजा चुकी थीं। बटाला रोड क्षेत्र में रहने वाली दो लड़कियां सहेलियां थीं। इनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि लोग उन्हें इक्क जिंद दो जान कहते थे। परिवार भी यही समझता रहा कि ये दोनों दोस्ती की नई परिभाषा लिखेंगी, पर किसे मालूम था कि एक दिन दोनों उस बंधन में बंध जाएंगी जो समाज को स्वीकार्य नहीं।
2005 में दोनों ने दिल्ली में विवाह रचा लिया। शादी के बाद अमृतसर लौटीं तो परिवार और रिश्तेदारों के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिवार के तानों व उलाहनों के बाद दोनों ने घर-बार छोड़ दिया। दोनों किराए का कमरा लेकर रहने लगीं। इसके बाद दोनों ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर अपने संबंधों को सार्वजनिक किया।
यह भी पढ़ें: Punjab: बटाला रेलवे ट्रैक पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी, दौरा करने पहुंचे आईजी बॉर्डर रेंज मोनिश चावला
डेढ़ साल बाद टूटा रिश्ता
हालांकि तकरीबन डेढ़ साल के इस बाद अनूठे व समाज के लिए अस्वीकार्य रिश्ते को नजर लग गई। इनमें से एक लड़की के किसी लड़के से प्रेम संबंध बन गए। बाद में लड़की ने अपने नए प्रेमी से शादी रचा ली। यह बात जब उसकी सहेली को पता चली तो वह आगबबूला हो गईं। उसने तब जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश भी की। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे बचा लिया। प्यार की यह अनूठी कहानी आज अतीत है। इनमें एक शादीशुदा जिंदगी जी रही है तो दूसरी के बारे में कोई जानकारी नहीं।