पंजाब में संकट के बादलों से घिरी अकाली दल, सुखबीर सिंह के अध्यक्ष पद छोड़ते ही पार्टी में लगी इस्तीफों की झड़ी
अकाली दल में घमासान मचा हुआ है। सुखबीर सिंह बादल के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से ही पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। पार्टी के कोषाध्यक्ष एनके शर्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी और तीन बार विधायक रहे हरप्रीत सिंह संधू ने भी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की वर्किंग कमेटी ने भी सुखबीर के फैसला वापस नहीं लेने पर इस्तीफा देने की घोषणा की है।
जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर बादल के प्रधान पद से इस्तीफे के बाद एक-एक कर अकाली नेता अपना इस्तीफा पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को भेज रहे हैं।
ऐसे में यह सवाल उठने लगे हैं कि ये इस्तीफे पार्टी की रणनीति का हिस्सा है या दबाव की राजनीति या फिर पार्टी नेता शिअद की डूबती नैया को देखकर सच में दूसरा रास्ता तलाशने लगे हैं।
अनिल जोशी ने भी तोड़ी चुप्पी
पार्टी के कोषाध्यक्ष तथा हिंदू नेता एनके शर्मा के बाद बुधवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं, तीन बार विधायक रहे हरप्रीत सिंह संधू ने भी इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की वर्किंग कमेटी ने भी सुखबीर के फैसला वापस नहीं लेने पर इस्तीफा देने की घोषणा की है।ऐसे में पार्टी विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।यह भी पढ़ें- पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी प्रमुख पद से दिया इस्तीफा
'बादल गुट कभी सिखों को समर्पित नहीं रहा'
अकाली दल 1920 के प्रधान तथा पूर्व स्पीकर रविंद्र सिंह का कहना है कि तनखैया करार दिए गए सुखबीर बादल तथा उनके समर्थन में कई शिअद नेता श्री अकाल तख्त साहिब से सीधी टक्कर ले रहे हैं। उनका कहना है कि बादल गुट कभी सिखों को समर्पित नहीं रहा है।सिख इस समय नाजुक मोड़ पर है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में श्री अकाल तख्त से टकराने वाले सिद्धांतहीन व परिवारवादियों के स्थान पर सिख विद्वान सिख संस्थाओं की अगुआई करें ताकि सिख विरोधियों को पीछे धकेला जा सके।
इसी तरह अकाली दल सुधार लहर के नेता गुरप्रताप सिंह वडाला, सुखदेव सिंह ढींडसा, बीबी जगीर कौर, चरणजीत सिंह बराड़ का कहना है कि अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।
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