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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने श्री हरमंदिर साहिब में टेका माथा, SGPC ने उठाई बंदी सिंहों की रिहाई की मांग

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अमृतसर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका। इस मौके एसजीपीसी ने उपराष्ट्रपति को सिरोपा व श्री हरमंदिर साहिब का माडल भेंट कर सम्मानित किया।

By Nitin DhimanEdited By: DeepikaUpdated: Wed, 26 Oct 2022 12:55 PM (IST)
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक हुए। (जागरण)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को अमृतसर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेका। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विनम्र श्रद्धालु की भांति पवित्र परिक्रमा के दर्शन भी किए। इसके बाद वह मुख्य भवन में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने नतमस्तक हुए। उपराष्ट्रपति ने लंगर भवन में पंगत के साथ बैठ कर प्रसाद ग्रहण किया।

सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई की मांग

इसके बाद उन्होंने जूठे बर्तन साफ करने की सेवा भी की। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने उपराष्ट्रपति को सिरोपा व श्री हरमंदिर साहिब का माडल भेंट कर सम्मानित किया। इसके साथ ही एसजीपीसी की तरफ से उन्हें मांग पत्र सौंपा गया। इस मांग पत्र में एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि जेलों में बंद सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई की जाए।

उपराष्ट्रपति धनखड़ को सौंपी 8 बंदी सिखों की सूची

इस मौके उन्होंने कहा कि यह सिख समुदाय के साथ बड़ा अन्याय है। एसजीपीसी ने आठ बंदी सिखों की सूची भी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को सौंपी। बता दें कि, इस सूची में गुरदीप सिंह खैहरा, प्रो. दविंदर पाल सिंह भुल्लर, बलवंत सिंह राजोआणा, जगतार सिंह हवारा, लखविंदर सिंह लक्खा, गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह भ्यौरा व जगतार सिंह का नाम शामिल हैं।

एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट धामी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति इस पर गौर करेंगे। हम पंजाब व केंद्र सरकार से समय मांगते रहे। आज उपराष्ट्रपति श्री हरिमंदिर साहिब आए तो उन्हें मांगपत्र दिया गया। उन्होंने कहा कि इन सिख कैदियों ने 1984 में कांग्रेस सरकार द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब पर सैन्य हमले के विरोध में संघर्ष का रास्ता चुना था। ये अब आजीवन कारावास की दोहरी सजा काट चुके हैं और संवैधानिक रूप से रिहाई के हकदार हैं। इस मामले पर शिरोमणि कमेटी लंबे समय से आवाज उठा रही है। हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, दिल्ली और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने भी इस संबंध में समय मांगा है, लेकिन उन्होंने कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। हमें उम्मीद है कि इस पर सकारात्मक पहल होगी।

श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के पश्चात उपराष्ट्रपति सूचना केंद्र कार्यालय पहुंचे। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा- आज श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेककर खुशी मिली। यहां की शांति, भक्तिमय वातावरण और सेवा की भावना अविस्मरणीय अनुभव है। हमारे गुरुओं की महान आध्यात्मिक परंपरा के चमकते प्रतीक श्री हरिमंदिर साहिब में युगों से प्रेम, मानवता, दया और भाईचारे का संदेश मिलता है। मैं गुरुओं और मानवता की सेवा के उनके शाश्वत संदेश को नमन करता हूं।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री सोमप्रकाश, शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह, उप सचिव कुलविंदर सिंह रामदास, बलविंदर सिंह काहलवां, प्रबंधक सुलखान सिंह भंगाली, सूचना अधिकारी जसविंदर सिंह जस्सी, हरिंदर सिंह रोमी, अमृतपाल सिंह, पूर्व सांसद लालजीत सिंह भुल्लर, श्वेत मलिक, डीसी हरप्रीत सिंह सूदन, पुलिस कमिश्नर अरुण पाल सिंह, डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल आदि उपस्थित थे।

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