पाकिस्तान का नापाक चेहरा फिर उजागर, खालिस्तानी आतंकियों ने ISI की करतूत का किया खुलासा
खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के चार आतंकियों ने पुलिस पूछताछ में कई राज उगले हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि खेमकरण क्षेत्र में आइएसआइ ने ड्रोन से हथियार उतारे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 24 Sep 2019 01:08 PM (IST)
अमृतसर, [नवीन राजपूत]। तरनतारन के चोहला साहिब गांव से रविवार को गिरफ्तार किए गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के चार आतंकियों ने पुलिस पूछताछ में कई राज उगले हैं। आतंकियों से पांच एके-47 राइफल समेत भारी असलहा बरामद हुआ था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने 23 अगस्त से 12 सितंबर के बीच ड्रोन के माध्यम से इन हथियारों की खेप तरनतारन के खेमकरण सेक्टर में उतारी थी।
खेमकरण क्षेत्र में बॉर्डर पर जहां लेजर वॉल का ट्रायल, वहां से 30 किमी दूर ड्रोन से उतारे हथियारखेमकरण सेक्टर अजनाला सेक्टर से करीब 30 से 32 किलोमीटर दूर है, जहां बीएसएफ ने बॉर्डर पर घुसपैठ, नशीले पदार्थ व हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए लेजर वॉल का ट्रायल किया था। पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने अमृतसर की फताहपुर जेल में बंद खालिस्तान समर्थक मान ङ्क्षसह को भी प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है।
23 अगस्त से 12 सितंबर के बीच हुई डिलीवरी, आतंकियों ने पूछताछ में उगले राज
एसएसओसी की टीम ने केजेडएफ के आतंकी बलवंत सिंह उर्फ बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह, हरभजन सिंह, बलबीर सिंह व मान सिंह (फताहपुर जेल) को अमृतसर की अदालत में पेश किया। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पांचों को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
पूछताछ में जुटीं खुफिया एजेंसियांसोमवार को विभिन्न खुफिया एजेंसियों के अधिकारी आरोपितों से पूछताछ के लिए ज्वाइंट इंटेरोगेशन सेंटर (जेआइसी) पहुंचे। खुफिया एजेंसियां सकते में हैं कि उन्हें ड्रोन के जरिए भेजे गए हथियारों की सूचना पहले क्यों नहीं मिली।ऐसे हुई हथियारों की डिलीवरीआकाशदीप आइएसआइ को लोकेशन भेजता था। तय लोकेशन को आइएसआइ के एजेंट ड्रोन के जीपीएस सिस्टम में फीड करते थे। तय समय व स्थान पर ठीक उसी समय रात को ड्रोन पहुंचता और हथियार उतारने के बाद लौट जाता। मौका पाकर आकाशदीप सिंह उस स्थान पर पहुंचता और हथियार लेकर किसी सुरक्षित जगह पर ठिकाने लगा देता। एक अधिकारी ने बताया कि उस जगह का पता लगाया जा रहा है, जहां आकाशदीप ङ्क्षसह ने हथियार जमा करके रखे थे। बताया जा रहा है कि यह लोकेशन कंटीली तार के पास अमृतसर-तरनतारन सीमा पर स्थित एक गांव में है।
25 संदिग्ध राउंड अपकाउंटर इंटेलीजेंस व स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने भारत-पाक सीमा से सटे गांवों के दो दर्जन से ज्यादा संदिग्धों को राउंडअप कर लिया है, जिनके आकाशदीप के साथ कुछ समय पहले संबंध रहे हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। 2016-17 में हुआ था लेजर वॉल का ट्रायलकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारत-पाक सीमा पर साल 2016-17 में लेजर वॉल का ट्रायल किया गया था। दावा किया गया था कि अगर कोई पक्षी भी लेजर वॉल के ऊपर से गुजरता तो राडार उसे कैच कर लेता था। यह ट्रायल अजनाला सेक्टर में केवल पांच किलोमीटर तक ही किया गया था। योजना थी की आने वाले समय में लेजर वॉल को सारे बॉर्डर पर लगाया जाएगा, लेकिन ट्रायल के बाद किसी ने लेजर वॉल की सुध नहीं ली। नतीजा यह हुआ कि अब पाकिस्तान ने इतनी बड़ी हथियारों की खेप ड्रोन के जरिए भारत में भेज दी।
यह भी पढ़ें: तेज धमाके से रात में थर्राया अमृतसर शहर, दो लोगों की मौत और छह घायल--- तरनतारन ब्लास्ट के छह आरोपितों को जेल भेजातरनतारन : 4 सितंबर की रात को खडूर साहिब लिंक रोड स्थित गांव पंडोरी गोला के पास हुए ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार छह आरोपितों को अदालत ने जेल भेज दिया। अब एनआइए की ओर से आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लेने का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार को चन्नदीप सिंह उर्फ गब्बर, अमृतपाल सिंह, मनप्रीत सिंह, हरजीत सिंह, मलकीत सिंह और अमरजीत सिंह को कोर्ट ने सात दिन के रिमांड पर भेज दिया। इस गिरोह का मकसद धार्मिक व सियासी नेताओं को निशाना बनाना व रेफरेंडम-2020 को कामयाब बनाना था।
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।