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क्या है 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन, जिस पर बढ़ा पांच साल के लिए प्रतिबंध; कैसे है ये देश के लिए खतरा?

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) पर पांच साल के लिए भारत सरकार ने प्रतिबंध बढ़ा दिया है। साल 2019 में इसे बैन किया गया था। अब देश की आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए इस पर फिर पांच साल के लिए बैन लग गया है। यह संगठन खालिस्तान को सपोर्ट करता है और इसका मास्टरमाइंड गुरपतवंत सिंह पन्नू है जो आये दिन देश के खिलाफ बयान देता रहता है।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 10 Jul 2024 05:41 PM (IST)
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सिख फॉर जस्टिस क्या है और इसका उद्देश्य क्या है (What is SFJ)

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice ban) पर पांच साल के लिए और प्रतिबंध बढ़ा दिया है। मंगलवार को गृह मंत्रालय ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी किया।

सिख फॉर जस्टिस (Sikhs for Justice case) पंजाब समेत अन्य जगहों पर राष्ट्र विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है। यह संगठन क्या है तथा इसका उद्देश्य क्या है और यह किस प्रकार देश को प्रभावित कर रहा है? इस लेख में इन्हीं बातों की चर्चा करेंगे।

SFJ पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध

गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) को उन गतिविधियों में शामिल पाया गया है जो भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक है।

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) अब भी उग्रवादी संगठनों व कार्यकर्ताओं के संपर्क में है व एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब व अन्य जगहों पर हिंसक समर्थन कर रहा है।

क्या है सिख फॉर जस्टिस

सिख फॉर जस्टिस एक अमेरिका में मौजूद अलगवावादी ग्रुप है, जो चाहता है कि पंजाब एक अलग देश (खालिस्तान) बने। साल 2007 में इसकी स्थापना हुई थी। यह संगठन पंजाब के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा संचालित किया जाता है। इस संगठन पर सबसे पहले प्रतिबंध साल 2019 में लगाया गया था।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमृतसर के खानकोट का रहने वाला है। इसने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह विदेश चला गया जहां उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम चलाया

पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब में कृषि विपणन बोर्ड में काम करते थे। फिलहाल वह (पन्नू) अमेरिका और कनाडा में रह रहा है। अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट-1967 (UAPA) के अंतर्गत पन्नू को आतंकी घोषित किया गया है। SFJ के फेसबुक पेज और एक्स अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है।

वहीं, एनआइए सिख फॉर जस्टिस और पन्नू के खिलाफ एक दर्जन से अधिक मामलों की जांच कर रही है। एनआइए ने पंजाब में पन्नू की संपत्ति भी जब्त की थी। पन्नू कनाडा, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और इंग्लैड में रेफरेंडम का आयोजन भी करता रहा है।

किन-किन संगठनों पर लगा है अभी तक प्रतिबंध

सिख फॉर जस्टिस पहला संगठन नहीं है, जिस पर प्रतिबंध लगा है। इससे पहले भी कई ऐसे गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त कई सगठन हैं, जिन पर सरकार ने रोक लगाई हुई है। इनमें शामिल हैं।

बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, अंतर्राष्ट्रीय सिख युवा संघ, लश्कर-ए-तैयबा/पासबान-ए-अहले हदीस, जैश-ए-मोहम्मद, हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन,जम्मू और कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE), स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया समेत कई आतंकी व अलगावादी संगठन बैन हैं।

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