Nirmal Singh Bhangoo: कौन था निर्मल सिंह भंगू? अमीर बनने की भूख ने करोड़ों लोगों को कर दिया कंगाल
Nirmal Singh Bhangoo पर्ल्स ग्रुप ने गैरकानूनी ढंग से संचालित विभिन्न निवेश योजनाओं से लगभग पांच करोड़ निवेशकों से 60 हजार करोड़ के आसपास जमा किए। निवेशकों को धोखा देने के बाद सामने आया कि इसके लिए सरकार से कोई वैधानिक मंजूरी नहीं ली गई थी। पर्ल्स पौंजी घोटाले मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। दूध बेचने वाले से 1.85 लाख एकड़ जमीन का मालिक बनने वाले निर्मल सिंह भंगू की कहानी अमीर बनने के लिए कुछ भी कर जाने वाली है। भंगू, उसकी कंपनियों पर्ल्स गोल्डन फारेस्ट (पीजीएफ) व पर्ल्स एग्रोटेक कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) और उसके 23 लाख कमीशन एजेंटों ने पूरे भारत में 5.5 करोड़ निवेशकों को कृषि भूखंड व उनके निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करके धोखा दिया।
भंगू अपने एजेंटों को प्रत्येक निवेशक के पैसे पर 15-20 प्रतिशत कमीशन देता था। वह मल्टी-मार्केटिंग स्कीम की तरह प्रत्येक एजेंट के नीचे और अधिक एजेंट और निवेशक जोड़े रखता था। निवेशकों से पैसे इकट्ठा करने के लिए 11 स्तर के एजेंट थे। पंजाब के कई जिलों के निवेशकों का आठ से दस हजार करोड़ रुपये डूबा है।
सीबीआई कर रही घोटाले की जांच
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चिट फंड कंपनी पर्ल्स की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे। पंजाब के लोगों से पर्ल्स ग्रुप द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच पंजाब पुलिस का ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (बीओआइ) कर रहा है।
यह घोटाला पंजाब के अलग-अलग जिलों में अलावा ट्राईसिटी (चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला) के लोगों से हुआ था। पर्ल्स ग्रुप की 1,465 संपत्तियां रिकार्ड पर हैं, जिनकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित लोढा कमेटी के पास है। पर्ल्स ग्रुप घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पहले से ही कर रही है।
घोटाले में कई लोग गिरफ्तार
पर्ल्स ग्रुप ने गैरकानूनी ढंग से संचालित विभिन्न निवेश योजनाओं से लगभग पांच करोड़ निवेशकों से 60,000 करोड़ के आसपास जमा किए। निवेशकों को धोखा देने के बाद सामने आया कि इसके लिए सरकार से कोई वैधानिक मंजूरी नहीं ली गई थी। पर्ल्स पौंजी घोटाले मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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विदेशों में भी बनाई संपत्ति
भंगू ने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में एक होटल खरीदा और ब्रिसबेन में सैकड़ों घर बनवाए। आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्रेट ली पर्ल्स ग्रुप के ब्रांड एंबेस्डर थे और आइपीएल टीम किग्स इलेवन पंजाब को भी पर्ल्स ग्रुप ने प्रायोजित किया था।
भंगू ने न्यूज चैनल पी-7 भी चलाया तथा उसका व्यवसाय कुछ विश्वसनीय लोगों मुख्य रूप से परिवार के सदस्यों के हाथों में रहा। भंगू के कई राजनेताओं से करीबी संबंध थे। वह पंजाब के एक पूर्व कांग्रेस सांसद के साथ-साथ वरिष्ठ भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं से निकटता से जुड़ा हुआ था।
निवेशकों को 49100 करोड़ रुपये लौटाने को कहा था
सेबी ने भंगू की कंपनी को तीन महीने के भीतर अपने निवेशकों को 49,100 करोड़ रुपये लौटाने को कहा था। कंपनी तथा इसके प्रमोटरों के खिलाफ अनुचित व्यापार व्यवहार तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए कार्यवाही शुरू की थी।
सेबी ने भंगू की कंपनी को और अधिक धन जुटाने से भी रोक दिया था। भंगू के कंपनी समूह में छह सक्रिय निदेशकों में सुखदेव सिंह, राजीव गुप्ता, तरलोचन सिंह, गुरमीत सिंह, सुब्रत भट्टाचार्य व गुरजंट सिंह गिल का नाम आता है। भंगू को उसकी कंपनी के अन्य निदेशकों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
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