Amritpal Singh: खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह क्यों नहीं ले पाया शपथ? वकील ने बयान में कही ये बात
पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह शपथ नहीं ले सका। पार्लियामेंट में कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला के बाद अमृतपाल का नाम पुकारा गया मगर वह मौजूद नहीं था। इसी तरह से कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद भी सांसद की शपथ नहीं ले पाया। अमृतपाल के वकील ने कहा कि रिहाई के लिए पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया था।
पीटीआई, चंडीगढ़। पंजाब की खडूर साहिब सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) संसद सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सका। वह मौजूदा समय में असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अंतर्गत जेल में बंद है। पंजाब से 12 अन्य सांसदों ने मंगलवार को शपथ ली है। प्रदेश में 13 लोकसभा क्षेत्र हैं।
जब संसद में पुकारा गया अमृतपाल का नाम
कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला के संसद में शपथ लेने के बाद, अमृतपाल सिंह का नाम पुकारा गया लेकिन वह मौजूद नहीं था। इसी तरह से इंजीनियर राशिद, जो बारामूला लोकसभा सीट से निर्वाचित है और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। वह भी सोमवार को शपथ नहीं ले सका।
सिंह के वकील ने कही ये बात
सिंह के वकील के अनुसार, अमृतपाल सिंह ने 11 जून को पंजाब सरकार को पत्र लिखकर सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए हिरासत से अस्थायी रिहाई की मांग की थी।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि परिवार को पत्र पर सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख सिंह वर्तमान में एनएसए के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
खडूर साहिब से जीता था चुनाव
अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और 4,04,430 वोट हासिल किए थे। अमृतपाल ने कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के अंतर से हराया था।
हाल ही में, सिंह की हिरासत अवधि 23 अप्रैल से एक साल के लिए बढ़ा दी गई थी। पंजाब सरकार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले 3 जून को विस्तार आदेश जारी किया था।
एक साल पहले लिया गया था गिरफ्तार
अमृतपाल सिंह पिछले साल 23 अप्रैल को पंजाब के मोगा के रोडे गांव में एक महीने से अधिक समय तक चली तलाशी के बाद गिरफ्तार किया गया था। खालिस्तान समर्थक यह व्यक्ति 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच निकला था। उसने अपना वाहन और हुलिया बदल लिया था।
सिंह और उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मचारियों के वैध कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।
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